TRENDING TAGS :
उत्तराखंड में लगा फतवों पर बैन, अब सुप्रीम कोर्ट जाएंगे उलेमा
देहरादून: उत्तराखंड हाईकोर्ट द्वारा फतवों पर बैन लगा दिये जाने से इस्लामी जगत में हलचल है। दारुल उलूम के कार्यवाहक मोहतमिम के बाद अब दारुल उलूम के वरिष्ठ उस्ताद एवं जमीयत उलमा-ए-हिंद उत्तराखंड के अध्यक्ष मुफ्ती रियासत अली कासमी ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले पर आपत्ति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाए जाने की बात कही है।
यह भी पढ़ें: एक्टिव मोड पर आ गया सेक्युलर मोर्चा, पूरे प्रदेश में मोर्चे का होगा गठन: शिवपाल
फतवों पर उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले के बाद जहां दारुल उलूम के कार्यवाहक मोहतमिम मौलाना अब्दुल खालिक मद्रासी ने सवाल उठाते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट फतवो की वैधता पर अपना निर्णय पहले ही दे चुका है। इसलिए उत्तराखंड हाईकोर्ट का यह निर्णय बैमाने है।
वहीं दूसरी ओर जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय महसचिव मौलाना महमूद मदनी ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के खिलाफ बताया था। साथ ही घोषणा की थी कि वह उत्तराखंड हाईकोर्ट के निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
इस पर अब दारुल उलूम के उस्ताद और जमीयत-उलमा-ए-हिंद उत्तराखंड के अध्यक्ष मुफ्ती रियासत अली कासमी ने कहा कि यह बेहद अफसोस की बात है कि जिन फतवों को सुप्रीम कोर्ट पहले ही मान्यता दे चुका है। उनको उत्तराखंड हाईकोर्ट द्वारा बैन किया जा रहा है।
कहा कि इस सिलसिले में उत्तराखंड की जमीयत इकाई हाईकोर्ट उत्तराखंड में अपना पक्ष सुप्रीम कोर्ट के साक्ष्यों के साथ मजबूती से रखेगी। कहा कि फतवों का संविधान से कोई टकराव नहीं है। यह शरई राय होती है जो कुरान व हदीस की रोशनी में दी जाती है।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!