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राजस्व कमी को पूरा करने पर सरकार का बड़ा फैसला, अधिकारियों के लिए जारी हुआ ये आदेश
कोरोना वायरस के कारण देश भर में लागू लाकडाउन के चैथे चरण के शुरू होने से जहां आम आदमी का बजट बिगड़ गया है तो वहीं कम राजस्व आय के कारण प्रदेश सरकार भी धन की कमी के संकट से जूझ रही है।
लखनऊ: कोरोना वायरस के कारण देश भर में लागू लाकडाउन के चैथे चरण के शुरू होने से जहां आम आदमी का बजट बिगड़ गया है तो वहीं कम राजस्व आय के कारण प्रदेश सरकार भी धन की कमी के संकट से जूझ रही है। इसको देखते हुए प्रदेश के वित्त विभाग ने निर्देश जारी कर हवाई यात्रा के अधिकृत अधिकारियों की एक्जक्यूटिव या बिजनेस क्लास में यात्रा पर एक साल के लिए रोक लगा दी है। अब अधिकारी केवल इकानमी क्लास में ही यात्रा कर सकेंगे।
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वीडियों कांफ्रेसिंग से बैठक करने का दिया निर्देश
इतना ही वित विभाग ने सभी सरकारी सम्मेलनों, सेमिनारों व कार्यशालाओं को सरकारी भवनों या परिसरों में ही करने का निर्देश दिया है। वित्त विभाग ने मौजूदा वित वर्ष में ऐसे आयोजनों के लिए होटलों का उपयोग न करने का निर्देश दिया है। साथ ही वित्त विभाग ने सरकारी कार्यों के लिए की जाने वाली यात्राओं को कम करके वीडियों कांफ्रेसिंग से बैठके करने का निर्देश भी दिया है।
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वित विभाग ने जारी किए वर्ष 2020-21 के लिए निर्देश
यूपी के अपर मुख्य सचिव, वित्त संजीव मित्तल ने सोमवार को प्रदेश के सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव और सभी विभागध्यक्षों को वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए हुए फैसलों की जानकारी देते हुए कहा है कि राज्य में केंद्र के सहयोग से कई योजनाएं चल रही हैं। इन योजनाओं में केंद्र के साथ ही प्रदेश सरकार को भी धन देना होता है।
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राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली राशि चरणों में दी जायेगी
मौजूदा स्थितियों में ऐसी योजनाओं में राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली राशि आवश्यकतानुसार चरणों में दी जायेगी। इसके अलावा राज्य पोषित योजनाओं के लिए हर विभाग समीक्षा करके वही योजना चलाये जो बहुत जरूरी हो। शेष योजनाओं को मौजूदा वित वर्ष के लिए स्थगित किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के चालू निर्माण कार्यों के लिए बजट धनराशि दी जाए तथा केवल वही नए निर्माण कार्य शुरू करे जाए जो बहुत जरूरी हो।
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मित्तल ने कहा कि आईटी के इस्तेमाल से विभिन्न विभागों में कई पदों का कोई कार्य नहीं रह गया है। ऐसे पदों को चिन्हित करके इन्हे समाप्त किया जाए तथा इन पदों पर कार्य कर रहे कर्मचारी को विभाग के दूसरे रिक्त पद पर समायोजित किया जाए। उन्होंने कहा कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में कोई भी विभाग नए पद नहीं सृजित करेगा। उन्होंने विभिन्न विभागों में सलाहकार, अध्यक्ष व सदस्य जैसे अस्थाई पदों पर तैनात लोगों के लिए सहयोगी स्टाफ की व्यवस्था अतिरिक्त स्टाफ या आउटसोर्सिंग से करने का निर्देश देते हुए कहा है कि इसके लिए नए पद पर तैनाती नहीं की जायेगी।
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अपर मुख्य सचिव, वित्त ने कहा कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में कार्यालय खर्च, यात्रा व्यय, ट्रांसफर यात्रा व्यय, अवकाश यात्रा सुविधा, कम्प्यूटर मेनटेनेंस आदि स्टेशनरी की खरीद, मुद्रण एवं प्रकाश, विज्ञापन एवं प्रसार और वर्दी व्यय केे खर्च में 25 प्रतिशत की कमी की जाए। इसके साथ ही सभी विभागों के नए वाहन खरीदने पर रोक लगाते हुए न्यूनतम वाहनों का उपयोग करने और जरूरत पड़ने पर आउटसोर्सिंग से वाहन अनुबंध करने का निर्देश दिया है। उन्होंने सरकारी गाड़ियों के रख-रखाव, पेट्रोल-डीजल के खर्च पर विशेष नजर रखने का निर्देश देते हुए खर्च में कमी लाने को कहा है।
रिपोर्ट: मनीष श्रीवास्तव
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