Advertisement
Advertisement
TRENDING TAGS :
ये है यूपी मेरी जान, तिरंगे से नहीं तबादले से डर लगता है साहेब!
लखनऊ। यूपी में एक ऐसा भी दफ्तर है, जहां अधिकारी तिरंगा फहराने से कतराते हैं क्योंकि यहां एक अंधविश्वास घर कर गया है कि जो भी अधिकारी 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) या 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) को यहां तिरंगा फहराएगा। उसकी कुर्सी खतरे में पड़ जाएगी। यह धारणा बन गई है कि उस अफसर को यहां से हटाया जा सकता है। इस फेर में अफसर राष्ट्रध्वज खुद नहीं फहराते। ऐसे में लाख टके का सवाल उठता है कि क्या ऐसे अफसरों की कुर्सी का मोह राष्ट्रध्वज से ऊपर है ?
यह है दफ्तर
यह सरकारी दफ्तर गाजियाबाद के लोनी इलाके मे है और उत्तर प्रदेश राज्य औदयोगिक विकास निगम (यूपीएसआईडीसी) के तहत आने वाले सिग्नेचर सिटी का आफिस है। इस कार्यालय में तीन खंड शामिल है। इनमें निर्माण खंड, विदयुत खंड और योजना खंड है। निर्माण और विदयुत खंड की जिम्मेदारी अधिशासी अभियंता के स्तर के अधिकारी के पास है, जबकि योजना खंड में तीन परियोजना अधिकारी तैनात हैं।
क्या है मामला?
हुआ कुछ यूं कि बीते 15 अगस्त को इस दफ्तर के मुखिया की हैसियत से निर्माण खंड के अधिशासी अभियंता नीरज खरे को तिरंगा फहराना था। पर उन्होंने ध्वजारोहण खुद नहीं किया। बल्कि निर्माण खंड के चपरासी जगत सिंह और विदयुत खंड के लाइनमैन एसएन पांडेय से ध्वजारोहण कराया। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक यहां धारणा बन गयी है कि जो भी अफसर 15 अगस्त को यहां तिरंगा फहराता है, वह आने वाली 26 जनवरी को यहां तिरंगा नहीं फहरा पाता और जो अफसर 26 जनवरी को तिरंगा फहराता है तो आने वाले 15 अगस्त के पहले उसकी कुर्सी खतरे में पड़ जाती है। इससे बचने के लिए ही चपरासी और लाइनमैन से ध्वजारोहण कराया गया।
नोएडा के सीएम दौरे को लेकर भी अंधविश्वास
इसी तरह यूपी के सीएम के नोएडा दौरे को लेकर भी अंधविश्वास प्रचलित है कि जो भी सीएम नोएडा का दौरा करता है। वह अपनी कुर्सी नहीं बचा पाता है। समय—समय पर यह देखा भी गया हैै। पिछले पांच सालों में पूर्व सीएम अखिलेश यादव भी कभी नोएडा नहीं गए। उसके पहले सीएम रही मायावती भी पांच सालों तक नोएडा नही गईं। वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अपने पांच महीने के कार्यकाल में अब तक नोएडा नहीं गए हैं।
Next Story
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!