हाईजैक हुए मुख्यमंत्री! बिहार की सियासत में खड़ा हुआ बड़ा मुद्दा, पीड़ा से गुजर रहा विपक्ष

Bihar Politics: बिहार की सियासत इन दिनों एक नए दौर से गुजर रही है, जहां मुख्यमंत्री जी हाईजैक हो गए।

Snigdha Singh
Published on: 6 May 2025 8:10 AM IST (Updated on: 6 May 2025 8:10 AM IST)
हाईजैक हुए मुख्यमंत्री! बिहार की सियासत में खड़ा हुआ बड़ा मुद्दा, पीड़ा से गुजर रहा विपक्ष
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Photo: Social Media

Bihar Politics: वैसे तो बिहार सत्याग्रहों की भूमि मानी जाती है। महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह से लेकर इंडिया गठबंधन की नींव बिहार की सरजमीं पर ही रखी गई। यहां इन दिनों सियासत का दौर चल रहा है। वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव होना है। इसी कड़ी में राजनीतिक पार्टियों की रणनीतियां तय हो रही हैं। लेकिन इस बीच एक बड़ी बात सामने आई कि बिहार के मुख्यमंत्री 'हाईजैक' हो गए हैं।

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अब शासन संभालने की स्थिति में नहीं हैं और संकेत दिया कि प्रदेश की सत्ता पर उनका नियंत्रण नहीं रहा। तेजस्वी ने कहा कि जिस स्थिति से मुख्यमंत्री गुजर रहे हैं, उसे लेकर हमें पीड़ा है। हम बार-बार उनसे कहते हैं कि अब वे थक चुके हैं। जो आज बिहार में हो रहा है, उससे यह स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री हाईजैक हो गए हैं और राज्य कोई और चला रहा है। तेजस्वी यादव का यह बयान ऐसे समय में आया है जब राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन में असंतोष की अटकलें फिर से तेज हो गई हैं। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि नीतीश कुमार का नेतृत्व अब केवल नाममात्र का रह गया है और नीतिगत फैसलों पर उनका नियंत्रण कम होता जा रहा है।

अब अंत की ओर नीतीश की राजनीति!

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान न केवल नीतीश कुमार की राजनीतिक स्थिति पर सवाल उठाता है, बल्कि आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र विपक्षी लामबंदी की ओर भी संकेत करता है। नीतीश कुमार, जो हाल के वर्षों में कई बार अपने राजनीतिक रुख और गठबंधन बदल चुके हैं, इस वक्त एनडीए के साथ हैं। लेकिन भाजपा के साथ उनके संबंध सतही तौर पर भले ही सामान्य दिखते हों, अंदरूनी तौर पर सबकुछ सहज नहीं माना जा रहा है। भाजपा में नीतीश के नेतृत्व को लेकर भरोसे की कमी कई बार सामने आ चुकी है।

भाजपा की धोखा नीति, नेतृत्व की तलाश!

भाजपा अक्सर ऐसे समय में कदम उठाती है जब विरोधी पूरी तरह आश्वस्त रहते हैं। महाराष्ट्र में भी यही देखा गया। अगर बिहार में भाजपा को लगे कि नीतीश कुमार अब जनाधार खो चुके हैं या 2025 विधानसभा चुनाव में उनके नेतृत्व से नुकसान हो सकता है, तो यह संभव है कि वह कोई वैकल्पिक रणनीति तैयार करे।

कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बिहार भाजपा अब एक नए नेतृत्व की तलाश में है, जो युवा हो, स्पष्ट बहुमत दिला सके और गठबंधन पर निर्भर न रहे। ऐसे में भाजपा की नजर 2025 पर है, और वह अब नीतीश कुमार के सहारे नहीं बल्कि अपनी ताकत पर सत्ता में लौटने की सोच रही है।

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Snigdha Singh

Snigdha Singh

Leader – Content Generation Team

Hi! I am Snigdha Singh, leadership role in Newstrack. Leading the editorial desk team with ideation and news selection and also contributes with special articles and features as well. I started my journey in journalism in 2017 and has worked with leading publications such as Jagran, Hindustan and Rajasthan Patrika and served in Kanpur, Lucknow, Noida and Delhi during my journalistic pursuits.

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