S Jaishankar: ‘कंधार हाईजैक प्लेन में मेरे पिता भी थे सवार', IC 814 घटना पर जयशंकर ने किए कई अहम खुलासे

S Jaishankar: जयशंकर ने बताया कि उनके पिता भी 1984 में अपहृत विमान में यात्री थे और खास बात यह है कि जयशंकर खुद उस टीम का हिस्सा थे, जिसने इस संकट को संभाला था।

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Published on: 13 Sep 2024 3:22 PM GMT (Updated on: 13 Sep 2024 4:05 PM GMT)
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S Jaishankar (सोशल मीडिया) 

S Jaishankar: विदेश मंत्री (ईएएम) एस जयशंकर ने शुक्रवार को जिनेवा में भारतीय समुदाय से मुखातिब हुए। इस दौरान विदेश मंत्री ने वहां मौजूद लोगों के बीच कोलकाता डॉक्टर रेप कांड और 'आईसी 814: द कंधार हाईजैक' वेब सीरीज पर बातचीत की। साथ ही, देश से जुड़े अन्य मुद्दों पर भी संवाद कायम किया। कोलकाता में जूनियर डॉक्टर के साथ रेप और हत्या कांड पर जेनेवा में भारतीय लोगों के बीच बात करते हुए

कोलकाता रेप कांड पर जयशंकर का बयान

उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि देश में एक भी व्यक्ति ऐसा हो सकता है जो कोलकाता की घटना से नाराज न हो। आप इसे सड़क पर देख सकते हैं। सच तो यह है कि महिलाओं की सुरक्षा, महिलाओं के खिलाफ अपराध हमारे देश में एक मुद्दा है। यह अन्य लोगों के देशों में भी एक मुद्दा हो सकता है। एस जयशंकर ने कहा कि मुझे एक तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कही गई बात याद आ रही है। उन्होंने लाल किले से कहा था कि हम सभी जब हमारी बेटियां देर रात बाहर जाती हैं तो हम उनसे कुछ कहते हैं, उनसे कुछ पूछते हैं। क्या आप अपने बेटों के साथ ऐसा करते हैं? जवाब आएगा नहीं करते हैं, बल्कि देर रात जब लड़के बाहर जाएं तो उनसे भी परिवार के लोग पूछें।

विदेश मंत्री ने कहा कि आज महिलाओं की सुरक्षा एक बहुत बड़ा मुद्दा है। कोलकाता के सरकारी आरजी कर अस्पताल में एक स्नातकोत्तर प्रशिक्षु के साथ 9 अगस्त को बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई, जिसके बाद पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन हुए। जूनियर डॉक्टर तब से सीएम ममता बनर्जी से मिलने की मांग करते हुए 'काम बंद' कर रहे हैं।एस जयशंकर ने महिलाओं की सुरक्षा और उनके खिलाफ अपराध "हमारे देश में एक मुद्दा है, इस बात को स्वीकारा।


कंधार हाईजैक पर विदेश मंत्री ने किया खुलासा

नेटफ्लिक्स पर आई वेब सीरीज 'आईसी 814: द कंधार हाईजैक के बारे में भी विदेश मंत्री ने बात की और कई रोचक खुलासा किया। जयशंकर ने बताया कि उनके पिता भी 1984 में अपहृत विमान में यात्री थे और खास बात यह है कि जयशंकर खुद उस टीम का हिस्सा थे, जिसने इस संकट को संभाला था। इस दौरान जब उनसे सवाल पूछा गया कि क्या आपने इस सीरीज को देखी है तो उन्होंने जवाब दिया कि फिल्म नहीं देखी है, इसलिए मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता, लेकिन मैं आपको कुछ दिलचस्प बात बताता हूं जो आपको याद होगी।

इस घटना में कोई मारा नहीं गया

एस जयशंकर ने कहा कि 1984 में एक विमान अपहरण हुआ था, तब मैं बहुत युवा अधिकारी था। मैं उस टीम का हिस्सा था जो इस मामले से निपट रही थी। अपहरण के 3-4 घंटे बाद, मैंने अपनी मां को फोन करके बताया कि मैं नहीं आ सकता एक विमान अपहरण हुआ है। मुझे पता चला कि मेरे पिता उस विमान में थे। सौभाग्य से इस घटना में कोई मारा नहीं गया।


सरकार पर डाला जा रहा था दबाव

इस विदेश मंत्री ने कहा कि एक तरफ वे संकट को हल करने के लिए काम करने वाली आधिकारिक टीम का हिस्सा थे, जबकि दूसरी तरफ वे उन प्रभावित परिवारों का भी हिस्सा थे, जो सरकार पर कार्रवाई के लिए दबाव डाल रहे थे।

जानिए द कंधार हाईजैक वेब सीरीज का विवाद का कारण

उल्लेखनीय है कि 'आईसी 814: द कंधार हाईजैक' सीरीज 1999 में भारतीय एयरलाइंस की उड़ान आईसी 814 के अपहरण की सच्ची कहानी पर आधारित है। छह-एपिसोड की यह श्रृंखला 24 दिसंबर, 1999 की घटनाओं पर आधारित है, जब काठमांडू से दिल्ली जा रही भारतीय एयरलाइंस की उड़ान आईसी 814 को नेपाल के काठमांडू त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद अपहरण कर लिया गया था। हालांकि इस सीरीज को लेकर विवाद तब शुरू हुआ, जब विमान अपहरणकर्ता के नाम भोला और शंकर रख दिया गया, जबकि हकीकत यह है कि अपहरणकर्ता सभी मुस्लिम वर्ग से तालुक रखते थे।

यह विवाद कोर्ट भी पहुंचा। वेब सीरीज प्रतिबंध लगाने की मांग भी की गई। यह याचिका दिल्ली हाई कोर्ट ने डाली गई। याचिका में दावा किया गया है कि मिनीसीरीज में वास्तविक अपहरणकर्ताओं इब्राहिम अख्तर, शाहिद अख्तर सईद, सनी अहमद काजी, जहूर मिस्त्री और शाकिर को गलती से हिंदू नाम जैसे "भोला" और "शंकर" भगवान शिव से जुड़े नाम दिए गए हैं।

Viren Singh

Viren Singh

पत्रकारिता क्षेत्र में काम करते हुए 4 साल से अधिक समय हो गया है। इस दौरान टीवी व एजेंसी की पत्रकारिता का अनुभव लेते हुए अब डिजिटल मीडिया में काम कर रहा हूँ। वैसे तो सुई से लेकर हवाई जहाज की खबरें लिख सकता हूं। लेकिन राजनीति, खेल और बिजनेस को कवर करना अच्छा लगता है। वर्तमान में Newstrack.com से जुड़ा हूं और यहां पर व्यापार जगत की खबरें कवर करता हूं। मैंने पत्रकारिता की पढ़ाई मध्य प्रदेश के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्विविद्यालय से की है, यहां से मास्टर किया है।

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