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कट्टर मुस्लिम शमीमा: इस जिहादी दुल्हन को सता रहा अब मौत का डर, 15 की उम्र में ISIS में शामिल हुई
Jihadi Shamima Begum: जिहादी दुल्हन ब्रिटिश नागरिक शमीमा बेगम को अब मौत का डर सताने लगा है। उसे लग रहा है कि यदि वह आतंकवाद के मामले में दोषी पाई गईं जो उसे मौत की सजा मिल सकती है।
Shamima Begum। (Social Media)
Shamima Begum: इराक और सीरिया में खूंखार आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) के शासन के दौरान दुनियाभर से बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने सीरिया (Syria) का रूख किया था। इनमें पुरूष और महिलाओं के अलावा नाबालिग भी शामिल थे। ऐसी ही एक नाबालिग मुस्लिम लड़की जिहाद के लिए ब्रिटेन से भागकर सीरिया गई थी। बांग्लादेशी मूल की ब्रिटिश नागरिक शमीमा बेगम महज 15 साल की उम्र में ब्रिटेन से भागकर सीरिया चली गई थी और आईएसआईएस में शामिल हो गईं थी। जिहादी दुल्हन के नाम से प्रसिद्ध शमीमा के खिलाफ अब आतंकवादी धाराओं में ट्रायल शुरू हो रहा है।
शमीमा को मौत का डर
दहशतगर्दों के साथ कई साल बीताने वाली शमीमा को अब मौत का डर सताने लगा है। उसे लग रहा है कि यदि वह आतंकवाद के मामले में दोषी पाई गईं जो उसे मौत की सजा मिल सकती है। जिससे वह बहुत डरी हुई और चिंतित है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने उसे बुरी तरह डरा देखकर उसे समझाने की कोशिश की कि उसके लिए मौत की सजा की वकालत नहीं की जाएगी। मगर अधिकारी उसे समझाने में नाकामयाब रहे। बता दें कि शमीमा के मुकदमे की अभी कोई तारीख तय नहीं हुई है। लेकिन सितंबर या अक्टूबर में उसके मुकदमे की सुनवाई होगी।
ब्रिटेन आने को बेताब
शमीमा बेगम लंबे समय से ब्रिटेन की सरकार से गुहार लगा रही हैं कि उसे ब्रिटेन आने दिया जाए। दरअसल ब्रिटिश सरकार ने उसकी नागरिकता रद्द कर दी है और उसे वापस यहां आने से साफ मना कर दिया है। शमीमा के दोस्तों का कहना है कि वह सीरिया के रोजवा क्षेत्र में रह रही हैं, उसे वहां की न्याय प्रणाली में भरोसा नहीं है। इसलिए वह ब्रिटेन आने के लिए बेताब है। वह ब्रिटेन की जेल में पूरी जिंदगी सजा काटने के लिए तैयार है। रोजवा के अधिकारियों का कहना है कि उसे मौत की सजा भले न मिले, लेकिन वह अन्य सामान्य सजा से बच नहीं सकती।
शमीमा की सफाई
जिहादी दुल्हन के नाम से मशहूर शमीमा बेगम ने अपने ऊपर लग रहे आरोपों पर सफाई भी दी है। बीते साल एक न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान शमीमा ने अपना गुनाह स्वीकार करते हुए कहा था कि 15 साल की उम्र में मैंने जब ब्रिटेन छोड़ा था, तब कुछ दोस्तों ने मुझे बहका दिया था। इन सब लोगों से मेरी ऑनलाइन मुलाकात हुई थी। इस बात को अब छह साल बीत चुके हैं, अब मैं वापस ब्रिटेन लौटना चाहती हूं। शमीमा ने सफाई पेश करते हुए कहा कि मैंने केवल एक गुनाह किया कि, मैं सीरिया गई और एक आतंकवादी से निकाह किया। इसके अलावा मैंने कोई गलत काम नहीं किया। किसी टेरर एक्टिविटी में शामिल नहीं रही।
कौन है जिहादी दुल्हन
बांग्लादेशी मूल की ब्रिटिश नागरिक शमीमा बेगम साल 2015 में जब इराक और सीरिया में खूंखार आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट का खूनखराबा चरम पर था, तब वह अन्य दो लड़कियों के साथ इस आतंकवादी संगठन में शामिल होने सीरिया गई थी। शमीमा 2019 में सीरिया की एक रिफ्यूजी कैंप में मिली थीं। बाकी दो लड़कियों का कोई अता पता नहीं चल सका। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शमीमा उस दौरान 9 माह की गर्भवती थीं। बच्चा हुआ तो निमोनिया से मौत हो गई। रिपोर्ट्स के अनुसार, शमीमा के पहले भी दो बच्चे हुए थे, पर दोनों की मौत हो गई थी। शमीमा पर आरोप है कि वह फिदायीन हमलावरों के लिए जैकेट बनाने में माहिर है। अधिकारी भी इसी बात की जांच कर रहे हैं। हालांकि उसने इन आरोपों को नकारा है।
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