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Aankhon Ki Gustaakhiyan Review: पैसा वसूल विक्रांत मैसी की मूवी आँखों की गुस्ताकियाँ का आया रिव्यू
Aankhon Ki Gustaakhiyan Twitter Review: विक्रांत मैसी की फिल्म आँखों की गुस्ताकियाँ सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है, चलिए जानते हैं कैसी है फिल्म
Aankhon Ki Gustaakhiyan Review (Image Credit- Social Media)
Aankhon Ki Gustaakhiyan Review: विक्रांत मैसी इन दिनों लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। जिसके पीछे की वजह है विक्रांत मैसी की इस साल रिलीज होने वाली फिल्म आँखों की गुस्ताकियाँ जिसमें उनके साथ सनाया कपूर अपना पहला डेब्यू करने जा रही है। बता दे कि विक्रांत मैसी की फिल्म Aankhon Ki Gustaakhiyan एक रोमांटिक ड्रामा फिल्म है। फिल्म के ट्रेलर के बाद दर्शकों को फिल्म के रिलीज का इंतजार था। अब जाकर फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। चलिए जानते हैं, फिल्म दर्शकों को कितनी पसंद आने वाली है।
आँखों की गुस्ताकियाँ मूवी रिव्यू (Aankhon Ki Gustaakhiyan Movie Review In Hindi)-
विक्रांत मैसी की फिल्म आँखों की गुस्ताखियाँ संतोष सिंह द्वारा निर्देशित और मानसी बागला द्वारा लिखित है। यह जान्हवी कपूर की कज़िन शनाया कपूर की बहुप्रतीक्षित डेब्यू फिल्म भी है। जो लोग नहीं जानते हैं बता दे कि आँखों की गुस्ताखियाँ रस्किन बॉन्ड की लघु कहानी द आइज हैव इट पर आधारित है। इस फिल्म में विक्रांत मैसी एक दृष्टिबाधित संगीतकार की भूमिका मे हैं, जबकि शनाया एक थिएटर कलाकार की भूमिका में हैं। आँखों की गुस्ताखियाँ एक रेल यात्रा के दौरान दो मुख्य किरदारों के बीच के रिश्ते को दर्शाती है और आधुनिक रिश्तों के बीच मानवीय जुड़ाव को गहराई से दर्शाती है। ट्रेलर से लेकर गानों तक, " आँखों की गुस्ताखियाँ" ने दर्शकों में अच्छी-खासी धूम मचा दी है। और अब हमें फिल्म का शुरूआती रिव्यू मिल गया है।
अभिनेता से आलोचक बने कुलदीप गढ़वी ने सोशल मीडिया पर "आँखों की गुस्ताखियाँ" को 'पूरी तरह से पैसा वसूल सिनेमाई अनुभव' बताया। उन्होंने लिखा, "यह फ़िल्म हास्य और गहरे भावनात्मक पलों का मिश्रण है। यह एक दिल को छू लेने वाली कहानी है जो धीरे-धीरे आपके दिल में उतरती और गहरी होती जाती है। यह शनाया कपूर की पहली फ़िल्म है, और यह एक बेहतरीन शुरुआत है! संवाद अदायगी, भाव-भंगिमाएँ और कुल मिलाकर स्क्रीन पर उपस्थिति बेहद प्रभावशाली है - हाल के वर्षों में यह उनकी सर्वश्रेष्ठ पहली फ़िल्मों में से एक है। विक्रांत मैसी एक बार फिर साबित करते हैं कि वे प्रतिभा के भंडार हैं। उनका अभिनय इतना स्वाभाविक, भावपूर्ण और वास्तविक है - वे किरदार को जीते हैं। साथ में, उनकी केमिस्ट्री कहानी को जीवंत बनाती है। "आँखों की गुस्ताखियाँ" आपको सच्चे प्यार का मतलब सिखाती है। यह दर्शाती है कि जब एक लड़की सच्चे दिल से प्यार करती है, तो वह अपना सब कुछ दे देती है - ज़रूरत पड़ने पर अपनी जान भी। यह फ़िल्म सिर्फ़ देखने के लिए नहीं, बल्कि महसूस करने के लिए है। और जब यह खत्म होगी, तो आप इसकी तारीफ़ करते नहीं थकेंगे।"तो वहीं उन्होंने 5 में से 4 स्टार दिए हैं।
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