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Varanasi News: 11 साल बिना ब्रेक ऐसे बने PMO के मिस्टर भरोसेमंद कौशल राज शर्मा
IAS Kaushal Raj Sharma: वाराणसी में साढ़े पांच साल तक प्रशासनिक चमत्कारी कार्यकाल निभाने वाले कौशल राज शर्मा ने काशी को विकास की नई राह दिखाई। PMO के भरोसेमंद अफसर ने शहर में 27250 करोड़ की परियोजनाओं से कायाकल्प किया, लॉकडाउन में आम आदमी का रूप धारण किया
IAS Kaushal Raj Sharma
IAS Kaushal Raj Sharma: वाराणसी में साढ़े पांच साल की "कौशल युग" का पटाक्षेप हो चुका है, लेकिन पीछे छूट गई है एक ऐसी प्रशासनिक गाथा, जिसे आने वाली पीढ़ियां भी याद रखेंगी। पहले जिलाधिकारी और फिर मंडलायुक्त के तौर पर कार्यरत रहे कौशल राज शर्मा ने काशी की गली-गली में विकास की नई इबारत लिखी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सीधी निगरानी में काम करने वाले इस करिश्माई अधिकारी ने वाराणसी को प्रशासनिक प्रयोगशाला में तब्दील कर दिया—और हर प्रयोग बना मिसाल!
PMO के सबसे भरोसेमंद अफसर
PMO का भरोसेमंद सिपहसालार कौशल राज शर्मा शायद इकलौते ऐसे अफसर हैं, जिन्होंने प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में 25 बार उनके दौरे, 4 राष्ट्रपति, 3 उपराष्ट्रपति, 25 राज्यपाल और 98 बार मुख्यमंत्री का आगमन बिना किसी खोट के संपन्न कराया। यही नहीं, उन्हें प्रधानमंत्री मोदी के हाथों ‘बेस्ट सिविल सर्वेंट’ का पुरस्कार भी मिला—सिविल सेवकों के लिए ये पदक नहीं, गौरवगाथा है!
Lockdown में कालाबाजारियों को पकड़ने के लिए बने थे आम आदमी
लॉकडाउन में ‘कॉमन मैन’ बना डीएम कोविड लॉकडाउन के दौरान कौशल राज शर्मा और तत्कालीन एसएसपी प्रभाकर चौधरी जब आम आदमी के वेश में कालाबाजारी पकड़ने निकल पड़े थे, तो पूरा प्रशासन दंग रह गया था। न योजना में कमी, न क्रियान्वयन में—कोरोना काल में वाराणसी मॉडल बना ‘नेशनल केस स्टडी’!
विकास का बम, योजनाओं की बरसात
27250 करोड़ की 320 परियोजनाएं लोकार्पण और 15340 करोड़ की 101 योजनाओं पर कार्य, शहर का ऐसा कायाकल्प किया कि वाराणसी ‘स्मार्ट सिटी’ नहीं, ‘सुपर सिटी’ बन गई। एयरपोर्ट से लेकर रोप-वे, घाट से लेकर गलियों तक हर कोना चमका, हर योजना समय पर पूरी हुई। श्री काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का निर्माण हो या महाकुंभ-2025 की तैयारी—हर मोर्चे पर शर्मा की सख्त मॉनिटरिंग का असर साफ झलका।
ज्ञानवापी केस में मिला क्राइसिस कमांडर का दर्जा
सबसे नाजुक ऑपरेशन में भी मास्टरस्ट्रोक ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कोर्ट कमीशन, ASI सर्वे और तहखाना पूजा जैसे संवेदनशील मामलों को जिस शांति और कुशलता से संभाला गया, उसने कौशल राज को ‘क्राइसिस कमांडर’ का दर्जा दिला दिया।
11 साल में नहीं लिया कोई ब्रेक
11 साल फील्ड में, बिना ब्रेक—ये कोई आम बात नहीं! मुजफ्फरनगर से वाराणसी तक, 11 साल तक लगातार फील्ड पोस्टिंग में काम करना अपने आप में रिकॉर्ड है। न थकान, न रुकावट—हर पद पर ‘फिनिशिंग टच’ देना कौशल राज शर्मा की पहचान बन चुकी है। अब शासन में नई भूमिका अब जब वह शासन में बड़ी भूमिका के लिए रवाना हो रहे हैं, तो काशी की आवाम और प्रशासन की जुबान पर एक ही बात है—“ऐसा अफसर न देखा, न सुना!”
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