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देहरादून में बादल फटने से भयंकर तबाही, तेज बहाव में बह गई दुकानें, लापता हुए कई लोग
देहरादून के सहस्त्रधारा में बादल फटने से भयंकर तबाही मच गई। तेज बहाव में दुकानें और गाड़ियां बह गईं, कई लोग लापता हैं। SDRF-NDRF टीमें राहत-बचाव में जुटीं, प्रशासन ने स्कूलों में छुट्टी घोषित की।
Dehradun-Sahastradhara Cloud Burst: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सोमवार रात कुदरत का कहर टूट पड़ा। शहर के मशहूर पर्यटन स्थल सहस्त्रधारा में अचानक बादल फटने की घटना हुई, जिसके बाद नदी में आए तेज बहाव ने सबकुछ तहस-नहस कर दिया। इस भयावह घटना में कई दुकानें बह गईं, लाखों का नुकसान हुआ और दो लोग लापता बताए जा रहे हैं। जिला प्रशासन ने रात में ही लोगों को सुरक्षित निकालकर बड़ी अनहोनी टाल दी, लेकिन यह घटना एक बार फिर उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन पर सवाल खड़ा कर रही है।
'खिलौनों' की तरह बहती गाड़ियां और तबाही का मंजर
बादल फटने के बाद सहस्त्रधारा में स्थिति बेहद गंभीर हो गई। तेज बहाव से नदी किनारे की कई दुकानें बह गईं। IT पार्क देहरादून में देर रात से हो रही भारी बारिश के कारण सड़क पर ही कई गाड़ियां खिलौनों की तरह बहती नजर आईं। घटना की जानकारी मिलते ही जिलाधिकारी सविन बंसल ने तुरंत कमान संभाली। उन्होंने रात में ही विभिन्न विभागों के साथ समन्वय कर बचाव दल मौके पर भेजे। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और लोक निर्माण विभाग की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और राहत-बचाव कार्य शुरू किया।
त्वरित कार्रवाई से टली बड़ी अनहोनी
जिला प्रशासन की त्वरित कार्रवाई ने एक बड़ी अनहोनी को टाल दिया। जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीएम कुमकुम जोशी रात में ही घटनास्थल पर पहुंचीं। बचाव दल ने स्थानीय लोगों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। लापता दोनों व्यक्तियों की तलाश युद्धस्तर पर जारी है। प्रशासन ने भारी बारिश को देखते हुए देहरादून में कक्षा 1 से 12 तक के सभी स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया है। यह कदम छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। यह घटना दिखाती है कि उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में मौसम का पूर्वानुमान और आपदा प्रबंधन कितना महत्वपूर्ण है। अब देखना यह होगा कि क्या प्रशासन इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए और भी बेहतर तैयारियां करता है।
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