स्कूल ने रखी ये शर्त, अभिभावकों ने बच्चों को ना भेजने का लिया फैसला

नेशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स ने स्कूल संचालकों की शर्तों को देखते हुए अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे का निर्णय लिया है। वही इस एसोसिएशन ने उत्तराखंड मानव अधिकार आयोग पर स्कूल खोलने पर आपत्ति जताई है।

Monika
Published on: 13 Oct 2020 9:42 PM IST
स्कूल ने रखी ये शर्त, अभिभावकों ने बच्चों को ना भेजने का लिया फैसला
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उत्तराखंड मानव अधिकार आयोग को भी पत्र भेजकर स्कूल खोलने पर आपत्ति जताई है।

देहरादून: जब से कोरोना वायरस ने पैर पसारा है तब से पूरे देश में लॉकडाउन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। जिसके बाद अब कई महीनों बाद सरकार ने सभी चीज़ों को खोलने का फैसला लिया, लेकिन पूरी सावधानी के साथ। जिसमे अब स्कूल को भी खोलने की परमिशन दे दी गई है। वही इस शहर में स्कूल खुलने पर बच्चों के पेरेंट्स कुछ खास खुश नज़र नही आ रहे हैं। जिसके कारण उन्होंने ने यह बड़ा निर्णय लिया है।

स्कूल खोलने पर आपत्ति जताई

नेशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स ने स्कूल संचालकों की शर्तों को देखते हुए अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे का निर्णय लिया है। वही इस एसोसिएशन ने उत्तराखंड मानव अधिकार आयोग पर स्कूल खोलने पर आपत्ति जताई है। उन्होंने मुख्य शिक्षा अधिकारी से भी यह साफ़ कह दिया है कि जिस तरह की शर्त स्कूल वालों ने अभिभावको के सामने रखी है, इस कारण कोई अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहता।

स्कूल खोलने के फैसले पर बोले आरिफ खान

आपको बता दें, कि नेशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स के अध्यक्ष आरिफ खान का कहना है कि उत्तराखंड सरकार का बच्चों के अभिभावकों और स्कूल संचालकों की रजामंदी से स्कूल खोलने का यह फैसला सराहनीय है।

स्कूल नहीं ले रहे जिम्मेदारी

लेकिन निजी स्कूल संचालकों के पांच शर्तों से अभिभावक काफी परेशां दिख रहे है। किसके कारण वह अपने बच्चों को स्कूल ना भेजने का फैसला ले चुके है। अभिभावक अपने बच्चों को इन परिस्तिथि में स्कूल भेजने का कोई रिस्क नहीं लेना चाहते हैं। क्योंकी अगर स्कूल खुलने के दौरान अगर किसी बच्चे को कुछ भी होता है तो उसकी जिम्मेदारी उनके अभिभावक की ही होगी। स्कूल प्रबंधक, प्रिंसिपल, टीचर्स और स्टाफ पर किसी प्रकार का मुकदमा दर्ज नही होगा। इसे पता चलते है कि स्कूल संचालकों ने स्कूल खोलने का फैसला तो ले लिया है लेकिन उनके स्कूल में पड़ रहे बच्चों की जिम्मेदारी उन्हें मां-बाप देखें।

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दिए ये निर्देश

वही आरिफ खान ने बताया कि जब तक कोरोना का प्रकोप कम नही हो जाता और इसकी वैक्सीन नही आ जाती अथवा स्कूल संचालक और सरकार बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी नहीं लेती, तब तक राज्य सरकार को स्कूल न खोलने के लिए निर्देशित किया जाए।

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पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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