इस दवा से जड़ से खत्म होगा कोरोना वायरस, ऑस्ट्रेलिया के डॉक्टरों का दावा

ऑस्ट्रेलिया के डॉक्टरों ने एक ऐसा ड्रग तैयार किया है, जिससे कोरोना वायरस को जड़ से खत्म करने का दावा किया जा रहा है।

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Newstrack Network Newstrack - NetworkPublished By Shreya
Published on: 18 May 2021 10:11 PM IST
Coronavirus Vaccine
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कोरोना वायरस वैक्सीन (काॅन्सेप्ट फोटो: सोशल मीडिया)

Coronavirus: कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी एक बार फिर से पूरी दुनिया पर अपना कहर बरपाना रही है। अकेले भारत में ही कुल संक्रमितों की संख्या ढाई करोड़ से पार चली गई है। इस बीच ऑस्ट्रेलिया (Australia) के रिसर्चर्स ने एक ऐसा एंटी वायरल ड्रग (Antiviral Drug) तैयार किया है, जिससे कोविड-19 संक्रमण (Covid-19) से जूझ रहे लोगों को बड़ी राहत मिल सकती है।

ऑस्ट्रेलिया के रिसर्चर्स द्वारा तैयार किए इस ड्रग से चूहों के फेफड़ों में 99.9 फीसदी कोरोना पार्टिकल्स (Corona Particles) को खत्म करने में कामयाबी मिली है। इस ट्रीटमेंट को ऑस्ट्रेलिया की क्वीन्सलैंड यूनिवर्सिटी के मेन्जिस हेल्थ इंस्टीट्यूट ने तैयार किया है। इस इलाज को नेक्स्ट जनरेशन ट्रीटमेंट माना जा रहा है। इस ट्रीटमेंट को इंजेक्शन के सहारे दिया जाएगा।

बता दें कि यह एक मेडिकल तकनीक के सहारे काम करती है, जिसे जीन साइलेंसिंग (Gene Silencing) के नाम से जाना जाता है। इस तकनीक की खोज 1990 के दौर में ऑस्ट्रेलिया में हुई थी। जीन साइलेंसिंग तकनीक से वायरस पर अटैक करने के लिए आरएनए का उपयोग किया जाएगा।

वैक्सीनेशन (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

इन लोगों के लिए तैयार किया जा रहा ये ट्रीटमेंट

जो लोग कोरोना से गंभीर रूप से संक्रमित हैं और जिन पर वैक्सीन बेअसर हो चुकी हैं, ऐसे लोगों के लिए इस ट्रीटमेंट को तैयार किया जा रहा है। इस नई थेरेपी के बारे में यूनिवर्सिटी के लीड रिसर्चर प्रोफेशर निगेल मैकमिलन ने बताया, इसके जरिए वायरस को नए स्ट्रेन में बदलने यानी म्यूटेंट होने से भी रोका जा सकता है।

प्रोफेशर निगेल मैकमिलन ने कहा, उम्मीद है कि इस इलाज से दुनियाभर में महामारी के चलते हो रही मौतों में भी भारी कमी देखने को मिल सकती है। बकौल मैकमिलन, ये ट्रीटमेंट किसी भी कोरोना संक्रमति मरीज के फेफड़ों में जाकर वायरस को खत्म करने की क्षमता रखता है।

हालांकि अभी तक इस ट्रीटमेंट का ट्रायल चूहों पर ही किया गया है, ऐसे में अब तक ये स्पष्ट नहीं है कि ये इंसानों पर कितना प्रभावशाली होगा और मनुष्यों के लिए कितना सुरक्षित होगा। लेकिन इस थेरेपी से शोधकर्ताओं को भरोसा है कि इसके जरिए शरीर के सामान्य सेल्स पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

2023 तक लोगों के लिए होगा उपलब्ध

इस ट्रीटमेंट पर यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता और वैज्ञानिक बीते साल अप्रैल महीने से ही काम कर रहे थे। यह ऐसा पहला ट्रीटमेंट होगा, जिससे वायरस को पूरी तरह से खत्म करने की कोशिश होगी। बता दें कि जल्द इस थेरेप का अगले फेज का क्लीनिकल ट्रायल शुरू होने जा रहा है। हालांकि कहा जा रहा है कि इस ड्रग को बाजार में आने में थोड़ा समय लग सकता है। रिपोर्ट्स की मानें तो यह साल 2023 तक लोगों के लिए उपलब्ध होगा।

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