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गजब होई गवा: यूपी में गधे की जेल य़ात्रा, छुड़ाने के लिए BJP नेता ने की सिफारिश
दुनिया में जेलों का निर्माण मनुष्यों को सजा देने के लिए किया गया है, लेकिन जब मनुष्यों की जेल में जानवर सजा काटने के लिए बंद हो जाय तो वहां का नजारा कैसा होगा जरा इसकी कल्पना कीजिए।
जालौन:दुनिया में जेलों का निर्माण मनुष्यों को सजा देने के लिए किया गया है, लेकिन जब मनुष्यों की जेल में जानवर सजा काटने के लिए बंद हो जाय तो वहां का नजारा कैसा होगा जरा इसकी कल्पना कीजिए। है तो हैरान कर देने वाली बात लेकिन सच है। यूपी की उरई जेल में सबसे सीधे होने का खिताब पाने वाले जगत विख्यात गधे पूरे चार दिन तक बंद रहे यानी कैद में रहे।गधों के मालिक ने थक हार कर सत्ताधारी पार्टी के एक नेता को जब अपने पशुओं के साथ हो रही नाइंसाफी के बारे में बताया तो नेता जी जेल के आला अधिकारी से सिफारिश करके बेचारे मालिक को उनका गधा वापस दिलाया।
ये सजा बेजुबान क्यों मिली इसके पीछे की कहानी बड़ी दिलचस्प है।ये पूरा मामला उरई जेल का है। दरअसल कुछ दिन पहले जेल सुपरिंटेंडेंट ने जेल को हरा भरा करने के लिए ने करीब 5 लाख रुपए कीमत के पौधे मंगाए थे। जिन्हें जेल के अंदर लगाया जाना था। स्वभाव के मुताविक बाहर घूमने वाले गधों ने हरे पौधों के साथ वही किया जो कोई भी पशु अपना चारा देख कर करता है। अब जेल में ग्रीनरी डेवलप करने की योजना को ध्वस्त होते देख कर जेल सुपरिंटेंडेंट ने बेजुबानों को जेल मेें बंद करने का फरमान सुना दिया।
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सुपरिंटेंडेंट ने गधों को जेल में कैद करके रखा। इस दौरान गधों के मालिक कमलेश ने अपने गधों को छुड़ाने के लिए कई बार सुपरिंटेंडेंट महोदय के चक्कर लगाए पर बात नही बनी। तब कमलेश ने थक हार कर एक स्थानीय बीजेपी नेता से अपनी गुहार लगायी। नेता जी ने जेल में सुपरिंटेंडेंट से मिल कर गधों को जेल से आजाद कराया। पूरे चार दिन तक बेजुबान जेल में बंद रहे।सभी 8 गधे 24 तारीख से जेल में थे।
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