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India Gold Demand Falls Sharply: रिकॉर्ड तोड़ कीमतों ने कम की गोल्ड की मांग, 2025 में पांच साल के निचले स्तर पर पहुंच सकती है खपत
India Gold Demand Falls Sharply: जानिए कैसे रिकॉर्ड कीमतों ने भारत में ज्वेलरी बिक्री को किया प्रभावित और निवेश के रुझान को बदला, WGC रिपोर्ट के आधार पर।
India Gold Demand Falls Sharply
India Gold Demand Falls Sharply: भारत में सोने की चमक भले ही हमेशा से आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से मजबूत रही हो, लेकिन 2025 में इसके आगे रिकॉर्ड तोड़ कीमतें दीवार बनकर खड़ी हो गई हैं। इस साल सोने की कीमतें अब तक 28% तक बढ़ चुकी हैं और जून में यह 10 ग्राम के लिए ₹1,01,078 के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। इन आसमान छूती कीमतों का सीधा असर ज्वेलरी खरीद पर पड़ा है, जिससे देश की कुल गोल्ड डिमांड में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, यह खपत 2025 में पिछले पांच सालों में सबसे कम रह सकती है। वहीं, निवेश के रूप में सोने की मांग में थोड़ी तेजी जरूर देखी गई है, लेकिन यह ज्वेलरी की गिरती मांग की भरपाई करने में नाकाम रही है।
रिकॉर्ड कीमतों ने दबाई मांग, खपत में भारी गिरावट :
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल से जून तिमाही में भारत की गोल्ड खपत पिछले साल की तुलना में 10% गिरकर 134.9 टन रह गई। खास बात यह है कि इस दौरान ज्वेलरी की मांग में 17% की तेज गिरावट दर्ज की गई, जबकि निवेश की मांग में सिर्फ 7% की बढ़त देखी गई।
WGC के भारत प्रमुख सचिन जैन ने बताया कि अगर मौजूदा कीमतें स्थिर रहती हैं, तो साल भर की कुल मांग 700 टन तक पहुंच सकती है। लेकिन अगर भू-राजनीतिक वजहों से सोने की कीमतों में 10% से 15% की और तेजी आती है, तो खपत 600 टन तक सिमट सकती है। यह आंकड़ा 2020 के बाद सबसे कम होगा, जबकि 2024 में कुल खपत 802.8 टन रही थी।
इसके अलावा, सितंबर तिमाही में मांग और भी कमजोर रहने की संभावना है, क्योंकि पिछले साल की तुलना में अब सरकार द्वारा आयात शुल्क में राहत नहीं दी गई है। 2024 में सितंबर तिमाही के दौरान सोने की मांग 248.3 टन थी, लेकिन इस साल इसमें गिरावट देखने को मिल सकती है।
निवेशकों का झुकाव अब ETFs की ओर :
हाल के वर्षों में जहां ज्वेलरी की मांग कमजोर पड़ी है, वहीं गोल्ड ETFs (Exchange Traded Funds) में निवेशकों की रुचि तेजी से बढ़ी है। जून में भारत में गोल्ड ETF में 20.81 बिलियन रुपये ($237.5 मिलियन) का निवेश दर्ज किया गया, जो कि मई की तुलना में 10 गुना ज्यादा है। यह पिछले पांच महीनों का सबसे बड़ा निवेश है।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में डिजिटल और ऑनलाइन निवेश विकल्पों के बढ़ने से गोल्ड ETF एक नई ऊंचाई की ओर बढ़ रहा है। सचिन जैन का कहना है, “भारत में गोल्ड ETF एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। जैसे-जैसे देश डिजिटल हो रहा है, इन विकल्पों की लोकप्रियता और अहमियत भी बढ़ रही है।”
वहीं, पारंपरिक गोल्ड खरीदारी की तुलना में अब निवेशक ऐसे प्लेटफॉर्म्स की ओर झुक रहे हैं जो उन्हें कम लागत और आसानी से गोल्ड में निवेश का अवसर देते हैं। इसका नतीजा यह है कि सोना अब सिर्फ एक आभूषण नहीं, बल्कि एक निवेश विकल्प बनकर उभर रहा है।
घरेलू कीमतों की तेजी और आगे का रुझान :
2024 में सोने की कीमतों में करीब 21% की तेजी आई थी, जबकि 2025 में अब तक यह बढ़त 28% तक पहुंच गई है। जून में सोना ₹1,01,078 प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा, जो घरेलू बाजार में लगातार बढ़ती कीमतों को दिखाता है।
इस तेजी के पीछे भू-राजनीतिक अनिश्चितता, ग्लोबल फाइनेंशियल पॉलिसीज और महंगाई जैसे कारक हैं। इन सबका असर यह हुआ है कि आम खरीदार अब सोने की ज्वेलरी खरीदने से पीछे हट रहा है और निवेशक सीधे डिजिटल माध्यमों से सोने में पैसा लगा रहे हैं।
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