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Lok Sabha Election: जानें क्यों कटा रमेश बिंद का टिकट, चुनाव दर चुनाव बदलती रही डिग्री
Loksabha Election: National Election Watch की साइट पर इनकी शैक्षणिक योग्यता एसएबीएचएस स्कूल , चंदईपुर मिर्ज़ापुर से 1988 में यूपी बोर्ड से दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण लिखी हैं।
Loksabha Election 2024: उत्तर प्रदेश के भदोही सीट से भाजपा सांसद रमेश बिंद जब जब चुनाव लड़ते हैं। तब तब उनकी पढ़ाई के दस्तावेज यानी डिग्री बदलती चली जाती है। वह कभी वह बीएएमएस डिग्री धारी आयुर्वेद के डॉक्टर हो जाते हैं। कभी वह अपने शपथ पत्र में खुद को जूनियर हाईस्कूल पास बता देते हैं। तो कभी दसवीं पास होने का दावा कर बैठते हैं। यह कम दिलचस्प नहीं है कि रमेश बिंद की डिग्री व दल दोनों इतनी तेज़ी से बदलते हैं कि उनके मतदाताओं को ही समझने में दिक़्क़त होने लगी है। इसी के साथ सांसद रमेश बिंद ने अपने कार्यकाल के दौरान सवर्णों के खिलाफ भी कम ज़हर नहीं उगला। जिसके ऑडियो भी उनके संसदीय क्षेत्र में आसानी से सुने जा सकते हैं। ये ही वे वजहें जिनके चलते इस बार के लोकसभा चुनाव में बिंद को भाजपा ने टिकट देना बेहतर नहीं समझा। भदोही सीट पर गठबंधन की ओर से ब्राह्मण उम्मीदवार उतार देने के कारण भाजपा के पास बिंद नेता नहीं होने के बाद भी पार्टी ने रमेश बिंद से कन्नी काट ली। भाजपा ने निषाद पार्टी के विधायक डॉ विनोद कुमार बिंद को गोद लेना पड़ा।
7 मार्च, 1974 को जन्मे रमेश बिंद हाल फ़िलहाल भारतीय जनता पार्टी के भदोही लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं। रमेश बिंद ने अपने सियासी पारी की शुरुआत 2002 के विधानसभा चुनाव में बसपा के उम्मीदवार के तौर पर शुरु की। बसपा में रमेश बिंद को मझवा विधानसभा से मैदान में उतारा था। फिर पाँच साल बाद यानी 2007 में बसपा से ही इसी सीट से चुनावी मैदान में उतरे और विजय दर्ज कराई। इस चुनाव में जीतने के बादली वह मंत्री पद से चूक गये।
2014 में रमेश बिंद ने अपनी पत्नी समुंद्रा बिंद को मिर्ज़ापुर लोकसभा से बसपा के टिकट पर मैदान में उतारा। इस चुनाव में भाजपा गठबंधन की उम्मीदवार अनुप्रिया पटेल थीं। जो विजय रहीं। 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ें और सुरुचिता मौर्य से पराजित हो गये। पर हवा का रुख़ भाँप कर इन्होंने भाजपा का दामन थामा। भदोही संसदीय क्षेत्र से भाजपा ने रंगनाथ मिश्र व रमाकान्त यादव के खिलाफ उतारा। रमेश बिंद विजयी रहे।
भारत सरकार की साइट India.gov.in पर जाये तो रमेश बिंद की शैक्षणिक योग्यता के बारे में जानकारी यह मिलती है कि वह बीएएमएस डिग्री धारी हैं। National Election Watch की साइट पर इनकी शैक्षणिक योग्यता एसएबीएचएस स्कूल , चंदईपुर मिर्ज़ापुर से 1988 में यूपी बोर्ड से दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण लिखी हैं।
2019 के लोकसभा चुनाव में रमेश बिंद द्वारा दाखिल हलफ़नामे के आधार पर यह लिखने का साइट ने दावा किया है। जबकि आठवीं पास का दावा 2007 में बसपा से चुनाव लड़ते समय दिये गये हलफ़नामे के मुताबिक़ दर्ज किया बताया गया है। वैसे हमारे लोकतंत्र में माननीयों की डिग्री का कोई मतलब होता ही नहीं है।