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Kashi Free Pooja: भक्तों की बल्ले बल्ले, काशी के इन मंदिरों में करें ऑनलाइन पूजा
वाराणसी के छह प्रमुख मंदिरों में मुफ्त ऑनलाइन पूजा की शुरुआत, बुकिंग पर भक्तों को प्रसाद और पूजन का वीडियो घर बैठे मिलेगा, 24 पुजारी होंगे नियुक्त।
Kashi Six Temples Worship ( image from AI Social Media)
Kashi Free Pooja: आस्था और आधुनिक तकनीक का अद्भुत संगम दिखाते हुए, धर्म की नगरी काशी ने एक नई आध्यात्मिक क्रांति की शुरुआत की है। अब भक्तों को बाबा विश्वनाथ की नगरी आने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि यहाँ के छह प्रमुख मंदिरों में घर बैठे ही ऑनलाइन पूजा कराने की सुविधा शुरू की गई है, और सबसे बड़ी बात, यह सेवा पूरी तरह से निःशुल्क है।
यह अनूठी पहल बड़ी शीतला मंदिर के महंत परिवार द्वारा शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य देश-विदेश के श्रद्धालुओं को काशी के मंदिरों से सीधे जोड़ना है। इस प्रयास के पीछे महंत पं. शिवप्रसाद पांडेय लिंगिया महाराज की प्रेरणा और उनके पुत्र पं. अवशेष पांडेय कल्लू महाराज का अथक प्रयास है। पं. अवशेष पांडेय ने बताया कि यह सुविधा उन श्रद्धालुओं की परेशानियों को ध्यान में रखकर शुरू की गई है, जो विभिन्न कारणों से काशी नहीं आ पाते।
छह मंदिरों में मिलेगी सुविधा
यह ऑनलाइन पूजन सेवा काशी के इन छह प्रतिष्ठित मंदिरों में उपलब्ध है:
• महालक्ष्मी मंदिर
• बाबा कालभैरव मंदिर
• गौरीकेदारेश्वर मंदिर
• लोलार्केश्वर महादेव मंदिर
• बड़ी शीतला मंदिर
• अन्नपूर्णा मंदिर
इन मंदिरों में भक्तों की सुख-समृद्धि और शांति के लिए उनके नाम और गोत्र के साथ ऑनलाइन पूजन कराया जाएगा। इसके लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
कैसे करें बुकिंग और क्या मिलेगा लाभ?
ऑनलाइन पूजा की बुकिंग के लिए एक खास मोबाइल नंबर जारी किया गया है: 7459016660। श्रद्धालु इस नंबर पर अपना नाम, गोत्र और रहने का पता भेजकर अपनी पूजा बुक करा सकते हैं। पूजन और पंजीकरण की पूरी निगरानी महंत परिवार द्वारा की जाएगी, ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
पूजा होने के बाद, बाहर के भक्तों को प्रसाद और पूजन का वीडियो कूरियर के माध्यम से भेजा जाएगा, जबकि स्थानीय भक्तों को मंदिर में बुलाकर प्रसाद और वीडियो दिया जाएगा। इस सेवा को सुचारू रूप से चलाने के लिए इन छह मंदिरों में कुल 24 पुजारियों को नियुक्त किया गया है, यानी हर मंदिर में चार पुजारी इस कार्य को संभालेंगे।
इस पवित्र पहल की शुरुआत 14 सितंबर को जीवित्पुत्रिका व्रत के पावन अवसर पर माँ संतान लक्ष्मी के ऑनलाइन पूजन के साथ हुई, जिसे सोरहिया मेले के दौरान आयोजित किया गया। यह कदम धर्म और तकनीक को जोड़ने का एक बड़ा उदाहरण है, जो दूर बैठे भक्तों को भी अपनी आस्था से जुड़ने का मौका देगा।
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