छत्तीसगढ़ में जल्द ही मिलेगी गौमाता को राजमाता का दर्जा, CM विष्णुदेव साय ने किया बड़ा ऐलान!

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में जल्द ही गौमाता को राजमाता का दर्जा मिलेगा, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बागेश्वर धाम में यह बड़ा ऐलान किया। प्रदेश में गोठान बनाने और गौ सेवा को बढ़ावा देने की तैयारी, नक्सलियों के बाद अब धर्म विरोधियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की योजना।

Harsh Sharma
Published on: 9 Oct 2025 8:44 PM IST
छत्तीसगढ़ में जल्द ही मिलेगी गौमाता को राजमाता का दर्जा, CM विष्णुदेव साय ने किया बड़ा ऐलान!
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Chhattisgarh Gau Mata: छत्तीसगढ़ में जल्द ही गौमाता को राजमाता का दर्जा मिलेगा, ऐसा कहा है मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने। हाल ही में रायपुर के अवधपुरी मैदान गुढ़ियारी में बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की हनुमान कथा के दौरान उन्होंने यह बात कही। मुख्यमंत्री ने बताया कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने पहले कहा था कि तहसील स्तर पर पांच-पांच हजार गोठान बनाए जाएं। उन्होंने भरोसा दिया कि महाराष्ट्र की तरह छत्तीसगढ़ में भी गाय को राजमाता का दर्जा दिया जाएगा।

गौमाता को जल्द मिलेगा राजमाता का दर्जा: मुख्यमंत्री का वादा

मुख्यमंत्री ने कहा कि वे प्रदेश के कैबिनेट और वरिष्ठ नेताओं से इस विषय पर चर्चा कर जल्द ही इसकी आधिकारिक घोषणा करेंगे। उन्होंने पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का भी स्वागत किया और कहा कि वे सनातन धर्म के प्रेमियों के लिए गर्व का कारण हैं। इसके अलावा, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय गायों की सेवा में गहरा विश्वास रखते हैं। वे अक्सर अपनी गौ सेवा की तस्वीरें और वीडियो साझा करते रहते हैं। सितंबर में हुए चंद्रग्रहण से पहले उन्होंने गायों को रोटी और गुड़ खिलाकर प्रदेश की शांति और समृद्धि की कामना की थी। उन्होंने बताया कि गौ सेवा से उन्हें आत्मिक शांति और ऊर्जा मिलती है।

बस्तर में नक्सलियों के बाद अब धर्म विरोधियों का अंत

हनुमंत कथा के अंतिम दिन बागेश्वर बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने सीएम विष्णुदेव साय के सामने कहा कि जब नेता व्यस्त हो जाते हैं तो वे अपने सहायक को भेज देते हैं और खुद नहीं आते। उसी तरह, जब भगवान सीधे नहीं आते, तो वे महात्माओं को भेजते हैं। अब बाबा धीरेंद्र ने कहा कि उन्हें बस्तर जाना है, क्योंकि वहां नक्सलियों का सफाया हो चुका है। अब समय आ गया है कि धर्म के खिलाफ लड़ने वालों का भी अंत हो। बिच्छू के पास जहर होता है, लेकिन महात्माओं के पास भजन-कीर्तन और तपस्या की ताकत होती है।

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