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1 जून से बड़ा बदलाव: जानिए आपके फायदे और संभावित नुक़सान

1 June 2025 Major Financial Changes: ये बदलाव वित्तीय व्यवस्था को डिजिटल, लचीला और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से लागू किए गए हैं।

Admin 2
Published on: 2 Jun 2025 2:49 PM IST
1 June 2025 Major Financial Changes in India
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1 June 2025 Major Financial Changes in India

1 June 2025 Major Financial Changes: जून 2025 की शुरुआत के साथ ही आम लोगों की जेब और वित्तीय नियोजन को प्रभावित करने वाले कई महत्वपूर्ण नियम बदल गए हैं। इनमें यूपीआई-एटीएम से पीएफ की निकासी, क्रेडिट कार्ड शुल्क में बदलाव, एफडी पर ब्याज दरों में गिरावट, और म्यूचुअल फंड कट-ऑफ टाइम जैसे विषय शामिल हैं।

ये बदलाव वित्तीय व्यवस्था को डिजिटल, लचीला और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से लागू किए गए हैं। आइए जानते हैं इन बदलावों से आम उपभोक्ता को क्या फायदा और क्या चुनौतियां मिल सकती हैं:

ईपीएफओ 3.0: यूपीआई-एटीएम से तत्काल पीएफ निकासी की सुविधा

बदलाव:

EPFO जून माह में EPFO 3.0 लॉन्च कर रहा है, जिसके तहत आप यूपीआई और एटीएम के माध्यम से अपने पीएफ फंड की तत्काल निकासी कर सकेंगे।

फायदे:

• आपात स्थिति में पीएफ निकालना पहले से कहीं अधिक तेज और सहज।

• मोबाइल से ही यूपीआई पर पीएफ बैलेंस देखना और ट्रांसफर करना संभव।

नुकसान:

• अगर सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू नहीं किया गया, तो साइबर फ्रॉड का खतरा बढ़ सकता है।

• अधिक निकासी की सुविधा से भविष्य के लिए बचत में असंतुलन पैदा हो सकता है।

क्रेडिट कार्ड शुल्क और रिवॉर्ड्स में बदलाव

बदलाव:

• कोटक महिंद्रा, एचडीएफसी और एक्सिस बैंक जैसे प्रमुख बैंक इस महीने से क्रेडिट कार्ड शुल्क, लाउंज एक्सेस, और रिवॉर्ड पॉलिसी में बदलाव कर रहे हैं।

फायदे:

• नए कार्डधारकों को कुछ नई सुविधाएं और योजनाएं मिल सकती हैं।

• ट्रांजैक्शन आधारित रिवॉर्ड प्रणाली में विविधता।

नुकसान:

• पुराने कार्डधारकों को मुफ्त लाउंज एक्सेस जैसे लाभों में कटौती झेलनी पड़ सकती है।

• शुल्क बढ़ने से क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल महंगा हो सकता है।

एफडी पर ब्याज दरों में कटौती

बदलाव:

ICICI, सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक जैसे कई बैंकों ने अपनी FD की ब्याज दरें घटा दी हैं, जो अब आरबीआई द्वारा रेपो रेट में 0.50% की कटौती के बाद हुआ है।

फायदे:

• ऋण लेने वालों के लिए लोन की ब्याज दरें कम हो सकती हैं।

• निवेशक म्यूचुअल फंड और इक्विटी में पैसे लगाने की ओर प्रेरित होंगे।

नुक़सान:

• वरिष्ठ नागरिकों और रिटायर्ड लोगों को कम रिटर्न मिलेगा, जिनके लिए FD प्रमुख निवेश साधन है।

केनरा बैंक: न्यूनतम बैलेंस नियम हटाया गया

बदलाव:

अब केनरा बैंक के बचत खातों में मासिक न्यूनतम जमा की आवश्यकता नहीं है।

फायदे:

• आम नागरिकों और ग्रामीण खाताधारकों को बड़ी राहत।

• ज़ीरो बैलेंस अकाउंट में कोई दंड नहीं।

नुक़सान:

• बैंक की डिपॉजिट लागत बढ़ सकती है, जिससे अन्य सेवाओं पर शुल्क बढ़ाया जा सकता है।

टीडीएस प्रमाणपत्र (फॉर्म 16) की अंतिम तिथि

बदलाव:

नियोक्ताओं को 15 जून तक कर्मचारियों को फॉर्म 16 देना अनिवार्य है।

फायदे:

• समय पर टैक्स रिटर्न फाइल करने में आसानी।

• टैक्स क्रेडिट में पारदर्शिता।

नुक़सान:

• यदि फॉर्म 16 समय से नहीं मिला तो टैक्स फाइलिंग में देरी हो सकती है।

म्यूचुअल फंड में नई समय सीमा

बदलाव:

ओवरनाइट म्यूचुअल फंड योजनाओं की कट-ऑफ टाइमिंग अब ऑफलाइन के लिए 3 बजे और ऑनलाइन के लिए 7 बजे निर्धारित की गई है।

फायदे:

• NAV की गणना में अधिक पारदर्शिता।

• निवेशक को बेहतर योजना बनाने का अवसर।

नुक़सान:

• कट-ऑफ टाइम चूकने पर अगले दिन का NAV लागू होगा।

आधार अपडेट की निशुल्क सुविधा की अंतिम तिथि

बदलाव:

14 जून तक आधार अपडेट मुफ्त, इसके बाद शुल्क लगेगा।

फायदे:

• नागरिक अभी मुफ्त में पता, मोबाइल नंबर आदि अपडेट कर सकते हैं।

नुक़सान:

• बाद में अपडेट महंगा हो सकता है।

वाणिज्यिक LPG सिलिंडर सस्ता

बदलाव:

19 किलो का वाणिज्यिक एलपीजी सिलिंडर अब 24 रुपये सस्ता, नई कीमत दिल्ली में ₹1723.50।

फायदे:

• होटल, रेस्टोरेंट और व्यवसायों के लिए राहत।

• खाद्य सेवा क्षेत्र में लागत घटेगी।

नुक़सान:

• घरेलू सिलेंडर की कीमतों में कोई राहत नहीं मिली है।

वित्तीय बदलावों का समग्र प्रभाव

इन सभी बदलावों से साफ है कि सरकार और वित्तीय संस्थाएं डिजिटल वित्तीय समावेशन, कर व्यवस्था की पारदर्शिता, और सेवा में सुविधा बढ़ाने की ओर अग्रसर हैं।

लेकिन, कुछ क्षेत्रों में शुल्क वृद्धि, ब्याज में गिरावट और नियमों की जटिलता भी देखने को मिल रही है, जिससे आम नागरिक को सूचित रहना बेहद आवश्यक है।

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