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सेना को अफसर देने में UP चमका, रेशियो में उत्तराखंड अव्वल
भारतीय सैन्य अकादमी में पासिंग आउट परेड में अंतिम कदम ताल करते ही 409 जांबाज युवा अफसर भारतीय सेना में शामिल हो गए। देहरादून में आईएमए के एति
देहरादून: भारतीय सैन्य अकादमी में पासिंग आउट परेड में अंतिम कदम ताल करते ही 409 जांबाज युवा अफसर भारतीय सेना में शामिल हो गए। देहरादून में आईएमए के एतिहासिक चैटवुड बिल्डिंग शनिवार को एक बार फिर देश को सेना अफसर देने की गवाह बनी। सैनिक अफसरों में पहले नंबर पर देश का सबसे बड़ा राज्य उप्र है यहां से 76 युवा सैनिक अफसर बने हैं जबकि हरियाणा के 58 कैडेट हैं। उत्तराखंड तीसरे स्थान पर है इसने 38 सैनिक अफसर दिये हैं। साढ़े सात साल में देवभूमि से भारतीय सेना को नौ सौ युवा अफसर मिल चुके हैं।
राज्यवार पास आउट होने वाले कैडेटों की संख्या उत्तरप्रदेश 76, हरियाणा 58, उत्तराखंड 38, बिहार 25, पंजाब 24, महाराष्ट्र 24, राजस्थान 23, दिल्ली 22, मध्यप्रदेश 19, हिमाचल 18, कर्नाटक 15, जम्मू-कश्मीर 09, केरल 06, प. बंगाल 06, आंध्र प्रदेश 06, मणिपुर 06, असम 05, झारखंड 05, तेलंगाना 05, छत्तीसगढ़ 04, उड़ीसा 04, चंडीगढ 04, तमिलनाडु 02, गुजरात 02, नागालैंड 01 व मिजोरम 01 रही है। पास आउट होने वाले जेंटलमैन कैडेटों की तादाद बताती है कि भारतीय सेना को साहसी जांबाज अफसर देने में उत्तर प्रदेश, हरियाणा व उत्तराखंड का जलवा बरकरार है। हर पीओपी में इन राज्यों से फौज को अच्छी तादाद में अफसर मिल रहे है।
देवभूमि उत्तराखंड की ही बात करें तो यहां से हर अंतराल बाद भारतीय सेना को काबिल युवा अफसरों की खेप मिली है। यह बात अलग है कि संख्याबल के हिसाब से इस बार भी बाजी उत्तर प्रदेश ने ही मारी है। शनिवार को उप्र के सर्वाधिक 76 जेंटलमैन कैडेट पास आउट हुए। उत्तराखंड इस बार भी तीसरे स्थान पर रहा। दूसरे नंबर पर रहे हरियाणा के 58 जेंटलमैन कैडेट पास आउट हुए।
सैन्य अकादमी से प्राप्त आंकड़े बताते हैं कि पिछले साढ़े सात साल में अकादमी से प्रदेश के नौ सौ युवा पास आउट होकर थलसेना में अफसर बन चुके हैं। लबोलुआब यह कि संख्याबल के हिसाब से उत्तर प्रदेश व हरियाणा के मुकाबले परेड में शिरकत करने वाले युवा जांबाजों में उत्तराखंड के जेंटलमैन कैडेटों की संख्या कुछ कम जरूर है, मगर आबादी के हिसाब से राज्य नंबर वन पर है। पंजाब व महाराष्ट्र के भी 24-24 कैडेट पास आउट होकर फौजी अफसर बने।इस बार गुजरात के सिर्फ दो कैडेट ही पास आउट हुए। अच्छी बात यह कि आतंकवाद प्रभावित क्षेत्रों से युवाओं का क्रेज सेना के प्रति बढ़ता जा रहा है। शनिवार को जम्मू-कश्मीर के 18 जेंटलमैन कैडेट पास आउट होकर सेना में अफसर बने।
उत्तराखंड के 38 युवा बने सैन्य अफसर
देहरादून। आबादी के लिहाज से देश को बहादुर सैन्य अफसर देने में उत्तराखंड इस बार अव्वल रहा है। वैसे बी जांबाजी और सेना को बेटे सौंपने में उत्तराखंड का कोई सानी नहीं है। शायद आपको पता नहीं हो कि वर्तमान में देश में सुरक्षा से संबंधित पांच उच्च पदों पर उत्तराखंड के बेटे ही तैनात हैं। और तो और सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत भी पौड़ी जनपद के रहने वाले हैं।
उत्तराखंड के बच्चों का सेना में सिपाही के तौर पर ही नहीं बल्कि अफसर के रूप में भी सेना में भर्ती होने का जबरदस्त क्रेज है। इसकी झलक पासिंग आउट परेड में भी दिखती है। इस बार आयोजित होने वाली परेड में सूबे के युवाओं की संख्या कुछ कम जरूर रही, लेकिन आबादी के अनुपात में अन्य राज्यों की अपेक्षा ये संख्या सर्वाधिक रही। शनिवार को आईएमए के ड्रिल स्क्वायर पर होने वाली गरिमामय परेड में प्रदेश के 38 युवा जांबाज ने कदमताल कर देवभूमि का मान बढ़ाया।
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