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ठिठुरती ठंड में प्रशासन के दावों की पोल खोलतीं ये तस्वीरें, पन्नी ओढ़कर सोने को मजबूर लोग
समूचा उत्तर-भारत भीषण कोहरे और शीत लहर की चपेट में है। शाम होते ही घने कोहरे की चादर से पूरा शहर ढक जाता है। लोग सड़कों पर जगह-जगह दुबके दिख रहे हैं। बात अगर कडकड़ाती ठंड में प्रशासन के दावे की करें तो हकीकत इससे बिल्कुल जुदा है।
फतेहपुर: समूचा उत्तर-भारत भीषण कोहरे और शीत लहर की चपेट में है। शाम होते ही घने कोहरे की चादर से पूरा शहर ढक जाता है। लोग सड़कों पर जगह-जगह दुबके दिख रहे हैं। बात अगर कडकड़ाती ठंड में प्रशासन के दावे की करें तो हकीकत इससे बिल्कुल जुदा है। प्रशासन ने रात में कहीं पर भी अलाव जलाने तक की व्यवस्था तक नहीं की है। रैन-बसेरे तो दूर की कौड़ी हैं। प्रशासन के दावों की पोल खुद उसके ही नुमाइंदे खोल रहे हैं जो बता रहे हैं कि एकदम से ठंड आ जाने की वजह से कोई पुख्ता इंतजाम नहीं हो सका है।
ठंड के इस मौसम में जहां ट्रेने घंटों देरी से चल रही हैं वहीं दूर-दूर से आए यात्रियों को पूरी रात स्टेशन पर खुले में बैठकर काटनी पड़ रही है। ठंड की ये तस्वीरें प्रशासन की हीला-हवाली की पोल खोलने को काफी है। ठंड से दुबके लोग स्टेशन पर ट्रेन के इंतजार में पन्नी ओढ़कर सोने को मजबूर हैं। रात में रिक्शा चलाने वाले मजबूरन कूड़े-करकट के ढेर को जलाकर ठंड से बचने की जुगत में हैं।
इस मामले में नगर पालिका के अवर अभियंता लालमणि त्रिपाठी का कहना है कि इस बार ठंड जल्दी आ गई है। जिसकी वजह से कोई इंतजाम नहीं हो पाए हैं। इतना ही नहीं उनका कहना है कि ठंड में जिले में करीब 50 स्थानों को अलाव के लिए चिन्हित किया गया है, लेकिन अलाव कब जलेंगे इसका कोई भी भरोसा नहीं है क्योंकि अभी लकड़ी के लिए टेंडर तक नहीं किए गए हैं।
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