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Retirement Planning: रिटायरमेंट प्लानिंग! कब और कैसे करें शुरुआत
Retirement Planning: क्या आपने अपने रिटायरमेंट की प्लानिंग कर ली है और क्या है आप जानते हैं कि कौन सा तरीका सबसे बेस्ट है? नहीं? तो आइये इसके बारे आपको विस्तार से बताते हैं।
Retirement Planning (Image Credit-Social Media)
Retirement Planning: हम सभी जीवन भर श्रम करते हैं। स्कूल की पढ़ाई, नौकरी, घर-परिवार, बच्चों की जिम्मेदारी सब करते हैं। लेकिन धीरे-धीरे शरीर थक जाता हैऔर काम करना मुश्किल हो जाता है। इसे ‘रिटायरमेंट’ कहते हैं।रिटायरमेंट का अर्थ है आराम करना लेकिन आराम करना मुश्किल हो जाता है अगर रिटायरमेंट के समय पैसे नहीं हैं। इसलिए, रिटायरमेंट की तैयारी करना जरूरी है। यह रिटायरमेंट प्लानिंग है।
आइये इन बिंदुओं पर एक नज़र डालते हैं :
- रिटायरमेंट प्लानिंग क्या होती है?
- यह कब शुरू करना चाहिए?
- सही योजना कैसे बनाएँ?
- किन बातों पर ध्यान दें?
रिटायरमेंट प्लानिंग क्या होती है?
रिटायरमेंट प्लानिंग आपको काम नहीं करने के दौरान खर्च करने के लिए पैसे देता है। इसके लिए आपको बचत करनी होगी, सही जगह निवेश करना होगा और भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखना होगा।
इसका उद्देश्य यह है कि आप रिटायरमेंट के बाद बिना किसी आर्थिक समस्या से गुजरें।
रिटायरमेंट प्लानिंग की जरूरत क्यों है?
1. आमदनी बंद हो जाती है:
रिटायरमेंट के बाद आपकी नौकरी या व्यवसाय से मिलने वाली कमाई बंद हो जाती है।
2. महंगाई बढ़ी है:
चीजों की कीमतें हर साल बढ़ती रहती हैं। 20 साल बाद ₹1000 आज मिलेगा, वही ₹3000 20 साल बाद मिलेगा।
3. स्वास्थ्य सेवाओं की लागत बढ़ती है:
बीमारियां भी बढ़ती हैं। दवाइयों और इलाज में पैसे लगते हैं।
4. बच्चों पर निर्भर नहीं रह सकते:
हर कोई चाहता है कि वह आत्मनिर्भर (Self-dependent) रहे और बच्चों पर बोझ न बने।
5. शौक और आराम की जिंदगी:
रिटायरमेंट के बाद लोग घूमना-फिरना, स्वादिष्ट भोजन और सामाजिक कार्य करना चाहते हैं। इसके लिए धन आवश्यक है।
रिटायरमेंट प्लानिंग कब शुरू करें?
जवाब है: जितना जल्दी उतना अच्छा।
अगर आप 25 से 30 वर्ष की उम्र में रिटायरमेंट की योजना बनाना शुरू करदेते हैं, तो आपको कम पैसे बचाने होंगे, वह पैसा समय के साथ बढ़ेगा, और आपको भविष्य में बड़ी रकम मिल सकती है।
उदाहरण के रूप में:
30 साल की उम्र से हर महीने ₹3000 बचाकर 60 साल की उम्र तक 12% ब्याज पर निवेश करने पर आपके पास लगभग ₹1 करोड़ का निवेश होसकता है।
रिटायरमेंट प्लानिंग कैसे करें?
1. अपने खर्चों का अनुमान लगाएं
आपको सोचना होगा कि रिटायरमेंट के बाद हर महीने कितना खर्च होगा। इसमें शामिल करें:
- खाना-पीना
- बिजली-पानी
- कपड़े
- दवाइयां
- यात्रा
- अन्य जरूरतें
2. महंगाई को ध्यान में रखें
आज जो खर्च ₹20,000 महीना है, वह 20 साल बाद ₹50,000 भी हो सकता है। इसलिए भविष्य के खर्चों का सही अनुमान लगाएं।
3. रिटायरमेंट के लिए एक लक्ष्य (goal) तय करें
उदाहरण के लिए:
मुझे 60 साल की उम्र में ₹1.5 करोड़ चाहिए ताकि मैं 20 साल तक हर महीने ₹50,000 खर्च कर सकूं।
4. निवेश के विकल्प चुनें
आपके पास कई विकल्प होते हैं जहां आप पैसे निवेश कर सकते हैं:
(a) EPF (Employees' Provident Fund)
वेतनभोगी लोग हर महीने PF में पैसे जमा करते हैं। यह एक सुरक्षित और ब्याज वाला निवेश है।
(b) PPF (Public Provident Fund)
सरकार द्वारा चलायी गयी स्कीम है। 15 साल तक पैसे जमा करके अच्छा ब्याज मिलता है और टैक्स में भी छूट मिलती है।
(c) NPS (National Pension System)
इसमें आप हर महीने पैसे जमा कर सकते हैं और रिटायरमेंट के बाद पेंशन पा सकते हैं।
(d) म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds)
अगर आप थोड़ा जोखिम उठा सकते हैं तो SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में पैसे निवेश करें। यह लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न देता है।
(e) FDs और RD (Fixed/Recurring Deposits)
बैंक में पैसे जमा करना सुरक्षित होता है, लेकिन रिटर्न कम होता है। यहप्लानिंग का एक हिस्सा हो सकता है।
रिटायरमेंट प्लानिंग में किन बातों का ध्यान रखें?
1. बीमा जरूर लें
रिटायरमेंट से पहले ही स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) और जीवनबीमा (Life Insurance) ले लें। इससे परिवार को सुरक्षा मिलती है।
2. कर्ज से बचें
कोशिश करें कि रिटायरमेंट तक आपके ऊपर कोई लोन न बचे।
3. इमरजेंसी फंड रखें
कोई भी आपात स्थिति जैसे बीमारी, एक्सीडेंट आदि के लिए 6 से 12 महीने के खर्च जितना पैसा अलग रखें।
4. बच्चों की शिक्षा और शादी के लिए अलग प्लानिंग करें
रिटायरमेंट फंड का उपयोग बच्चों की पढ़ाई या शादी के लिए न करें।उसके लिए अलग बचत करें।
5. समय-समय पर समीक्षा करें
हर साल या दो साल में अपनी योजना की समीक्षा करें और जरूरत केअनुसार बदलाव करें।
रिटायरमेंट के बाद की योजनाएं
रिटायरमेंट के बाद भी कुछ योजनाएं मदद कर सकती हैं:
Senior Citizen Saving Scheme (SCSS):
सरकार द्वारा चलाया गया सुरक्षित स्कीम जिसमें सीनियर सिटिज़न निवेश कर सकते हैं।
Monthly Income Scheme (MIS):
पोस्ट ऑफिस की योजना जो हर महीने निश्चित राशि देती है।
Reverse Mortgage Scheme:
अगर आपके पास घर है, तो उसके बदले बैंक से हर महीने पैसे ले सकते हैं और घर में ही रह सकते हैं।
सामान्य गलतियाँ जो लोगों को नहीं करनी चाहिए
1. रिटायरमेंट की प्लानिंग टालते रहना।
2. केवल एक ही निवेश विकल्प पर निर्भर रहना।
3. बच्चों पर पूरी तरह निर्भर रहना।
4. बीमा न लेना।
5. अपने रिटायरमेंट फंड का इस्तेमाल दूसरे खर्चों में करना।
रिटायरमेंट के बाद आने वाली चुनौतियाँ
रिटायरमेंट का मतलब सिर्फ काम से छुट्टी नहीं होता, बल्कि यह जीवन का एक नया अध्याय होता है। इस समय कई नई चुनौतियाँ सामने आती हैं, जिनका पहले से अनुमान लगाना और तैयारी करना जरूरी होता है।
1. एकाकीपन (अकेलापन)
रोज़ ऑफिस या व्यापार में व्यस्त रहने वाला व्यक्ति जब अचानक घर पर ही रहने लगता है, तो उसे अकेलापन महसूस हो सकता है।
क्या करें: रिटायरमेंट के बाद खुद को व्यस्त रखें। किताबें पढ़ें, बागवानी करें, समाजसेवा से जुड़ें या कोई शौक अपनाएं।
2. मानसिक तनाव और चिंता
अगर पैसे की ठीक से योजना नहीं बनाई गई हो, तो रिटायरमेंट के बाद खर्चों को लेकर तनाव हो सकता है।
क्या करें: अपनी बचत को इस तरह रखें कि हर महीने एक नियमित आय मिलती रहे । उदाहरण: पोस्ट ऑफिस की मंथली इनकम स्कीम, एन्युटी प्लान, बैंक एफडी आदि।
3. स्वास्थ्य की गिरती हालत
उम्र बढ़ने के साथ-साथ बीमारी की संभावना भी बढ़ जाती है। इलाज मंहगा होता है। क्या करें: रिटायरमेंट से पहले अच्छा स्वास्थ्य बीमा ले लें और नियमित चेकअप कराते रहें। योग, ध्यान और हल्का व्यायाम जीवनशैली का हिस्सा बनाएं।
रिटायरमेंट प्लानिंग और महिला सशक्तिकरण
भारत में कई महिलाएं गृहिणी होती हैं और कमाई का हिस्सा नहीं होतीं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उन्हें रिटायरमेंट की जरूरत नहीं है।महिलाएं पुरुषों से ज़्यादा जीती हैं और उन्हें ज़्यादा समय तक आर्थिक सुरक्षा की जरूरत होती है।
महिलाओं के लिए रिटायरमेंट प्लानिंग के सुझाव:
* अगर वे कामकाजी हैं तो NPS, PPF और म्यूचुअल फंड्स में निवेश करें।
* अगर वे गृहिणी हैं, तो पति या परिवार के सहयोग से उनके नाम से भी एक छोटा निवेश फंड बनाया जाए।
* महिलाओं के लिए विशेष बीमा योजनाएं भी उपलब्ध हैं जो सस्ती और सुरक्षित होती हैं।
रिटायरमेंट प्लानिंग और टैक्स बचत
रिटायरमेंट की योजना बनाते समय टैक्स की बचत भी जरूरी होती है।सरकार ने कई ऐसी योजनाएं दी हैं जिनमें निवेश करके आप टैक्स में छूट पा सकते हैं:
* PPF: टैक्स में छूट, अच्छा ब्याज और लंबी अवधि के लिए सुरक्षित।
* NPS: सेक्शन 80CCD के तहत अतिरिक्त टैक्स छूट।
* ELSS (Equity Linked Saving Scheme): टैक्स बचत के साथ अच्छा रिटर्न, हालांकि इसमें थोड़ा जोखिम होता है।
इन योजनाओं में निवेश करने से एक ओर भविष्य सुरक्षित होता है, वहीं दूसरी ओर टैक्स में बचत भी होती है।
डिजिटल टूल्स और ऐप्स की मदद लें
आजकल तकनीक के ज़माने में रिटायरमेंट प्लानिंग करना पहले से आसान हो गया है। कई ऐप्स और वेबसाइट्स हैं जो आपको:
* मासिक बजट बनाने,
* निवेश का रिकॉर्ड रखने,
* और लक्ष्य की योजना बनाने में मदद करती हैं।
कुछ लोकप्रिय ऐप्स हैं: Groww, Zerodha Coin, ET Money, Scripbox आदि।
रिटायरमेंट के बाद कमाई के नए साधन
रिटायरमेंट के बाद भी अगर आप चाहते हैं कि थोड़ी बहुत कमाई होती रहे, तो इसके भी कई तरीके हैं:
1. कंसल्टेंसी या फ्रीलांसिंग:
अगर आपने किसी फील्ड में काम किया है, तो उसी में सलाहकार(consultant) बन सकते हैं।
2. ऑनलाइन ट्यूटर:
अपने ज्ञान को ऑनलाइन बच्चों को पढ़ाकर बांट सकते हैं।
3. ब्लॉग या यूट्यूब:
अपनी जिंदगी के अनुभव लोगों से साझा कर सकते हैं।
4. किराए की आय:
कोई अतिरिक्त मकान या दुकान हो तो उसे किराए पर देकर आयपाई जा सकती है।
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