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Hariyali Amavasya 2025Mein: 2025 सावन में हरियाली अमावस्या,24 या 25 जुलाई का दूर होगा कन्फ्यूजन जाने शुभ मुहूर्त, योग और महत्व

Hariyali Amavasya 2025Mein: सावन आते ही हरियाली के साथ त्योहार और उत्सव भी शुरु हो जाते है। इसी क्रम में अमावस्या तिथि भी खास होती है, जानते है सावन की हरियाली अमावस्या कब है,,,

Suman  Mishra
Published on: 15 July 2025 8:56 AM IST (Updated on: 24 July 2025 7:49 AM IST)
Hariyali Amavasya
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Hariyali Amavasyaसावन माह में हरियाली अमावस्या 24 जुलाई को है। इस माह का हर दिन खास है। इसमें अमावस्या भी है इस दिन शिव के साथ पितरों की पूजा से पितृ प्रसन्न होते है। इस साल सावन की हरियाली अमावस्या जुलाई में 24 तारीख गुरुवार के दिन है। सावन में पड़ने की वजह से इस अमावस्या को श्रावणी-हरियाली अमावस्या कहते हैं। क्योंकि इस समय हर तरफ हरियाली छा जाती है।

हरियाली अमावस्या के दिन वृक्षों का पूजन और वृक्षारोपण करने का बहुत महत्व होता है। अमावस्या की तरह श्रावणी अमावस्या पर भी पितरों की शांति के लिए पिंडदान और दान-धर्म करने का महत्व है।

हरियाली अमावस्या का शुभ मुहूर्त

सावन में प्रकृति की हर चीज बारिश से नहा कर एक दम नई लगती है। ऐसे में अमावस्या के दिन अच्छे योग और मुहूर्त होते है तो शिव की पूजा की जाए तो शुभ फल मिलता है। इस दिन वृक्षरोपण और उनमें जल सींचने का महत्व है। इस दिन वज्र और सिद्धि योग साथ में पुष्य नक्षत्र रहेगा।

अमावस्या की तिथि शुरू:24 जुलाई को रात 02 . 29 मिनट से शुरु

अमावस्या की तिथि समाप्त :25 जुलाई को देर रात 12 . 41 मिनट पर अमावस्या तिथि

सूर्योदय – सुबह 05 . 39 मिनट पर

सूर्यास्त – शाम 07 . 16 मिनट पर

चंद्रास्त- शाम 07 . 15 मिनट पर

हरियाली अमावस्या पर स्नान दान का समय

अभिजीत मुहूर्त - 12:06 PM – 12:59 PM

अमृत काल - 02:25 PM – 03:56 PM

ब्रह्म मुहूर्त - 04:22 AM – 05:10 AM

विजय मुहूर्त – दोपहर 02.45 मिनट से 03.39 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त – शाम 07.17 मिनट से 07 .37 मिनट तक

निशिता मुहूर्त – रात्रि 12 .07 मिनट से 12. 49 मिनट तक

हरियाली अमावस्या के दिन बहुत खास योग

सर्वार्थसिद्धि योग - पूरे समय

अमृतसिद्धि योग - Jul 24 04:43 PM - Jul 25 05:58 AM

गुरू पुष्य योग - Jul 24 04:43 PM - Jul 25 05:58 AM

इस साल हरियाली अमावस्या पर नक्षत्र पुनर्वसु 04:43 PM तक उपरांत पुष्य रहेंगा, गुरु पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग व अमृत सिद्धि योग का शुभ संयोग बन रहा है। यह सभी योग अत्यंत शुभ व फलदायी माने गए हैं।

हरियाली अमावस्या का महत्व

सावन हरियाली अमावस्या के दिन नदी, तालाब में स्नान का महत्व है।साल की 12 अमावस्या की तरह ही इस दिन जल पितरों को तर्पण और पिंड दान किया जाता है।इस दिन पितरों के नाम पर दान का महत्व है। वट वृक्ष , पीपल ,केला और नींबू का पौधा लगाने से पितरों का आशीर्वाद बना रहता है। साथ ही शिव भगवान के साथ हनुमान जी की भी पूजा करना जरुरी होता है।

मान्यता है कि सावन माह में पड़ने वाली हरियाली अमावस्या के दिन पेड़-पौधे लगाना बेहद शुभ होता है। क्योंकि इन वृक्षों पर देवी-देवताओं का वास होता है। इसलिए इस दिन इन पेड़-पौधों को लगाने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।

नोट : ये जानकारियां धार्मिक आस्था और मान्यताओं पर आधारित हैं। Newstrack.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।इसे सामान्य रुचि को ध्यान में रखकर लिखा गया है

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Suman  Mishra

Suman Mishra

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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