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सतीश की शहादत पर गांव में मातम, मगर वह तो इसी जज्बे से गए थे FORCE में
मेरठ: पांपोर के आतंकी हमले में शहीद बली गांव निवासी सतीश चंद की याद में पूरा गांव रोया। सतीश सीआरपीएफ में थे और कश्मीर के पुलवामा में तैनात थे।
छोड़ गए रोता परिवार
-शनिवार को जब पूरा परिवार साथ बैठा था, तभी डिप्टी कमाडेंट जितेंद्र सिंह ने फोन पर सतीश चंद की शहादत की खबर दी।
-खबर मिलते ही सतीश की मां बाला देवी बेहोश हो गईं और पूरे गांव में मातम पसर गया।
-सतीश की शादी सन 2004 में हुई थी।
-सतीश अपने बिलखते परिवार में पत्नी सावित्री और दो बेटियों, छह वर्ष की रिशिका और चार वर्ष की अनु को छोड़ गए हैं।
शहादत का था जज्बा
-सतीश का जन्म बली गांव के किसान सतपाल सिंह के घर में हुआ था।
-सतपाल सिंह के छोटे बेटे सतीश 2002 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे।
-बड़े पुत्र अशोक रुडकी की कम्पनी में नौकरी करते हैं, जबकि दो बहनें हैं।
-परिजनों ने बताया कि सतीश में बचपन से ही फोर्स में जाने का जज्बा था।
दो माह पहले आए थे गांव में
-सतीश चंद पिछली 14 अप्रैल को चचेरे भाई की शादी में गांव आए थे।
-शनिवार सुबह ही उन्होंने पत्नी सावित्री को करीब 11 बजे कॉल करके जल्द ही फायर ट्रेनिंग पर जाने की सूचना दी थी।
-वह छह साल लखनऊ में डीआइजी के यहां कम्पयूटर रेंज पर रह चुके है।
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