सावन में बाबा विश्वनाथ के होंगे ऑनलाइन दर्शन, किए जा रहे हैं खास इंतजाम

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के सीईओ गौरांग ने बताया इस बार शहर के 9 यूनी पोल पर लगे एलईडी पर श्री काशी विश्वनाथ बाबा के दर्शन की व्यवस्था की जा रही है।

Aradhya Tripathi
Published on: 30 Jun 2020 11:52 PM IST
सावन में बाबा विश्वनाथ के होंगे ऑनलाइन दर्शन, किए जा रहे हैं खास इंतजाम
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वाराणसी: सावन के पहले बाबा विश्वनाथ के भक्तों को बड़ा तोहफा मिला है। बाबा के दरबार के प्रसाद के लिए भक्तों को अब परेशान नहीं होना पड़ेगा। भक्त अब घर बैठे ही बाबा के दरबार का प्रसाद प्राप्त कर सकेंगे। वाराणसी डाक विभाग ने सावन से पहले प्रसाद की ऑनलाइन सेवा की रिलांचिंग की है।

बाबा विश्वनाथ के होंगे ऑनलाइन दर्शन

आगामी 5 जुलाई से श्रावण मास शुरू होने वाला है और इसकी तैयारियों को लेकर धर्म की नगरी काशी के लोग जुट गए हैं। द्वादश ज्योतिर्लिंग मैं से एक बाबा श्री काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए सावन के महीने में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं । इस बार सावन के महीने में कोरोना को देखते हुए काफी कुछ बदलाव किया जा रहा है। श्रावण मास में दर्शन पूजन करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बाबा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की तरफ से सैनिटाइजेशन के साथी एक साथ मात्र से श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करने और श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मंदिर में तीन एंट्री और तीन एग्जिट द्वार बनाने का निर्णय लिया है।

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श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के सीईओ गौरांग ने श्रावण मास की तैयारियों को लेकर मीडिया से रूबरू हुए। उन्होंने बताया इस बार शहर के 9 यूनी पोल पर लगे एलईडी पर श्री काशी विश्वनाथ बाबा के दर्शन की व्यवस्था की जा रही है। प्रयास हैं कि लाइव कनेक्ट किया जाए नहीं तो डेफर्ड लाइव की व्यवस्था की जाएगी। इस सेवा के माध्यम से कोरोना काल मे भक्तों को बाबा का प्रसाद भस्म, रुद्राक्ष, ड्राई फ्रूट का पैकेट बाबा की तस्वीर और महामृत्यंजय शिव यंत्र मिल जाएगा। वेबसाइट पर जाकर इलेक्ट्रॉनिक मनीआर्डर के माध्यम से पैसा पे करेंगे और अपना पता और मोबाइल नंबर देंगे और उनके पास बुकिंग का मैसेज जाएगा और अगले 72 घण्टे में प्रसाद आपके घर होगा।

कोरोना को देखते हुए बनाए गए नए नियम

कोरोना वायरस को देखते हुए अबकी व्यवस्था में पूरी तरह से सोशल डिस्टेंसिंग और सेनीटाईजेशन का ध्यान रखा जाएगा। मंदिर परिसर को कुछ दिनों में जोन के हिसाब से बांट दिया जाएगा। प्रवेश और निकास के 3-3 द्वार होंगे। इसके अलावा भक्तों की बीच की दूरी 6 फुट की होगी। जिससे सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे। मंदिर को हर 6 घण्टे पर सेनिटाइजेशन किया जाएगा। हैंडवाश और 5 ऑटोमैटिक मशीनें भी लगाई गई है। और इस बात का ख़ास ध्यान रखा जाएगा कि कोई कोई भी बिना मॉस्क अंदर प्रवेश नहीं पाएगा। प्रसाद भी बाहर से ही चढ़ाना होगा।

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बाबा दरबार मे पहले भी ऑनलाइन प्रसाद भेजने की पहल की गई थी। पहले बाबा की विभूति और बेलपत्र भेजे जाते थे। लेकिन अब सेवा की रिलांचिंग हुई और अब प्रसाद के बढ़ने के साथ ही सेवा को बेहतर बनाया गया है। ताकि अगर कोरोना काल में कोई भक्त महादेव के द्वार तक न आ सके तो घर बैठे बाबा का प्रसाद उस तक पहुंच जायेगा। मंडल के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने मंगलवार को इस सेवा का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि इस सेवा के शुरू होने से कोराना काल में भक्तों को लाभ मिलेगा।

रिपोर्ट- आशुतोष सिंह

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