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भारत की पाकिस्तान-सऊदी डील पर खरी-खरी , कहा- NATO जैसी डील पर सुरक्षा से समझौता नहीं होगा
भारत ने पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हुए रक्षा समझौते पर अपनी प्रतिक्रिया दी। विदेश मंत्रालय ने कहा, "सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा।" जानें इस समझौते का भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा पर क्या असर होगा।
सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच हुए रक्षा समझौते को लेकर भारत में हलचल मच गई है। इस डील के बाद कई सवाल उठने लगे हैं कि भारत अब इस स्थिति में क्या कदम उठाएगा। लेकिन भारत सरकार की तरफ से अब इस पर पहली प्रतिक्रिया आई है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच हुए समझौते को लेकर अपना बयान जारी किया। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि सरकार इस समझौते के बारे में पहले से ही जानकारी रखती थी। उन्होंने यह भी बताया कि भारत इस समझौते के असर को लेकर पूरी तरह से विचार करेगा और यह देखेगा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा, क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता पर क्या प्रभाव डाल सकता है। भारत ने यह स्पष्ट किया कि वह इस मुद्दे को पूरी गंभीरता से देखेगा और उसकी कोई भी प्रतिक्रिया क्षेत्रीय सुरक्षा और वैश्विक स्थिति को ध्यान में रखते हुए होगी।
राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर का आकलन
उन्होंने आगे कहा कि सरकार भारत के राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा और पूरे क्षेत्र में मजबूत राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि हमें सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच एक रणनीतिक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर करने की खबर मिली है। सरकार को इस बात की जानकारी थी कि यह समझौता, जो दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक संबंधों को औपचारिक रूप से स्थापित करता है, पहले से विचाराधीन था। हम इस घटनाक्रम के असर का मूल्यांकन करेंगे, ताकि यह समझा जा सके कि इसका राष्ट्रीय सुरक्षा, क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता पर क्या प्रभाव पड़ेगा। सरकार का उद्देश्य भारत के हितों की रक्षा करना और सभी मोर्चों पर सुरक्षा को मजबूत करना है।
किसी भी हमले को दोनों देशों पर हमला माना जाएगा
पाकिस्तान और सऊदी अरब ने एक अहम रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत अगर किसी एक देश पर हमला होता है, तो उसे दोनों देशों पर हमले के रूप में माना जाएगा। इस समझौते पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सऊदी अरब के शहजादे मोहम्मद बिन सलमान ने बुधवार को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की सऊदी अरब की एक दिवसीय यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए। यह समझौता उस समय हुआ है जब कुछ ही दिन पहले कतर में हमास के नेतृत्व पर इजराइली हमले हुए थे, और कतर, जो कि खाड़ी क्षेत्र में अमेरिका का प्रमुख सहयोगी है, इस घटना के संदर्भ में भी चर्चा में है। समझौते के अनुसार, किसी भी देश पर होने वाले हमले को दोनों देशों के खिलाफ हमला माना जाएगा।
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