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नामांकन का महासंग्राम खत्म! बिहार की 121 सीटों पर 1,250 से ज्यादा उम्मीदवार, पूरी लिस्ट और समीकरण यहाँ देखें
बिहार चुनाव के पहले चरण में 121 सीटों पर 1,250 से अधिक नामांकन हुए। जानें NDA और विपक्षी 'इंडिया' गठबंधन में सीटों के बंटवारे, तेजस्वी यादव की सीट और अमित शाह के आरोपों का पूरा चुनावी समीकरण।
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया शुक्रवार को समाप्त हो गई। इस दौरान सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का चुनावी अभियान आत्मविश्वास से भरा हुआ नजर आ रहा है, जबकि विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन में अभी भी कई मुद्दों पर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। निर्वाचन आयोग के अनुसार, पहले चरण के 121 विधानसभा क्षेत्रों के लिए अब तक 1,250 से अधिक उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है। यह संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि कुछ जिलों से आंकड़े अभी तक नहीं आए हैं।
इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों की स्थिति
‘इंडिया’ गठबंधन में कम से कम छह विधानसभा क्षेत्रों पर एक से अधिक उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है, जिससे संभावना बन रही है कि अगर इन उम्मीदवारों में से कोई 20 अक्टूबर तक नाम वापस नहीं लेता, तो ‘फ्रेंडली फाइट’ की स्थिति बन सकती है। खासकर, राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और अन्य वाम दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर अभी तक कोई स्पष्टता नहीं है। किस पार्टी को कौन सी सीट पर लड़ा जाएगा, इस पर अभी भी असमंजस बना हुआ है।
कांग्रेस और राजद के बीच मतभेद
कांग्रेस ने राजद नेता ऋषि मिश्रा को जाले सीट पर अपने चुनाव चिन्ह पर लड़ने की अनुमति दी है, लेकिन बदले में राजद ने लालगंज सीट पर सहयोग नहीं किया, जहां कांग्रेस उम्मीदवार आदित्य कुमार राजा के खिलाफ माफिया नेता मुन्ना शुक्ला की बेटी शिवानी शुक्ला ने नामांकन दाखिल किया है। इसके अलावा, वैशाली और कहलगांव सीटों पर भी राजद और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर की स्थिति बन रही है।
तेजस्वी यादव की राघोपुर सीट
राजद नेता तेजस्वी यादव इस बार राघोपुर सीट से लगातार तीसरी बार चुनावी मैदान में हैं। वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी इस बार खुद चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, बल्कि उनका कहना है कि वह उपमुख्यमंत्री बनने के लिए ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार बनवाने में मदद करना चाहते हैं। मुकेश सहनी की पार्टी 2020 में चार सीटें जीतने में सफल रही थी।
सत्तारूढ़ NDA का चुनावी अभियान
सत्तारूढ़ एनडीए का चुनावी अभियान तेज हो चुका है। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा, मंत्री मंगल पांडे और जद(यू) नेता विजय कुमार चौधरी जैसे बड़े नेता चुनावी मैदान में हैं। बीजेपी ने तेज़ प्रचार अभियान की शुरुआत की है, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सारण जिले में रैली को संबोधित किया और पटना में बुद्धिजीवी सम्मेलन में भाग लिया।
बीजेपी के आरोप
अमित शाह ने राजद शासन को “गड्ढे” से तुलना करते हुए कहा कि, “हमने उस गड्ढे को भर दिया है और अब अगले पांच वर्षों में मजबूत इमारत खड़ी करेंगे।” उन्होंने कांग्रेस और राजद पर अपराधियों और घुसपैठियों को संरक्षण देने का आरोप भी लगाया और जनता से अपील की कि लालू प्रसाद को फिर से सत्ता में लौटने का मौका न दिया जाए। शाह ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए के चुनाव लड़ने की बात की और जद(यू) में असंतोष की अफवाहों को खारिज किया।
सीटों के बंटवारे में सहमति
एनडीए में सीटों के बंटवारे पर सहमति बन गई है, जिसमें बीजेपी और जद(यू) दोनों 243 विधानसभा सीटों पर 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। बाकी की सीटें छोटे सहयोगी दलों – लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा को दी गई हैं। चुनाव में सत्तारूढ़ गठबंधन की रणनीति स्पष्ट है, लेकिन विपक्षी गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर अब भी असमंजस बना हुआ है, जो आगामी चुनावी परिणामों पर असर डाल सकता है।
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