TRENDING TAGS :
10 दिन बाद लौटे KP शर्मा ओली! सत्ता गंवाने के बाद पहली बार दिखे, अब किराए के घर में रहेंगे
Nepal politics crisis: नेपाल में Gen-Z प्रोटेस्ट की आंधी में सत्ता से बेदखल हुए पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली दस दिन बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से सामने आए।
Nepal politics crisis
Nepal Former PM KP Sharma Oli: नेपाल की राजनीति इस समय मानो किसी फिल्मी पटकथा से गुजर रही है। एक ओर जनसैलाब है, जो भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के खिलाफ सड़कों पर उतर आया, तो दूसरी ओर सत्ता की कुर्सी पर बैठे नेता हैं, जिन्हें जनता के गुस्से के सामने झुकना पड़ा। इसी बवंडर में नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सत्ता ढह गई और उन्हें न केवल इस्तीफा देना पड़ा बल्कि अपने ही घर से भागकर सेना की शरण लेनी पड़ी। दस दिन तक गायब रहने के बाद गुरुवार को ओली पहली बार सार्वजनिक तौर पर नजर आए और उनके समर्थकों को राहत मिली।
जब गिरी सत्ता की दीवारें
9 सितंबर का दिन नेपाल की राजनीति के इतिहास में हमेशा दर्ज रहेगा। सोशल मीडिया पर बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ Gen-Z के नेतृत्व में शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों ने देखते-ही-देखते रौद्र रूप ले लिया। राजधानी काठमांडू समेत कई जिलों में हजारों लोग सड़क पर उतर आए। उनका नारा साफ था – भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद अब और बर्दाश्त नहीं होगा। स्थिति इतनी बिगड़ी कि संसद भवन पर हमला हुआ, सरकारी इमारतों में आगजनी हुई और पुलिस-प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें हुईं। नतीजा यह हुआ कि ओली को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।
सेना की सुरक्षा में छिपे रहे ओली
इस्तीफा देने के बाद से ओली का ठिकाना किसी रहस्य से कम नहीं था। प्रदर्शनकारियों के गुस्से से बचाने के लिए सेना ने उन्हें तत्काल प्रधानमंत्री आवास से निकालकर हेलिकॉप्टर के जरिए शिवपुरी स्थित एक सैन्य बैरक में पहुंचाया। वहां उन्हें करीब दस दिन तक सख्त सुरक्षा में रखा गया। इस दौरान उनके घरों को प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया। काठमांडू का निजी निवास, झापा का पैतृक घर और दमक स्थित मकान – तीनों को प्रदर्शनकारियों ने निशाना बनाया।
दस दिन बाद पहली झलक
गुरुवार को आखिरकार ओली की झलक देखने को मिली। सेना का हेलिकॉप्टर उन्हें शिवपुरी बैरक से भक्तपुर जिले लाया। यहां उनके लिए एक निजी घर किराए पर लिया गया था। जैसे ही ओली वहां पहुंचे, बाहर खड़े कुछ समर्थकों ने उनका अभिवादन किया। हालांकि माहौल अभी भी तनावपूर्ण है और सेना उन्हें पूरी सुरक्षा दे रही है। उनके सार्वजनिक रूप से दिखने के साथ ही यह साफ हो गया कि वे सुरक्षित हैं और किसी भी अफवाह की कोई गुंजाइश नहीं है।
क्यों भड़का जनसैलाब?
नेपाल में युवा पीढ़ी, खासकर Gen-Z, लंबे समय से सोशल मीडिया प्रतिबंध, बढ़ते भ्रष्टाचार और राजनीतिक परिवारवाद से नाराज़ थी। जब उनकी आवाज़ नहीं सुनी गई, तो गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा। देखते ही देखते यह आंदोलन इतना बड़ा और खतरनाक हो गया कि पुलिस और सेना भी हालात संभालने में नाकाम रही। इस दौरान हुई झड़पों और हिंसा में 20 से ज्यादा लोगों की मौत हुई, जबकि दर्जनों घायल हुए।
ओली की मुश्किलें और नई चुनौतियां
प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद ओली की चुनौतियां कम नहीं हुई हैं। उनके खिलाफ जनता का गुस्सा अब भी कायम है और उनकी छवि को बड़ा झटका लगा है। उनके आवासों में आगजनी और परिवार पर खतरे की स्थिति ने दिखा दिया कि हालात सामान्य होने में वक्त लगेगा। हालांकि उनके समर्थक अब भी उन्हें राजनीतिक रूप से मज़बूत नेता मानते हैं और भविष्य में उनकी वापसी की उम्मीद कर रहे हैं।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!