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सचिवालय कोआपरेटिव बैंक से जमा-निकासी पर अगले तीन माह तक रोक बरकरार
उत्तर प्रदेश सचिवालय कोआपरेटिव बैंक में रिजर्व बैंक ने जमा निकासी पर डेढ़ साल से रोक लगा रखी है। अब इसे तीन महीने के लिए और आगे बढाया गया है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सचिवालय को-ऑपरेटिव बैंक से जमा निकासी पर अगले तीन महीने के लिए रोक बढा दी गई है। सचिवालय संघ के अध्यक्ष यादवेंद्र मिश्र ने इस पर नाराजगी जताई है और कहा कि सचिवालय कर्मचारियों को अनिश्चितकाल तक अधर में लटकाए रखना उचित नहीं है।
RBI ने सचिवालय कोआपरेटिव बैंक में जमा निकासी पर लगा रखी है डेढ़ साल से रोक
उत्तर प्रदेश सचिवालय कोआपरेटिव बैंक में रिजर्व बैंक ने जमा निकासी पर डेढ़ साल से रोक लगा रखी है। अब इसे तीन महीने के लिए और आगे बढाया गया है। इससे सचिवालय के जमाकर्ताओं की आस एक बार और टूट गई है। बैंक के अधिकांश ग्राहक उत्तर प्रदेश सचिवालय के कर्मचारी और पेंशनर हैं। जिन पेंशनर्स और कर्मचारियों का पैसा यहां जमा है, वे परेशान हैं।
जमाकर्ताओं के लिए ये रोक असहनीय
बैंक के जमाकर्ताओं का कहना है कि रिजर्व बैंक की ओर से लगाई गई रोक अब उनके लिए असहनीय होती जा रही है। बैंक खाते में अपनी गाढी कमाई जमा होने के बावजूद वे उसका इस्तेमाल करने में असमर्थ हैं। कई ऐसे जमाकर्ता हैं जो लंबे समय से बीमार हैं लेकिन अपने इलाज के लिए भी कोऑपरेटिव बैंक खाते से पैसा नहीं निकाल पा रहे हैं। सालभर में एक बार सिर्फ एक हजार रुपये निकालने की अनुमति दी गई है इससे किसी का कैसे काम चल सकता है।
सचिवालय संघ के अध्यक्ष यादवेंद्र मिश्र बोले
सचिवालय संघ के अध्यक्ष यादवेंद्र मिश्र ने कहा कि रिजर्व बैंक की रोक जमाकर्ताओं के साथ मजाक है। अगर बैंक के काम- काज पर रिजर्व बैंक को एतराज है तो उसे ऐसे कदम उठाने चाहिए जिससे बैंक के ग्राहकों की समस्या का समाधान हो सके। लोगों को उनकी जरूरत के अनुसार पैसा दिया जाए। रिजर्व बैंक ने डेढ साल से रोक लगा रखी है इतने दिनों में तो किसी भी तरह की जांच प्रक्रिया को संपन्न कर लिया जाना चाहिए था।
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कर्मचारी विरोध जाहिर कर चुके
इस बारे में पहले भी सचिवालय कर्मचारी विरोध जाहिर कर चुके हैं लेकिन अब तक मामले का निपटारा नहीं किया गया। ऐसे में अब सचिवालय संघ की ओर से रिजर्व बैंक से मांग की जाएगी कि वह जल्द ही बैंक के काम-काज को नियमित कराए और बैंक खाता धारकों को उनका जमा धन निकालने की अनुमति दे।
सचिवालय के हजारों कर्मचारी ऐसे हैं जिन्हें बच्चों की शिक्षा, मकान निर्माण और आश्रितों के इलाज आदि के लिए धन की अनिवार्य आवश्यकता है। ऐसे में उन्हें ज्यादा दिनों तक धन निकालने से रोका जाना उचित नहीं है। कोरोना काल में वैसे भी लोगों को आर्थिक संकट का सामना करना पड रह है।
अखिलेश तिवारी
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