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सिगरेट पीते हैं? तो संभल जाएं! आपकी रीढ़ की हड्डी में हो सकता है खतरनाक समस्या – जानिए कैसे
How Smoking Increases Risk of Slipped Disc: धूम्रपान करने से फेफड़ों के खराब होने और कैंसर के खतरे के बारे में लोग पहले से ही बखूबी जानते हैं लेकिन अब स्मोकिंग की लत से स्लिप डिस्क का खतरा भी बढ़ रहा है। जी हाँ... ये बात एकदम सच है।
How Smoking Increases Risk of Slipped Disc (photo credit: social media)
How Smoking Increases Risk of Slipped Disc: सिगरेट पीना हमेशा से ही हर किसी की सेहत के लिए बहुत ही हानिकारक माना जाता है। इसके सेवन से शरीर में कई तरह की बीमारियां हो जन्म लेने लग जाती हैं। धूम्रपान के खतरों को लेकर हर तरीकों से जागरूकता फैलाने का काम भी आज तेजी से किया जा रहा है लेकिन इसके बाद भी लोग धूम्रपान करना नहीं छोड़ रहे। धूम्रपान करने से फेफड़ों के खराब होने और कैंसर के खतरे के बारे में लोग पहले से ही बखूबी जानते हैं लेकिन अब स्मोकिंग की लत से स्लिप डिस्क का खतरा भी बढ़ रहा है। जी हाँ... ये बात एकदम सच है।
धूम्रपान से कैंसर का ख़तरा तो होता ही है साथ ही धूम्रपान से फेफड़ों में तार भर सकता है जिससे फेफड़े खराब हो जाते हैं, इस तरह की चेतावनी को लगभग हर कोई जानता है लेकिन अब धूम्रपान आपकी रीढ़ की हड्डी को नुकसान पहुंचा सकता है। NEIGRIHMS, शिलांग कुछ डॉक्टरों ने इस विषय पर गंभीर चेतावनी दी है कि धूम्रपान को तत्काल प्रभाव से अपनी लाइफ से हटा लें। नहीं तो ये लत आपको बेहद दर्दनाक स्थिति में पहुंचा सकती है जिससे हर्निएटेड डिस्क का खतरा बढ़ सकता है। जिसमें रीढ़ की हड्डि के बीच चिपकी हुई कुशन जैसी डिस्क फटकर अपनी जगह से हिल जाती है - जिसे आमतौर पर स्लिप डिस्क कहते हैं।
NEIGRIHMS के डॉक्टरों का खुलासा
शिलॉन्ग में स्थित उत्तर-पूर्वी इंदिरा गांधी क्षेत्रीय स्वास्थ्य संस्थान के डॉक्टरों की रिसर्च में खुलासा हुआ है कि धूम्रपान करने से स्लिप डिस्क की दिक्कतें तेजी से बढ़ रही है। डॉक्टर्स की टीम ने एक ऐसे मरीज को इलाज किया जिसकी रीढ़ की हड्डी में निरंतर दर्द हो रहा था। डॉक्टर्स ने मरीज का की सर्जरी करते वक़्त उनकी रीढ़ में दबाव कम करने के लिए ट्यूबलर माइक्रोडिसेक्टोमी ट्यूब का प्रयोग किया। इस पूरी प्रक्रिया में मरीज की रीढ़ से 4 टुकड़े निकाले गए, जो काफी हैरान करने वाला था।
स्लिप डिस्क का मतलब?
स्लिप डिस्क की दिक्कत तब होती है जब रीढ़ की हड्डी की बीच की डिस्क अपनी जगह से हट जाती है जिसके वजह से कमर, गर्दन और पैरों में तेज दर्द होता है। इसके कारण नसों पर दबाव पड़ने लगता है जिसके वजह से कमर और गर्दन में तेज दर्द होता है साथ ही झनझनाहट के लक्षण भी होते हैं। पहले ये समस्या उम्र बढ़ने के साथ होती थी लेकिन अब धूम्रपान भी इसका सबसे बड़ा कारण बन रहा है।
धूम्रपान कैसे किस प्रकार दे रहा स्लिप डिस्क की समस्या को बढ़ावा
विशेषज्ञ के मुताबिक, सिगरेट में हानिकारक केमिकल मौजूद होते हैं जैसे निकोटीन, कार्बन मोनोऑक्साइड, टॉक्सिक हाइड्रोकार्बन। सिगरेट की धुएं में मौजूद ये खतरनाक हाइड्रोकार्बन, कोलेजन फाइबर को नुकसान पहुंचाते हैं जो डिस्क की बाहरी परत मजबूत रखने में सहायता करते हैं। कोलेजन, डिस्क को फ्लेक्सिबल बनाता है लेकिन जब वह कमजोर हो जाता है तो डिस्क ड्राय, सख्त और टूटने की स्थिति में आ जाता है- खासकर निचले हिस्से यानी (लोअर बैक) में।
लेकिन सिगरेट में मौजूद ये केमिकल्स खून में ऑक्सीजन सप्लाई को बुरी तरह से प्रभावित करते हैं जिससे खून का फ्लो बहुत स्लो पड़ जाता है और रक्त नलिकाएं सिकुड़ने लगती है। जिससे डिस्क पोषण न मिलने से कमजोर होकर टूटने लगती है. साथ ही सूजन भी बढ़ती है। इसके साथ ही, धूम्रपान से खांसी की समस्या भी हो जाती है। जितना आप खांसते हैं उसका सीधा प्रभाव रीढ़ की हड्डी पर पड़ता है जिससे डिस्क में टूट फूट का खतरा बन जाता है। इन्ही सब कारणों से स्मोकर्स में डिस्क हार्निएशन और पीठ में दर्द की समस्या हो सकती है।
क्या होते हैं इसके शुरुआती लक्षण ?
- पैरों में तेज़ झनझनाहट होना
- चलने में कमजोरी या पैर उठाने में समस्या होना
- लंबे वक़्त बैठने के बाद दर्द तेज़ महसूस होना
- टांग में चलने की क्षमता कम हो जाना
- दर्द जो सैर या नींद के दौरान भी न कम न हो
क्या इसका इलाज है?
यदि वक़्त रहते का सही निर्णय लें तो सुधार संभव है। सबसे पहले धूम्रपान छोड़ दें। इससे रक्त प्रवाह, healing क्षमता और इन्फ्लेमेशन में सुधार होता है और डिस्क की हालत को ठीक होने का रास्ता खुलता है। इसके बाद फिजिकल थेरेपी और core-strengthening exercises करना शुरू करें। यदि डिस्क बहुत अधिक हर्निएटेड हो चुका है तो ट्यूबलर माइक्रो डिस्केक्टॉमी जैसी न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी सहायता कर सकती है।
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