पुलिस एवं पीएसी कांस्टेबलों की भर्ती पर कोर्ट ने योगी सरकार से मांगा स्पष्टीकरण

Rishi
Published on: 16 Sept 2017 9:39 PM IST
पुलिस एवं पीएसी कांस्टेबलों की भर्ती पर कोर्ट ने योगी सरकार से मांगा स्पष्टीकरण
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इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि 34716 पुलिस एवं पीएसी कांस्टेबलों की भर्ती किस आधार पर होगी। कोर्ट ने सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा है कि यह भर्ती 2015 की संशोधित नियमावली के तहत होगी या विज्ञापन वापस लिया जाएगा।

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यह आदेश न्यायमूर्ति तरुण अग्रवाल एवं न्यायमूर्ति अभय कुमार की खंडपीठ ने रणविजय सिंह व विवेकानंद यादव सहित कई अन्य की याचिका पर अधिवक्ता सीमांत सिंह को सुनकर दिया है। मामले के तथ्यों के कांस्टेबल भर्ती लिखित परीक्षा के आधार पर कराई जाती थी लेकिन दो दिसंबर 2015 को सरकार ने भर्ती नियमावली के नियम 15 में संशोधन करके लिखित परीक्षा की जगह हाईस्कूल व इंटर के प्राप्तांक और शारीरिक दक्षता परीक्षा के आधार पर भर्ती करने का निर्णय लिया।

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इसी के तहत 19 दिसंबर 2015 को 34716 पदों पर भर्ती का विज्ञापन भी जारी कर दिया गया। इसे याचिका के माध्यम से चुनौती दी गई तो कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया जारी रखने को कहा लेकिन अंतिम परिणाम पर रोक लगा दी।

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एडवोकेट सीमांत सिंह का कहना है कि इस आदेश के तहत सरकार ने मेरिट लिस्ट बना ली और शारीरिक दक्षता परीक्षा भी करा ली लेकिन अंतरिम आदेश होने के कारण अंतिम परिणाम जारी नहीं हुआ। बाद में प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने पर वर्तमान सरकार ने गत 17 अगस्त को नियमावली के नियम 15 में फिर संशोधन करके लिखित परीक्षा से भर्ती का निर्णय लिया।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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