जनहित गारंटी कानून में सुधार को राज्य सरकार ने गठित की हाईपावर कमेटी

Rishi
Published on: 15 Dec 2017 8:50 PM IST
जनहित गारंटी कानून में सुधार को राज्य सरकार ने गठित की हाईपावर कमेटी
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इलाहाबाद : लापरवाह व मनमाने अधिकारियों की जवाबदेही तय कर प्रभावी कार्रवाई के लिए नियमों में बदलाव पर विचार के लिए राज्य सरकार ने हाई पावर कमेटी गठित कर दी है। यूपी जनहित गारंटी अधिनियम 2011 के तहत प्रभावी कदम उठाने के कोर्ट द्वारा उठाये गये मुद्दों पर कमेटी विचार करेगी।

रामदुलारी की याचिका की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति एस.पी केशरवानी ने कमेटी को छह हफ्ते में अपनी संस्तुति के साथ रिपोर्ट सरकार को पेश करने का निर्देश दिया है। साथ ही याचिका की सुनवाई के बाद निर्णय सुरक्षित कर लिया है। प्रदेश के अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार सिंह व अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता इन्द्रसेन सिंह तोमर ने कोर्ट को अपर मुख्य सचिव की 14 दिसम्बर को जारी अधिसूचना की जानकारी दी।

उन्होंने कोर्ट को बताया कि अपर मुख्य सचिव कार्मिक की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गयी है। प्रमुख सचिव न्याय, प्रमुख सचिव वित्त, प्रमुख सचिव प्राविधिक शिक्षा, विषेष सचिव माध्यमिक शिक्षा व विशेष सचिव लोक सेवा प्रबंधन सदस्य होंगे। सरकार की तरफ से इस सम्बन्ध में कार्यवाही के लिए एक माह का समय मांगा था।

कोर्ट ने पूछा था कि क्या सरकार ने अपने अधिकारियों को मनमानी कार्यवाही या कार्य न करने व शक्ति का दुरूपयोग करने पर बचाने के लिए कानून बनाया है। जो नियम बने हैं क्या वे लोगों को परेशान करने वाले नहीं हैं। जनहित गारण्टी अधिनियम के अंतर्गत अधिकारी की मनमानी या अकर्मण्यता के खिलाफ प्रथम अपील, फिर द्वितीय अपील, इसके बाद पुनरीक्षण के बाद जवाबदेही तय करने का नियम बनाकर क्या भ्रष्टाचार पर रोक लग सकेगी।

कोर्ट ने यह भी पूछा है कि क्या कोई नियमावली बनी है। साथ ही क्या 2017 में किसी लापरवाह अधिकारी पर कार्यवाही की गयी है। यदि हां तो किसी भी एक महीने का ब्यौरा पेश करे। इस पर सरकार ने कमेटी गठित की है और समय मांगा है। समिति छह सप्ताह में अपनी संस्तुति देगी।

फर्जी बीएड डिग्री से नियुक्त अध्यापकों पर विभागीय कार्यवाही की छूट, जवाब तलब

इलाहाबाद : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में फर्जी बीएड डिग्री से नियुक्त सहायक अध्यापकों व प्रधानाध्यापकों की बर्खास्तगी की कानूनी प्रक्रिया शुरू करने की छूट दी है। साथ ही याचियों को नियमित वेतन भुगतान जारी रखने व उनके कार्य में हस्तक्षेप न करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि नियमानुसार की गयी कार्यवाही पर यह निर्भर करेगा। कोर्ट सभी संबंधित जिला बेसिक शिक्षाधिकारियों को मांगे जाने पर दस्तावेज याचियों को उपलब्ध कराने का भी आदेश दिया है। याचिका की अगली सुनवाई आठ जनवरी को होगी।

यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने सहायक अध्यापक अजय कुमार व 50 अन्य की याचिका पर दिया है। याचिकाओं में बीएसए द्वारा याचियों को जारी कारण बताओ नोटिस की वैधता को चुनौती दी गयी है। नोटिस में कहा गया है कि फर्जी डिग्री से नौकरी पाने के लिए क्यों न बर्खास्त किया जाय।

एसआईटी जांच में याचियों को 2004-05 में आगरा विवि से जारी बीएड डिग्री को फर्जी बताया है। याची अधिवक्ता सत्येन्द्र चन्द्र त्रिपाठी का कहना है कि बीएसए द्वारा जारी नोटिस सेवा नियमावली के उपबन्धों के विपरीत है। विश्वविद्यालय ने डिग्री निरस्त या वापस नहीं ली है और न ही डिग्री फर्जी मानी है।

एसआईटी रिपोर्ट पर पिछले एक दशक से सेवा कर रहे अध्यापकों को बिना विभागीय जांच किये नहीं हटाया जा सकता। सेवा नियमावली के तहत ही अध्यापकों की सेवा समाप्त नहीं की जा सकती। कोर्ट ने राज्य सरकार व अन्य विपक्षियों से चार हफ्ते में याचिका पर जवाब मांगा है। सुनवाई आठ जनवरी को होगी।

रेलवे जमीन घोटालाः सिटी मजिस्ट्रेट की गिरफ्तारी पर रोक

इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फूलपुर के पूर्व एसडीएम और वर्तमान में बदायूं के सिटी मजिस्ट्रेट राजकुमार द्विवेदी की रेलवे जमीन घोटाले में गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। मजिस्ट्रेट पर आरोप है कि उन्होंने झूंसी स्थित रेलवे की चंदोहा गांव की जमीन पर कुतुबउद्दीन और सलाहउदद्दीन तथा कई अन्य का नाम दर्ज करा दिया। सरकारी जमीन पर गलत इन्द्राज से जमीन बेचने के मामले को लेकर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है। अधिकारियों की मिलीभगत से जमीन पर फर्जी इन्द्राज कराकर करोड़ों का वारान्यारा करने का आरोप है। याचिका की अगली सुनवाई 19 दिसम्बर को होगी।

यह आदेश न्यायमूर्ति गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति अशोक कुमार की खण्डपीठ ने राजकुमार द्विवेदी की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने याची को विवेचना में सहयोग देने का आदेश दिया है।

याची 24 जून 15 से 4 अप्रैल 16 तक फूलपुर में एसडीएम थे। कुतुबउद्दीन व अन्य ने बाद दायर किया जिस पर याची के आदेश से गांव सभा कटका झूंसी व रेलवे की जमीन पर उनका नाम दर्ज हो गया और जमीन बेच दी गयी। याची का कहना है कि चीफ राजस्व अधिकारी की जांच रिपोर्ट में उसे क्लीनचिट दी गयी है और कहा गया है कि आदेश नियमानुसार है।

डीआईओएस बलिया पर कार्रवाई रिपोर्ट तलब

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बलिया के जिला विद्यालय निरीक्षक विजयशंकर मिश्रा के खिलाफ जांच रिपोर्ट के बावत अपर सचिव माध्यमिक से व्यक्तिगत हलफनामा तलब किया है।

कोर्ट ने कहा है कि सचिव जांच रिपोर्ट की अहमियत नहीं समझते। कोर्ट ने अपर सचिव से कृत कार्यवाही के ब्यौरे के साथ व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है। याचिका की सुनवाई 21 दिसम्बर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति अरूण टंडन तथा न्यायमूर्ति राजीव जोशी की खण्डपीठ ने विनोद कुमार राय की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता बृजेन्द्र कुमार मिश्र ने बहस की।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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