TRENDING TAGS :
बिहार के 'महासंग्राम' का पहला दौर, नीतीश-तेजस्वी के लिए बड़ी चुनौती, समझिए 121 सीटों का पूरा गणित
Bihar election phase 1: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का पहला चरण बेहद रोमांचक होने वाला है। 18 जिलों की 121 सीटों पर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच सीधी टक्कर है। जानिए कौन-कौन से बड़े नेता मैदान में हैं और किसका पलड़ा भारी दिख रहा है।
Bihar election phase 1: बिहार विधानसभा चुनाव की बिसात बिछ चुकी है, और सियासी दलों ने आखिरी दम तक अपनी पूरी ताकत झोंक दी है! मंगलवार की शाम पाँच बजे 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर चुनाव प्रचार का शोर थम जाएगा। यह सिर्फ एक चुनावी चरण नहीं, बल्कि बिहार की सत्ता का 'गेटवे' है। इसी पहले दौर के नतीजे तय करेंगे कि नीतीश कुमार एक बार फिर मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालेंगे या तेजस्वी यादव की युवा चुनौती उन्हें सत्ता से बेदखल कर देगी। 6 नवंबर को 3,75,13,302 मतदाता, 1314 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे, जिनमें 122 महिला उम्मीदवार भी शामिल हैं। मिथिलांचल, कोसी, मुंगेर डिवीजन और भोजपुर बेल्ट की इन सीटों पर मुकाबला कांटे का है, जहां एनडीए और महागठबंधन दोनों की साख दांव पर लगी है।
महामुकाबले की बिसात: किस गठबंधन ने उतारे कितने उम्मीदवार?
पहले चरण की 121 सीटों पर मुख्य मुकाबला एनडीए (NDA) और महागठबंधन (Mahagathbandhan) के बीच है। दोनों ही गठबंधनों ने जीत सुनिश्चित करने के लिए अपनी पूरी रणनीति लगा दी है।
महागठबंधन:
आरजेडी (RJD): 72 सीटों पर सबसे बड़ा दांव खेल रही है।
कांग्रेस (Congress): 24 सीटों पर अपनी किस्मत आजमा रही है।
सीपीआई माले (CPI-ML): 14 सीटों पर मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रही है।
इसके अलावा, वीआईपी (VIP) और सीपीआई (CPI) 6-6 सीटों पर, सीपीएम (CPM) 3 सीटों पर, और आईआईपी (IIP) 2 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
NDA:
जेडीयू (JDU): 57 सीटों पर जोर लगा रही है, जो उसके कोटे की आधी से ज़्यादा सीटें हैं।
बीजेपी (BJP): 48 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं।
एलजेपी (रामविलास) (LJP(R)): 13 सीटों पर, जो चिराग पासवान के लिए अहम हैं।
आरएलएम (RLM): उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी 2 सीटों पर मैदान में है।
हम (HAM): जीतनराम मांझी की पार्टी 1 सीट पर ताल ठोक रही है।
अन्य दलों में असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम (AIMIM) भी 8 सीटों पर और जन सुराज पार्टी (Jan Suraj Party) 119 सीटों पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही है।
यह सीटों का समीकरण साफ बताता है कि किसी भी दल के लिए यह राह आसान नहीं है, और गठबंधन की केमिस्ट्री ही जीत का रास्ता तय करेगी।
कुर्सी का इम्तिहान: नीतीश और तेजस्वी का राजनीतिक भविष्य दांव पर
यह चरण न केवल पार्टियों के लिए, बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव दोनों के सियासी भविष्य के लिए निर्णायक साबित होगा। नीतीश कुमार की अग्निपरीक्षा: नीतीश कुमार दो दशक से बिहार की राजनीति के केंद्र में हैं, लेकिन इस बार उनके खिलाफ सत्ता विरोधी लहर का दबाव है। जेडीयू ने पिछले चुनाव में इसी चरण की 43 में से 23 सीटें जीती थीं, इसलिए इस बार इन सीटों को बचाना उनकी कुर्सी बचाने के लिए बेहद ज़रूरी है। बीजेपी का फ्रंटफुट पर आकर लड़ना भी नीतीश के लिए नई चुनौती है। अगर इस बार एनडीए में जेडीयू की सीटें कम आती हैं, तो उनका सीएम बनना आसान नहीं होगा।
तेजस्वी की 'सत्ता' की राह: तेजस्वी यादव के लिए यह चरण 'करो या मरो' की स्थिति है। पिछले चुनाव में महागठबंधन को इसी चरण में एनडीए से ज़्यादा 61 सीटें मिली थीं, जिसमें आरजेडी ने अकेले 42 सीटें जीती थीं। उन्हें न केवल अपनी ये सीटें बचानी हैं, बल्कि सरकार बनाने के लिए इनमें इज़ाफा भी करना होगा। राघोपुर सीट से खुद तेजस्वी मैदान में हैं। उनकी जीत की हैट्रिक और सहयोगी दलों को जिताने का ज़िम्मा उनके कंधों पर है। युवाओं और अपने 'MY' समीकरण के सहारे वह सत्ता के सिंहासन तक पहुंचने की उम्मीद कर रहे हैं।
दिग्गजों की जंग: 16 मंत्रियों की साख दांव पर
पहले चरण का महत्व इस बात से भी समझा जा सकता है कि नीतीश सरकार के 16 मंत्रियों की किस्मत दांव पर लगी है।
एनडीए के बड़े चेहरे: बीजेपी कोटे से 11 मंत्री और जेडीयू कोटे से 5 मंत्री चुनावी समर में हैं। इनमें दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी (तारापुर) और विजय कुमार सिन्हा (लखीसराय) का इम्तिहान भी इसी चरण में होगा। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, नितिन नवीन, जीवेश मिश्र और संजय सरावगी जैसे कई कद्दावर मंत्री मैदान में हैं।
जेडीयू के दिग्गज: नीतीश के खास जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी (सराय रंजन), ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार (नालंदा), और समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी जैसे प्रमुख चेहरे अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए जी-जान से जुटे हैं।
सीधी टक्कर: कौन किस पर भारी?
चुनावी मैदान में सीधी टक्कर का समीकरण काफी दिलचस्प है।
जेडीयू बनाम आरजेडी/कांग्रेस: जेडीयू की 57 में से 36 सीटों पर आरजेडी से सीधा मुकाबला है, जबकि 13 सीटों पर उसकी भिड़ंत कांग्रेस से है।
बीजेपी बनाम आरजेडी/कांग्रेस: 23 सीटों पर आरजेडी और बीजेपी आमने-सामने हैं, जबकि कांग्रेस और बीजेपी की सीधी टक्कर केवल 13 सीटों पर है।
छोटे दलों की बड़ी भूमिका: चिराग पासवान की एलजेपी (आर) 10 सीटों पर आरजेडी को टक्कर दे रही है, वहीं भाकपा-माले 5 सीटों पर बीजेपी से दो-दो हाथ कर रही है।
पहले चरण में हुई पिछली चुनावी जंग पर गौर करें तो, महागठबंधन ने 61 और एनडीए ने 59 सीटें जीती थीं। इस बार, यह अंतर और भी कम हो सकता है, जिससे हर एक सीट पर मुकाबला बेहद रोमांचक हो गया है। चुनाव प्रचार का शोर भले ही थम गया हो, लेकिन अब असली जंग घर-घर जाकर वोटरों को साधने की है, जिसका नतीजा 6 नवंबर को मतदान के बाद ही पता चलेगा। यह चरण तय करेगा कि बिहार की राजनीति किस दिशा में करवट लेती है।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!


