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WTO में ड्रैगन की यूएस के खिलाफ बड़ी जीत, अमेरिकी सामान पर शुल्क लगाएगा चीन
विश्व व्यापार संगठन ने चीन और अमेरिका के बीच सब्सिडी को लेकर चले आ रहे गतिरोध पर अपना फैसला सुना दिया है। फैसले में WTO ने चीन को अमेरिकी सामानों में शुल्क लगाने का अधिकार दे दिया है।
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WTO News: बीते दो दशकों में अंतराष्ट्रीय पटल पर चीन के उभार ने कई विकसित देशों को हैरानी में डाल दिया है। शुरू में चीन को एक बड़े बाजार के दौर पर उसका लाभ उठाने की सोच रहे विकसित देशों के लिए वो अब परेशानी का सबब बन गया है। वैश्विक बाजार में चीन की दादागिरी से सुपरपॉवर अमेरिका भी परेशान है। यहा वजह है कि दोनों देशों के बीच लंबे समय से व्यापार युध्द चला रहा है। इस बीच विश्व व्यापार संगठन के एक फैसले ने अमेरिका को बड़ा झटका दिया है।
विश्व व्यापार संगठन ने चीन और अमेरिका के बीच सब्सिडी को लेकर चले आ रहे गतिरोध पर अपना फैसला सुना दिया है। फैसले में WTO ने चीन को अमेरिकी सामानों में शुल्क लगाने का अधिकार दे दिया है। फैसले के अनुसार चीन अब अमेरिका से आने वाले 64.5 करोड़ मूल्य के सामानों पर शुल्क लगा सकता है। विश्व व्यापार संगठन के इस फैसले से अमेरिका को बड़ा झटका लगा है।
अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय के प्रवक्ता एडम हाज ने इस फैसले पर निराशा जताई है। वहीं चीन इस निर्णय से बेहद खुश है। दरअसल ये मामला ओबामा के शासनकाल का है। 2008 से 2012 के बीच अमेरिका द्वारा लगाए गए सब्सिडी विरोधी टैरिफ का असर सौर पैनल से लेकर स्टील वायर सहित 22 चीनी उत्पादों पर पड़ा था। अमेरिका के इस कदम के खिलाफ चीन WTO चला गया था।
इस मुद्दे पर सुनवाई के दौरान अमेरिका ने विश्व व्यापार संगठन के उन कानूनों में सुधार लाने की जरूरत बताते हुए कहा कि चीन ऐसे कानूनों को ढ़ाल बनाकर इस्तेमाल करता है। चीन ने इस बहस के दौरान अमेरिका से आने वाले 2.4 अरब डॉलर के सामानों पर शुल्क लगाने की मांग की थी, जिसे विश्व व्यापार संगठन ने खारिज करते हुए 64.5 करोड़ डॉलर किया।
अमेरिका – चीन तानातनी
दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था यूएसए और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन के बीच तनाव का स्तर बढता जा रहा है। पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के पावर में आने के बाद रिश्तों में कड़वाहट और बढ़ गई थी। ट्रंप ने चीन पर व्यापार असंतुलन का आरोप लगाते हुए चीनी उत्पादों पर शुल्क में जबरदस्त बढ़ोतरी की, बदले में चाइना भी पीछे नहीं रहा उसने अमेरिकी सामानों पर शुल्क बढ़ाए। दोनों के पीछे इस अनबन ने एक भयानक ट्रेड वॉर का रूप धारण कर लिया, जिसे ग्लोबल इकॉनमी प्रभावित होने लगी थी।
चीन की मनमानी
गौरतलब है कि चीन पर व्य़ापार में अक्सर मनमानी और गलत प्रैक्टिस अपनाने का आरोप लगते रहता है। चीन अपने सस्ते श्रम और मैन्युफेक्टरिंग सेक्टर को अधिक सब्सिडी देकर दुनियाभर में अपना माल डंप करता है। चीनी सामान सस्ता होने के कारण अन्य कंपनियां उनके सामने ठहर नहीं पाती। नजीतन चीन जहां निर्य़ात से खूब धन अर्जित करता है वहीं अन्य देशों को नुकसान उठाना पड़ता
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