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हर स्ट्राइक का केंद्र 'बहावलपुर' ही क्यों? देखिए कैसे और क्या होता है यहां
Bahawalpur: उल्लेखनीय है कि बहावलपुर में पाकिस्तान की 31वीं कोर और एक गुप्त परमाणु केंद्र भी स्थित है।
Operation Sindoor in Bahawalpur: भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों पर एक गुप्त और बहुस्तरीय कार्रवाई “ऑपरेशन सिंदूर” के अंतर्गत किए गए हमले ने पूरे क्षेत्र में हलचल मचा दी है। रातभर चले इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना, थलसेना और नौसेना की संयुक्त कार्रवाई में कुल नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। इनमें से चार पाकिस्तान के भीतर, जबकि पांच पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित थे।
पाकिस्तानी प्रशासन ने भी हमलों की पुष्टि करते हुए बताया कि कोटली, मुरिदके, सियालकोट और खास तौर पर बहावलपुर को निशाना बनाया गया है। इस सैन्य कार्रवाई का मकसद जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के मुख्य ठिकानों को ध्वस्त करना था, जो दशकों से भारत में आतंकवाद फैलाने में सक्रिय रहे हैं।
बहावलपुर पर सीधा हमला क्यों?
सवाल उठता है कि भारत ने बहावलपुर को क्यों खासतौर पर निशाना बनाया। दरअसल, यह शहर जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ माना जाता है। यहीं पर संगठन का प्रमुख केंद्र, जामिया मस्जिद सुब्हान अल्लाह परिसर स्थित है, जिसे उस्मान-ओ-अली कैंपस भी कहा जाता है। लगभग 18 एकड़ में फैला यह परिसर न सिर्फ धार्मिक शिक्षा का केंद्र है, बल्कि इसे एक आतंकवादी प्रशिक्षण केंद्र के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता रहा है।
मदरसों, मस्जिदों, एक जिम, घुड़सवारी के अस्तबल और यहां तक कि स्विमिंग पूल से लैस यह परिसर अल-रहमत ट्रस्ट द्वारा संचालित होता है, जिसे जैश का फ्रंटल संगठन माना जाता है। यह ट्रस्ट लंबे समय से ISI के समर्थन और फंडिंग के माध्यम से चल रहा है।
मसूद अजहर की विरासत
जैश-ए-मोहम्मद का संस्थापक मौलाना मसूद अजहर, जिसका जन्म बहावलपुर में हुआ था, भारत का सबसे वांछित आतंकवादी है। 1994 में भारत में गिरफ्तार किए गए अजहर को 1999 में कंधार विमान अपहरण के दौरान छोड़ा गया था। रिहाई के तुरंत बाद उसने जैश-ए-मोहम्मद की नींव रखी और अफगानिस्तान में ओसामा बिन लादेन से संपर्क किया। इसके बाद संगठन ने भारत में एक के बाद एक घातक हमलों को अंजाम दिया।
भारत की नई सैन्य नीति
'ऑपरेशन सिंदूर' भारत की आतंकी नीति में आए निर्णायक बदलाव को दर्शाता है। पहले जहां कार्रवाई केवल नियंत्रण रेखा या PoK तक सीमित रहती थी, वहीं इस बार बहावलपुर जैसे संवेदनशील और गहरे सैन्य क्षेत्र में हमला कर भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि अब आतंक की जड़ पर वार होगा। उल्लेखनीय है कि बहावलपुर में पाकिस्तान की 31वीं कोर और एक गुप्त परमाणु केंद्र भी स्थित है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस हमले ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया है, अब आतंकी पनाहगाहों को बख्शा नहीं जाएगा।
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