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UP पुलिस भर्ती 2018 का चयन हाईकोर्ट ने किया अपने आदेशों के अधीन
याचियों की ओर से दलील दी गई है कि 19 जून 2018 के शिफ्ट एक में पूछे गए प्रश्न ‘मौर्य वंश का अंतिम शासक कौन था’ के लिए अंक दिये जाएं , साथ ही गलत विकल्पों वाले प्रश्नों को हटाया जाए।
लखनऊ: इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश सिविल पुलिस व पीएसी के सिपाही पदों के लिए हुई यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा 2018 के चयन को अपने अगले आदेशों के अधीन कर लिया है। कोर्ट के समक्ष परीक्षा की उत्तर कुंजी और चयन सूची पर सवाल उठाया गया है। कोर्ट ने इस मामले पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
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यह आदेश जस्टिस राजेश सिंह चैहान की बेंच ने अमित कुमार गुप्ता व 11 अन्य अभ्यर्थियों की ओर से दाखिल याचिका पर पारित किया। याचियों ने 5 दिसम्बर 2018 की उत्तर कुंजी और 18 फरवरी 2019 को जारी चयन सूची को निरस्त किये जाने व परिणाम को रिवाइज किये जाने की मांग की है।
याचियों की ओर से दलील दी गई है कि 19 जून 2018 के शिफ्ट एक में पूछे गए प्रश्न ‘मौर्य वंश का अंतिम शासक कौन था’ के लिए अंक दिये जाएं , साथ ही गलत विकल्पों वाले प्रश्नों को हटाया जाए।
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राज्य सरकार की ओर से याचिका की पोषणीयता पर सवाल उठाया गया है। सरकार का कहना था कि विसंगतियों के सम्बंध में सभी आपत्तियां दिसम्बर 2018 में निस्तारित कर दी गई थीं लेकिन अब चयन सूची और परिणाम घोषित होने के बाद याचिका दाखिल की गई है।
कोर्ट ने सरकार को जवाबी हलफनामा दाखिल कर अपनी बातें कहने के निर्देश दिये हैं। कोर्ट ने सरकार को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने व व याचियों को उसके अगले दो सप्ताह में प्रत्युत्तर दाखिल करने के निर्देश दिये हैं। मामले की अगली सुनवाई जुलाई के तीसरे सप्ताह में होगी।
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