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सहारा का पैसा लौटेगा? अडानी लगाएंगे बेड़ा पार, 88 प्रॉपर्टीज की दांव-पेच वाली डील
सहारा ग्रुप की 88 प्रमुख प्रॉपर्टीज को अडानी ग्रुप को बेचकर निवेशकों का फंसा हुआ पैसा लौटाने की प्रक्रिया शुरू, सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को जवाब देने को कहा।
Adani Buys Sahara’s 88 Properties: सहारा इंडिया कमर्शियल कॉरपोरेशन लिमिटेड ने सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मांगी है कि वह अपनी 88 प्रमुख प्रॉपर्टीज को अडानी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड को बेच सके। इन संपत्तियों में महाराष्ट्र की ऐम्बी वैली, लखनऊ की सहारा सिटी और देश के कई हिस्सों की कीमती रियल एस्टेट शामिल हैं। यह कदम सहारा ग्रुप के उन निवेशकों के लिए है, जिन्होंने लंबे समय से अपना पैसा पाने के लिए संघर्ष किया है। अब यह संभव है कि उनके फंसे हुए पैसे लौट सकें।
निवेशकों को लौटाना है 24,030 करोड़ रुपये
सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही सहारा ग्रुप को निवेशकों को लगभग 24,030 करोड़ रुपये लौटाने का आदेश दिया था। अब तक लगभग 16,000 करोड़ रुपये जमा कराए जा चुके हैं। अडानी ग्रुप ने कहा है कि वे सभी 88 प्रॉपर्टीज का एक साथ पैकेज खरीदना चाहते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, सेबी और अन्य संबंधित पक्षों को इस मामले पर जवाब देने को कहा है। वित्त मंत्रालय और सहकारिता मंत्रालय भी इस प्रक्रिया में शामिल हैं। कोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ता शेखर नफड़े को न्यायमित्र (अमाइकस क्यूरी) नियुक्त किया है। उनका काम है इन 88 संपत्तियों की पूरी जानकारी देना कि कौन-सी संपत्ति विवाद मुक्त है और किन पर कोई कानूनी या तीसरे पक्ष के दावे हैं।
डील से निवेशकों को मिलेगा फायदा
इस डील से मिलने वाली राशि का इस्तेमाल सहारा ग्रुप उन निवेशकों के पैसे लौटाने में करेगा, जो सेबी-सहारा रिफंड अकाउंट में हैं। सहारा ग्रुप का कहना है कि यह राशि निवेशकों की देयता से भी काफी अधिक होगी। हालांकि डील की कुल राशि अभी कोर्ट में सील किए गए लिफाफे में है। सूत्रों के अनुसार, यह डील 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बताई जा रही है।
सहारा की अन्य कंपनियां सहारा हाउसिंग और सहारा रियल एस्टेट पर भी सेबी के तहत लगभग 25,000 करोड़ रुपये का भुगतान करना बाकी है। अभी लगभग 9,481 करोड़ रुपये की राशि बाकी है। सुप्रीम कोर्ट ने निवेशकों और कर्मचारियों के हितों का विशेष ध्यान रखने को कहा है, क्योंकि सहारा समूह के कई कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है।
अडानी के लिए भी है बड़ा मौका
यह डील अडानी ग्रुप के लिए महत्वपूर्ण है। इसके बाद अडानी को देश भर में बड़ी जमीन, होटल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और आवासीय संपत्तियों का बड़ा पोर्टफोलियो मिलेगा। इससे उनकी लैंड बैंकिंग क्षमता बढ़ेगी और रियल एस्टेट में उनका वर्चस्व मजबूत होगा। सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को 17 नवंबर तक लिखित जवाब देने का निर्देश दिया है। कोर्ट की मंजूरी मिलने पर ही डील आगे बढ़ेगी।
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