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बिसाहड़ा में बिगड़ सकता है माहौल: रातभर अनशन करती रही महिलाएं, प्रशासनिक अमला खामोश
बिसाहड़ा कांड में अखलाक के भाई जान मोहम्मद की गिरफ्तारी को लेकर सरगर्मी बढ़ती जा रही है। शनिवार को रातभर महिलाएं आमरण अनशन करती रहीं। उनकी इस मांग में महिलाओं के अलावा गांव के बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हो चुके हैं। साध्वी हरी सिधकी ने स्पष्ट कहा कि जब तक जान मोहम्मद की गिरफ्तारी नहीं होती वह और उनके साथी प्रदर्शन करते रहेंगे।
अनशन में बैठीं महिलाएं और बच्चे
नोएडा: बिसाहड़ा कांड में अखलाक के भाई जान मोहम्मद की गिरफ्तारी को लेकर सरगर्मी बढ़ती जा रही है। शनिवार को रातभर महिलाएं आमरण अनशन करती रहीं। उनकी इस मांग में महिलाओं के अलावा गांव के बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हो चुके हैं। साध्वी हर सिद्धि गिरी ने स्पष्ट कहा कि जब तक जान मोहम्मद की गिरफ्तारी नहीं होती वह और उनके साथी प्रदर्शन करते रहेंगे।
समझाने का भी नहीं दिखा असर
साध्वी और अनशन कर रहीं महिलाओं को समझाने के लिए शनिवार रात जारचा थाना प्रभारी प्रदीप भी मंदिर पहुंचे। उन्होंने करीब दो घंटे तक सभी महिलाओं को समझाया। इसके बाद भी धरना प्रदर्शन खत्म नहीं हुआ। जारचा थाना प्रभारी प्रदीप ने कहा कि यह जांच का विषय है। फारेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ किया जा सकता है।
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बिगड़ सकती है हालत
धरने पर बैठी अधिकांश महिलाओं उम्रदराज हैं। ऐसे में आमरण अनशन उनकी सेहत के लिए काफी घातक हो सकता है। बता दें कि रविवार तड़के दो से तीन महिलाओं को हल्के चक्कर की शिकायत भी हुई थी।
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महिलाओं ने लगाया आरोप
धरने पर बैठीं महिलओं ने आरोप लगाया कि 28 सितंबर को जब घटना हुई उसके एक महीने तक गांव में सियासी हलचल रही। बड़े-बड़े राजनेताओं के साथ सभी दल के नेता अखलाक के परिवार से मिलने पहुंचे, लेकिन अब जब यह स्पष्ट हो गया कि अखलाक के घर जो मांस मिला था वह गौ वंश का था तो जितने भी आरोपी बनाए गए, उन्हें छोड़ा क्यों नहीं जाता।
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किसी अधिकारी और नेता ने नहीं ली सुध
चार दिन से प्रदर्शन के बाद भी प्रशासन की ओर से एक भी अधिकारी महिलाओं से मिलने नहीं पहुंचा और न ही उनका हाल चाल लिया। आरोप यह भी है कि दबाव डलवाकर उनका अनशन समाप्त करने की कोशिश की जा रही है। उधर गांव में पुलिस के अलावा इंटेलिजेंस विंग के तमाम लोग मौजूद है।
क्या था मामला?
- 28 सितंबर को दादरी इलाके के एक मंदिर में घोषणा की गई कि गाय का एक बछड़ा मार दिया गया है।
- इसके बाद भीड़ ने 52 साल के मोहम्मद अखलाक को उसके घर से बाहर घसीटा और पीट-पीटकर मार डाला।
- भीड़ ने अखलाक के बेटे दानिश को भी पीटा, जिसके इलाज के लिए कई ऑपरेशन किए जा चुके हैं।
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