TRENDING TAGS :
आवास विकास परिषद की बोर्ड बैठक में दो जिलों में नई योजनाएं शुरू करने का निर्णय, तीन कर्मचारियों पर गिरी गाज, जांच के आदेश
Housing Board Meeting: आवास एवं विकास परिषद की मंगलवार को 272वीं बोर्ड बैठक में कुल 30 प्रस्ताव रखे गए, जिनमें से 26 को मंजूरी दे दी गई।परिषद ने तीनों मामलों में विभागीय जांच शुरू की है और तीनों कर्मियों की पेंशन अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गई है।
UP housing development council meeting (Photo: social Media)
Housing Board Meeting: उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद की मंगलवार को 272वीं बोर्ड बैठक में कुल 30 प्रस्ताव रखे गए, जिनमें से 26 को मंजूरी दे दी गई। इसमें बुंदेलखंड क्षेत्र के बांदा और चित्रकूट में नई आवासीय योजनाएं शुरू करने का निर्णय लिया गया है। इन दोनों योजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द शुरू हो जाएगी। परिषद ने तीन कर्मचारियों पर जांच बैठाई है। तीनों पर भष्टाचार के आरोप लगे थे। सभी अभियंताओं की पेंशन अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गई है।
9500 आवासीय यूनिट्स का निर्माण
प्रदेश के जनपद बाँदा के ग्राम मवई बुजुर्ग में 136.76 हेक्टेयर क्षेत्र में एक नई आवासीय योजना प्रस्तावित है। इस योजना के अंतर्गत लगभग 9,500 आवासीय यूनिटों का निर्माण होगा। इस परियोजना की कुल लागत 1,390 करोड़ अनुमानित है। आवास विकास परिषद के सचिव नीरज चोपड़ा ने बताया कि इस योजना के तहत धारा-28 के अंतर्गत भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना जारी किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।
चित्रकूट में 4,450 यूनिटों के निर्माण
इस योजना से बांदा क्षेत्र में आवासीय ढांचे के विकास को गति मिलेगी और स्थानीय लोगों को बेहतर आवास सुविधाएं मिल पाएंगी। चित्रकूट के चकला राजरानी, अहमदगंज में 64.894 हेक्टेयर भूमि पर एक नई आवासीय योजना प्रस्तावित की गई है। इस योजना में लगभग 4,450 आवासीय यूनिटों के निर्माण होगा। परियोजना की कुल लागत 894.68 करोड़ है। इस योजना के लिए भी धारा-28 के तहत अधिग्रहण प्रक्रिया आरंभ करने हेतु अधिसूचना जारी कर दी गई है।
तीन इंजीनियरों पर बड़ी कार्रवाई
परिषद के सचिव नीरज शुक्ला ने बताया कि इलाहाबाद में तैनाती के दौरान अवध अभियंता नारायण प्रसाद ने एक ठेकेदार को बिना कार्य कराए 41 लाख का भुगतान कर दिया था। शिकायत के बाद जांच में आरोप सही पाए गए है। जबकि कुछ साल पहले सेवानिवृत्त हो चुका है। प्राथमिक जांच रिपोर्ट में आरोप सही पाएं जानें पर उसकी पेंशन पर रोक लगा दी गई है। अब जांच रिपोर्ट में दोषी पाएं जाने पर पैसे की रिकवरी की जाएंगी।
रिटायर होने के बाद तीनों पर कार्रवाई
इसके अलावा गाजियाबाद में कार्यरत अवर अभियंता दिनेश पाल सिंह और अधिशासी अभियंता सुनील कुमार पर अवैध निर्माण में संलिप्तता के आरोप थे। जो प्राथमिक जांच में सही पाए गए। यह दोनों लोग भी कुछ समय पहले रिटायर हो चुके है। जांच में दोष सिद्ध होने पर पेंशन रोक दी गई है। परिषद ने तीनों मामलों में विभागीय जांच शुरू कर दी है और सभी अभियंताओं की पेंशन अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गई है। अब सवाल उठता है सभी मामलों में रिटायर होने के बाद ही कार्रवाई क्यों हो रही है।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!