Lucknow News: अंगदान में महिलाओं का अहम योगदान: महिलाएं बनीं ट्रांसप्लांट के लिए प्रमुख डोनर, अंगदान को लेकर सामाजिक मानसिकता बदलना जरूरी: डॉ. सोमानी

बुधवार को वर्ल्ड लिवर डे के मौके पर अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल लखनऊ ने एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया।

Virat Sharma
Published on: 16 April 2025 7:57 PM IST
Lucknow News
X

Lucknow News: Photo-Social Media

Lucknow News: बुधवार को वर्ल्ड लिवर डे के मौके पर अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल लखनऊ ने एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य लिवर डोनेशन और ट्रांसप्लांट से जुड़े मिथकों और डर को दूर करना था। कार्यक्रम में वे मरीज और उनके डोनर्स भी शामिल हुए, जिन्होंने लिवर ट्रांसप्लांट के बाद सामान्य जीवन में वापसी की है और अब दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुके हैं। दिल्ली, मुंबई और हैदराबाद जैसे शहरों में लिवर ट्रांसप्लांट कराने पर मरीजों को 1.5 से 2 महीने तक वहां रहना पड़ता है, जिससे इलाज की लागत काफी बढ़ जाती है। इसके विपरीत, अपोलोमेडिक्स में यह प्रक्रिया लखनऊ में ही उपलब्ध है, जिससे मरीजों को अतिरिक्त खर्च से राहत मिलती है।

अपोलोमेडिक्स ने वर्ष 2021 में लिवर ट्रांसप्लांट की शुरुआत की थी और तब से अब तक कई सफल ट्रांसप्लांट किए हैं। अस्पताल उत्तर प्रदेश का पहला संस्थान है, जिसने राज्य में लिविंग डोनर और कैडेवेरिक (मृतक) लिवर ट्रांसप्लांट दोनों किए हैं। डॉक्टरों ने जानकारी दी कि लिवर ऐसा अंग है जो ट्रांसप्लांट के बाद कुछ ही हफ्तों में दोबरा आकार ग्रहण कर लेता है, जिससे डोनर की सेहत पर कोई गंभीर असर नहीं पड़ता।

सुरक्षित और असरदार है लिवर ट्रांसप्लांट प्रक्रिया

कार्यक्रम के दौरान सीनियर कंसल्टेंट एवं हेड–लिवर ट्रांसप्लांट, एचपीजी एवं जीआई सर्जरी, अपोलोमेडिक्स डॉ. आशीष मिश्रा, ने बताया कि लिवर एक ऐसा अंग है जिसे शरीर के बाहर ट्रांसप्लांट किया जा सकता है और यह जल्दी ठीक हो जाता है। डोनर को एक महीने के भीतर सामान्य गतिविधियों में लौटने का मौका मिल जाता है जबकि मरीज करीब तीन महीने में सामान्य जीवन जीने लगता है। डॉ. आशीष मिश्रा ने बताया कि भारत में हर साल 25 हजार से 30 हजार मरीजों को लिवर ट्रांसप्लांट की आवश्यकता होती है, लेकिन इनमें से केवल 3 हजार को ही यह सुविधा मिल पाती है। इससे भी ज्यादा चिंताजनक तथ्य यह है कि इनमें से केवल 10 प्रतिशत ट्रांसप्लांट कैडेवेरिक डोनर से संभव हो पाते हैं।

अब तक 25 से अधिक सफल ट्रांसप्लांट

अपोलोमेडिक्स के एमडी और सीईओ डॉ. मयंक सोमानी ने बताया कि अब तक अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में 25 से अधिक लिवर ट्रांसप्लांट सफलतापूर्वक किए जा चुके हैं, जिनमें से 23 लिविंग डोनर और 2 कैडेवेरिक डोनर से हुए हैं। यह हमारी मेडिकल टीम की दक्षता और अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का परिणाम है। उन्होंने कहा कि अंगदान को लेकर समाज में मौजूद मानसिकता को बदलना बेहद जरूरी है। जब तक मिथकों और डर को दूर नहीं किया जाएगा, तब तक ज्यादा लोग इस जीवन रक्षक प्रक्रिया में भाग नहीं लेंगे।

Virat Sharma

Virat Sharma

Lucknow Reporter

Lucknow Reporter

Next Story