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इस जिले के लिये 'मोस्ट वांटेड' बने बीस कोरोना पेशेंट, तलाश में प्रशासन के छूटे पसीने
रिजल्ट आने के बाद इनमें से बीस लोग कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं। जब जिला प्रशासन ने इन लोगों से सम्पर्क करने की कोशिश की तो हकीकत सामने आई।
वाराणसी: देश के दूसरे हिस्सों की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी कोरोना का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। फिलहाल वाराणसी में कोरोना पेशेंट की संख्या डेढ़ हजार के करीब पहुंच चुकी है। इस बीच कोरोना से संक्रमित 20 मरीज जिला प्रशासन के लिये चुनौती बन गए हैं। कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद से ही इन सभी 20 पेशेंट से जिला प्रशासन से सम्पर्क नहीं हो पाया है।
पुलिस कर रही है सरगर्मी से तलाश
पिछले दिनों जिले में कोरोना संक्रमण की घटना को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बड़ी संख्या में लोगों का कोरोना टेस्ट किया। इस दौरान दो दर्जन से अधिक लोगों ने टेस्ट के दौरान भरे जाने वाले डाक्युमेंट पर गलत मोबाईल नम्बर और गलत पता दर्ज करा दिया।
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रिजल्ट आने के बाद इनमें से बीस लोग कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं। जब जिला प्रशासन ने इन लोगों से सम्पर्क करने की कोशिश की तो हकीकत सामने आई। किसी का मोबाइल फोन स्विच आफ है तो किसी का नम्बर ही गलत है।
संक्रमण फैलने का खतरा
कोरोना पॉजिटिव मरीजों से सम्पर्क ना हो पाने से स्वास्थ्य महकमा फिलहाल परेशान है। अधिकारियों को कुछ सूझ नहीं रहा है। पुलिस की मदद ली जा रही है। कोरोना पॉजिटिव मरीजों के खुले में घूमने से संक्रमण का खतरा बढ़ने का खतरा है। इस बारे में सीएमओ डॉ. वीबी सिंह का कहना है कि संबंधित थानों को सूची दी गई है।
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पुलिस की मदद से उन्हें ढूंढ़ा जा रहा है। प्रशासन का मानना है कि लोगों की लापरवाही के कारण ही तेजी से कोरोना संक्रमित बढ़ रहे हैं। एक पॉजिटिव मरीज एक ही दिन में कई लोगों को पॉजिटिव कर सकता है। ऐसे में पॉजिटिव मरीजों को आइसोलेशन में रखना बेहद जरूरी है।
रिपोर्ट- आशुतोष सिंह
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