World Parkinson's Day: पार्किंसन रोग क्या है, योगाचार्य ओम नारायण अवस्थी ने पार्किंसन रोग को लेकर बताई बड़ी बातें

पार्किंसंस रोग एक न्यूरोलॉजिकल (तंत्रिका तंत्र से जुड़ी) बीमारी है, जिसमें दिमाग के कुछ हिस्सों में डोपामाइन नामक रासायनिक पदार्थ की कमी हो जाती है।

Virat Sharma
Published on: 11 April 2025 10:43 PM IST
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World Parkinson's Day: आज विश्व पार्किंसन दिवस है, और हर साल 11 अप्रैल को इस दिवस को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य है। पार्किंसन रोग के बारे में लोगों को जागरूक करना, इसके लक्षण, इलाज और मरीजों की समस्याओं को समझना और सपोर्ट करना है।

पार्किंसन रोग क्या है

पार्किंसंस रोग एक न्यूरोलॉजिकल (तंत्रिका तंत्र से जुड़ी) बीमारी है, जिसमें दिमाग के कुछ हिस्सों में डोपामाइन नामक रासायनिक पदार्थ की कमी हो जाती है। और यह रोग धीरे-धीरे बढ़ता है और मुख्य रूप से शरीर की गति और संतुलन को प्रभावित करता है। पार्किंसन रोग एक प्रगतिशील न्यूरोलॉजिकल विकार है जो गति और संतुलन को प्रभावित करता है।

पार्किंसन रोग वात नाड़ी के असंतुलन से होता है: योगाचार्य

डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के योगाचार्य ओम नारायण अवस्थी ने पार्किंसन रोग को लेकर बताया कि मानव शरीर का प्रमुख अंग मस्तिष्क है, मस्तिष्क में असंतुलन और डोपामाईन नामक तत्व के काम होने से पार्किंसन रोग उत्पन्न होता है। योगाचार्य ओम नारायण अवस्थी ने बताया कि आयुर्वेद का मानना है कि पार्किंसन रोग वात नाड़ी के असंतुलन से होता है, इसलिए इसे कंपावत भी कहते हैं। वात पित्त और कफ को संतुलित करके इस बीमारी को काम किया जा सकता है।

योगाचार्य ओम नारायण अवस्थी ने बताया कि प्रकृति और मानव की रचना पांच तत्वों से हुई है। आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी इन पांच तत्वों में जब असंतुलन होता है तो शरीर बीमार होने लगता है। उन्होंने बताया कि आकाश और वायु तत्व के असंतुलन से वात दोष उत्पन्न होते हैं। पार्किंसन रोग भी वात दोष के कारण ही होता है। इस प्रकार पृथ्वी अग्नि और जल तत्व के असंतुलन से पित्त दोष जल और पृथ्वी तत्व के असंतुलन से कफ दोष उत्पन्न होते हैं।

पार्किंसन रोग में योग प्रबंधन

योग सुक्ष्य व्यायाम: गर्दन, कंधे, कोहनी, कलाई, हाथ की उंगलियां, कूल्हा जोड़, घुटना और पंजे आदि का व्यायाम

स्थूल व्यायाम: रेखा गति व्यायाम, कदमताल स्ट्रेचिंग

योगासन: सेतुबंध आसान मार्केट आसान, भाग 1 और 2 प्राणायाम: उदर प्राणायाम, नाड़ी शोधन, भ्रामरी प्राणायाम प्रत्याहार साधना: योग निद्रा

क्या है मुख्य लक्षण

1. कंपन- हाथ, पैर, या जबड़े में कंपन

2. गति की कमी - गतिविधियों को करने में कठिनाई

3. संतुलन और समन्वय में समस्याएं: चलने या खड़े होने में कठिनाई

4. मांसपेशियों में जकड़न (रिगिडिटी): मांसपेशियों में जकड़न या अकड़न

5. उम्र: 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में अधिक आम।

6. आनुवंशिक: परिवार के इतिहास में पार्किंसंस रोग होने की संभावना।

7. कीटनाशकों और भारी धातुओं के संपर्क में आना।

Virat Sharma

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