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Varanasi News: PM के आगमन से पहले ही किसानों का जोरदार प्रदर्शन, 18 को मोदी वाराणसी में करेंगे किसान सम्मेलन
Varanasi News: बनारस के किसानों की आवाज उठाने वाले विनय शंकर राय मुन्ना ने कहा कि आज उन्होंने एक अहम बैठक बुलाई थी।
Varanasi News (Pic: Newstrack)
Varanasi News: काशी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री 18 जून को वाराणसी आ रहे हैं जहा वह 50000 किसानों को संबोधित करेंगे बड़ी सौगात देंगे। यही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों को पीएम किसान निधि किस्त जारी करेंगे। प्रधानमंत्री के आने से पहले ही वाराणसी में शास्त्री घाट पर किसानों ने एक बैठक की है। इस पंचायत बैठक में किसानों ने वाराणसी प्रशासन और पीएमओ से यह मांग की है कि 18 जून को प्रधानमंत्री आगमन पर उन्हें प्रधानमंत्री से मिलने दिया जाए। उन्होंने कहा है कि हम प्रभावित किसान हैं। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री हमारा भी हाल-चाल लेने और यह पता करें कि वाराणसी में किसान क्यों परेशान है।
बनारस के किसानों को उजाड़ने की हो रही है कोशिश
बनारस के किसानों की आवाज उठाने वाले विनय शंकर राय मुन्ना ने कहा कि आज उन्होंने एक अहम बैठक बुलाई थी। क्योंकि 18 जून को वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री वाराणसी आ रहे हैं और वह 18 जून को किसानों के साथ एक बैठक करने के लिए ही आ रहे हैं जिसमें हम जैसे किसानों को भी उनके सामने अपनी बात रखने के लिए प्रशासन द्वारा व्यवस्था किया जाए। बिना रानी कहा कि बनारस में भूमि अधिग्रहण कानून उल्लंघन का खुला खेल हो रहा है। इसीलिए चुनाव में किसानों ने उनका विरोध किया और मछली शहर विधानसभा और चंदौली विधानसभा का जो क्षेत्र वाराणसी में लगता है वहां हारने का काम किया।
विनय शंकर राय ने कहा कि वाराणसी में कुल 11 योजनाओं में प्रस्तावित है। इसमें ट्रांसपोर्ट नगर, एक्सपो वर्ल्ड सिटी, वैदिक सिटी, रिंग रोड फेज 3, गंजारी क्रिकेट स्टेडियम, काशी द्वारा योजना, जीटी रोड आवासीय योजना, गोबर गैस प्लांट, रिंग रोड फेज 2, विद्या निकेतन, वरुण बिहार, मेडिसिटी के अंतर्गत वाराणसी के 73 गांव की किसान प्रभावित हो रहे है। जिनकी संख्या एक लाख 73 हजार के करीब है।इनमे उनकी लगभग 3923 एकड़ यानी 6276 बीघा जमीन जा रही है।
किसानों से बिना बात किए किसान सम्मेलन करना उनके साथ धोखा
किसानों ने कहा कि प्रभावित किसानों का प्रतिनिधिमंडल आपसे संवाद कर अपनी समस्या भूमि अर्जन एवं पुनर्वास कानून 2013 के आधार पर वैधानिक तरीके से त्वरित निस्तारण कराकर विकास में सहभागी बनना चाहते हैं और जो योजना पूर्णतया अवैधानिक या अव्यवहारिक है, उसको भी उक्त कानून के आधार पर निरस्त कराकर न्यायोचित कार्य कराकर आपके सानिध्य में वाराणसी के विकास में सहभागी बनना चाहते हैं। लेकिन अगर वाराणसी के उक्त 11 योजनाओ के 73 गांवो के लाखों परेशान किसानों से बिना संवाद किये आपका 18 जून का मेहदीगंज में आयोजित किसान संवाद वाराणसी के किसानों के साथ धोखा होगा। क्योंकि उक्त किसान संवाद पीड़ित वाराणसी के किसानों को और चिढ़ाने और उनके पीड़ा पर नमक लगाने वाला होगा, जिसको वाराणसी का किसान सहन नहीं कर पायेगा।
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