चीन में बन रही एक दवा के चलते अफ़्रीकी गधों के अस्तित्व पर गंभीर संकट

shalini
Published on: 16 Jun 2018 12:59 PM IST
चीन में बन रही एक दवा के चलते अफ़्रीकी गधों के अस्तित्व पर गंभीर संकट
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चीन में बहुतायत में निर्मित और प्रसारित इजाओं नमक ब्यूटी मेडिसिन के कारण अफ़्रीकी गधों के अस्तित्व पर संकट आ गया है। चीनी बाजार के लिए तस्करो ने अफ़्रीकी देशो के गधों की तसकरी बहुत तेज कर दी है। केन्या जैसे देश में जहा गधे ही प्रमुख पालतू जानवर हैं , बहुत ही गंभीर स्थिति पैदा हो गयी है। लोग रत को अपने इन पालतू जानवरों को भली प्रकार से छोड़ते हैं और सुबह केवल इनका सर ही मिलता है। तस्कर गधो को काट कर सीधे चीन को आपूर्ति कर रहे हैं।

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इजाओं के लिए मारे जा रहे गधे

रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक व्यापार में एक चीनी पारंपरिक दवा इजाओ की मांग पूरी करने के लिए गधों को बेरहमी से मारा जा रहा है। चीन में निर्माण होने वाले ज्यादातर दवाओं में गधों की चमड़ी से बना जिलेटिन इस्तेमाल होता है। केन्या, मिस्र और नाइजीरिया के एनीमल राइट्स समूहों का कहना है कि कुछ ऐसे दलाल सक्रिय हैं जो चीन में गधों के मांस की मांग को पूरा करने में लगे हुए हैं। चीन की इस डिमांड के कारण पूरे अफ्रीकी देशों में गधों की प्रजाति के ऊपर खतरा मंडरा रहा है।

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सौंदर्य प्रसाधन और ताकत बढ़ाने की दवा

इजाओ एक कठोर जेल है, जो गर्म पानी अथवा एल्कोहल में मिलाकर भोजन या पेय में प्रयोग किया जाता है। यह सौन्दर्य प्रसाधनों जैसे फेस क्रीम में भी प्रयोग किया जाता है। चीन के मध्य वर्ग में हाल के वर्षों में पारंपरिक दवाओं जैसे गैंडों के सींग शेर के अंगों के साथ ही इजाओ की मांग तेजी से बढ़ी है। चीन की पारंपरिक चिकित्सा पद्धति के मुताबिक यह विश्वास किया जाता है कि रक्त संचार में सुधार प्रजनन समस्याओं की दवा व एनिमिया के उपचार हेतु एक रक्त टॉनिक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।पिछले कुछ वर्षों में इजाओ की मांग में नाटकीय ढंग से बढ़ोत्तरी हुई है।

विरोध में केन्या के लोगो ने बनाया

इसके खिलाफ केन्या के लोगों ने एक समूह का निर्माण किया है जिसका नाम 'टुंजा पुंटा वाको' है जिसका मतलब होता है अपने गधों की रक्षा करें। करियुकी ने बताया कि इस तरह चलता रहा तो आने वाले दिनों में हमें अपने बच्चों को बताना पड़ेगा कि एक समय एक ऐसा भी जानवर हुआ करता था। हालांकि अब 14 अफ्रीकी देशों ने गधों के चमड़े के व्यापार पर रोक लगा दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, केन्या में पिछले 9 सालों में गधों की संख्या में काफी तेजी से गिरावट आई है, उनकी संख्या 1.8 मिलियन से 1.2 मिलियन तक पहुंच गई है। केन्या डंकी सेंक्चुरी के मैनेजर ने बताया कि, केन्या में तीन लाइसेंसधारी बूचड़खानों में एक दिन में 1000 गधों को मार कर उनके चमड़े को चीन भेजा जाता है।

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पांच वर्षो में केन्या से ख़त्म हो जायेंगे गधे

जिस दर से गधों को मारा जा रहा है अगर ऐसा चलता रहा अगले पांच सालों के अंदर यहां एक भी गधे नहीं बचेंगे। इजाओ चीन में खाया जाने वाला ऐसा हेल्थ प्रोडक्ट है जिससे वजन कम किया जाता है और जो एनर्जी देता है। गधों से चमड़े से होने वाला व्यापार इस कदर बढ़ चुका है कि एक साल में चीन के इजाओ बाजार का 63 फीसद की मांग के लिए 1 मिलियन गधों के स्किन का व्यापार किया जाता है।

चीन के सरकारी हेल्थ एजेंसी का कहना है कि इजाओ का व्यापार अंधविश्वासी धारणाओं पर आधारित है। इस व्यापार में सबसे पहले गधे के मांस को उबाला जाता है। डंकी सेंक्चुरी के मुताबिक हर साल दुनिया के 44 मिलियन गधों में से 2 मिलियन गधों का शिकार किया जाता है। जिंबाब्वे एक ऐसा देश है जहां सड़कों पर कार से ज्यादा गधे दिखाई देते हैं।

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