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Sonbhadra Crime News: झूठा साक्ष्य गढ़ने में छत्तीसगढ़ की महिला डॉक्टर पर दर्ज होगा मुकदमा
दुष्कर्म के आरोपी को फर्जी तरीके से भर्ती दिखाकर सोनभद्र की अदालत में झूठी गवाही देने का मामला सामने आया है।
कोर्ट हैमर की फाइल तस्वीर (फोटो साभार-सोशल मीडिया)
Sonbhadra Crime News: छत्तीसगढ़ के वाड्रफनगर स्थित 100 बेड के सरकारी अस्पताल में तैनात एक महिला चिकित्सक द्वारा दुष्कर्म के आरोपी को फर्जी तरीके से भर्ती दिखाकर सोनभद्र की अदालत में झूठी गवाही देने का मामला सामने आया है। सुनवाई के दौरान सच्चाई सामने आने के बाद कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए उक्त महिला चिकित्सक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश पारित किए हैं। इस मुकदमे की सुनवाई भी सोनभद्र के अदालत में ही की जाएगी।
अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट पंकज श्रीवास्तव की अदालत ने बुधवार को बीजपुर थाना क्षेत्र में आठ साल पूर्व हुए दुष्कर्म के मामले में पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन करते हुए पाया कि छत्तीसगढ़ के वाड्रफनगर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सा अधिकारी के रूप में तैनात डॉ. कामिनी राय ने आरोपी कृष्णावतार के पक्ष में मेडिकल सर्टिफिकेट जारी किया है। इसमें उन्होंने आरोपी का इलाज स्वयं के अधीन 22 से 27 जून 2013 तक किए जाने की बात अंकित की है।
अदालत में भी आकर उन्होंने इस बात को अपने बयान में दर्ज कराया है, लेकिन जब वहां के खंड चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर गोविंद सिंह को रजिस्टर के साथ तलब कर बयान दर्ज किया गया तो पता चला कि उक्त तिथि यानी 22 जून, 2013 को उस अस्पताल में सिर्फ 19 मरीजों का इलाज रजिस्टर में नाम दर्ज हुआ था। सभी नाम हिंदी में लिखे गए थे लेकिन बाद में 20वें नंबर पर आरोपी कृष्णावतार का नाम अंग्रेजी में बढ़ा दिया गया। अगले कार्य दिवस 24 जून के रजिस्टर के अवलोकन से भी यह बात प्रमाणित हुई। रजिस्टर के अवलोकन से प्रकाश में आया कि 22 जून को 19वें मरीज का क्रमांक 4516 अंकित था। इसके बाद अगले कार्य दिवस 24 जून को क्रमांक की शुरुआत 4517 से हुई है। इसीलिए 22 जून को दर्ज किए गए 20वें नाम का कोई क्रमांक दर्ज दिखाना संभव नहीं हो पाया।
खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. गोविंद सिंह ने अपने बयान में भी यह अभिकथित किया है कि 22 से 27 जून, 2013 के बीच उनकी जानकारी में कृष्णावतार नाम के व्यक्ति का न तो वाड्रफनगर अस्पताल में इलाज हुआ, न तो कोई दवा पर्ची कटी, न ही उनके कब्जे में रजिस्टर रहने तक 22 जून की तिथि को उपचार के लिए आए मरीजों के दर्ज नाम में 20वें नंबर पर कोई नाम ही दर्ज था। बुधवार को इसको लेकर निर्णय पारित करते हुए कोर्ट ने पाया कि महिला चिकित्सक ने आरोपी से दुरभिसंधि करके उसे आपराधिक प्रकरण से बचाने के लिए न्यायालय के सामने झूठा बयान दिया है।
इसको गंभीरता से लेते हुए अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट पंकज श्रीवास्तव ने कार्यालय को निर्देश दिया कि डॉ. कामिनी राय चिकित्सा अधिकारी 100 बेड अस्पताल वाड्रफनगर, जिला बलरामपुर, छत्तीसगढ़ के खिलाफ 344 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत न्यायालय के समक्ष झूठा साक्ष्य दर्ज कराने के मामले में अभियोग पंजीकृत किया जाए। अदालत की इस कार्रवाई से आरोपी पक्ष में हड़कंप की स्थिति बनी रही।
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