TRENDING TAGS :
पाकिस्तान के साथ चीन ने किया बड़ा धोखा! एक ही 'जवाब' में भारत के समर्थन में हुआ खड़ा
India vs China: भारत की जवाबी कार्रवाई ने न केवल पाकिस्तान बल्कि दुनिया को एक संदेश दिया है कि किसी ने छेड़ा तो घुसकर मारा जाएगा।
China vs India: भारत की ओर से पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर की गई एयरस्ट्राइक के बाद क्षेत्रीय तनाव चरम पर पहुंच गया है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद बढ़े भारत-पाकिस्तान के तनावपूर्ण संबंधों के बीच अब चीन की प्रतिक्रिया सामने आई है। भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद बीजिंग का रुख कुछ नरम होता नजर आ रहा है, जो पहले लगातार पाकिस्तान के समर्थन में दिख रहा था।
चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि भारत और पाकिस्तान को क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए कदम उठाने चाहिए और तनाव कम करने की दिशा में प्रयास करने होंगे। मंत्रालय ने कहा कि मौजूदा हालात चिंता का विषय हैं और दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की गई है। चीन ने कहा कि भारत और पाकिस्तान उसके पड़ोसी हैं, इसलिए वह चाहता है कि क्षेत्र में कोई भी उकसाने वाली कार्रवाई न हो और शांति बनी रहे। बयान में यह भी दोहराया गया कि चीन हर प्रकार के आतंकवाद का विरोध करता है, जो पहलगाम में हुए आतंकी हमले की ओर संकेत था, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी।
हालांकि, बीजिंग ने भारत की सैन्य कार्रवाई पर निराशा जताते हुए इसे 'अफसोसनाक' बताया है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मिलकर तनाव घटाने की बात कही है। चीन ने दोनों देशों से अपील की है कि वे ऐसे कदमों से बचें जो हालात को और खराब कर सकते हैं।
चीन की मजबूरी या चाल?
पहले चीन ने परंपरागत रूप से पाकिस्तान का समर्थन किया था। लेकिन भारत की इस कार्रवाई के बाद चीन का बयान संतुलन साधने वाला रहा। उसने एक तरफ आतंकवाद की निंदा की, तो दूसरी ओर भारत की सैन्य कार्रवाई को 'अफसोसनाक' कहा। इससे यह जाहिर होता है कि चीन अपने क्षेत्रीय हितों को लेकर दुविधा में है। एक ओर पाकिस्तान उसका रणनीतिक और आर्थिक साझेदार है (CPEC, बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट आदि)। दूसरी ओर भारत एक बड़ा बाजार है और चीन के लिए व्यापारिक रूप से बेहद अहम है। इसलिए चीन चाहता है कि तनाव न बढ़े, लेकिन वह पाकिस्तान को पूरी तरह अकेला भी नहीं छोड़ सकता।
दुनिया भर को दिया संदेश
भारत की सैन्य कार्रवाई और चीन की प्रतिक्रिया का असर केवल भारत-पाक संबंधों तक सीमित नहीं है। यह पूरे दक्षिण एशिया में शक्ति संतुलन को दर्शाता है। भारत ने यह दिखाया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपना सकता है, चाहे इसके लिए सीमा पार कार्रवाई क्यों न करनी पड़े। चीन ने यह दिखाया है कि वह पाकिस्तान के साथ है, लेकिन उसे अंतरराष्ट्रीय दबाव और क्षेत्रीय स्थिरता की चिंता भी है। अन्य वैश्विक शक्तियों जैसे अमेरिका, रूस, फ्रांस की प्रतिक्रिया भी इस पर निर्भर करेगी कि भारत की कार्रवाई को आत्मरक्षा के रूप में देखा जाता है या आक्रामकता के रूप में।