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बिहार NDA सीट बंटवारा तय! नीतीश के आगे झुकी BJP, चिराग को जबरदस्त फायदा, देखिए पूरी लिस्ट...
बिहार NDA सीट बंटवारा तय - इसका आधिकारिक ऐलान NDA की तरफ से जल्द प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया जाएगा।
Bihar Election 2025 (PHOTO CREDIT: social media)
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए (NDA) में सीटों का बंटवारा अब तकरीबन तय होता नज़र आ रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा हाल ही में किये गए दिल्ली दौरे के बाद गठबंधन दलों के बीच सहमति बन गई है। जानकारी के मुताबिक, जेडीयू (JDU) को 102, भाजपा (BJP) को 101, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास पासवान गुट) यानी LJP (आर) को 20, वहीं जीतन राम मांझी की ‘हम’ और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) को 10-10 सीटें सौंपी जाएंगी। हालांकि, इसका आधिकारिक ऐलान NDA की तरफ से जल्द प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया जाएगा।
JDU बना ‘बड़ा भाई’
सबसे बड़ी बात यह है कि इस बार JDU और बीजेपी के बीच सीटों की संख्या तकरीबन बराबर रहने के बावजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू 102 सीटों को लेकर चुनावी मैदान में उतरेगी, जबकि बीजेपी को 101 सीटों पर संतोष करना होगा। इससे स्पष्ट है कि इस बार NDA में नीतीश कुमार ‘बड़े भाई’ की भूमिका में नज़र आएंगे।
पिछले चुनाव से तुलना
यदि साल 2020 विधानसभा चुनाव की बात करें तो उस दौरान बीजेपी ने लगभग 110 और JDU ने 115 सीटों पर चुनाव लड़ा था। परिणाम में बीजेपी को 74 और JDU को 43 सीटें मिली थीं। उस चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी मजबूत होकर सामने आयी थी और JDU कमजोर हुई थी। अब यदि परिस्थितियां बदल गई तो इस बार सीटों का बंटवारा बीजेपी और JDU को लगभग बराबर भागीदारी बना देता है, लेकिन प्रतीकात्मक रूप से नीतीश कुमार का कद बड़ा नज़र आ रहा है।
चिराग पासवान को बड़ी भागीदारी
NDA गठबंधन में सबसे अधिक फायदा चिराग पासवान की पार्टी LJP (आर) को मिलता नज़र आ रहा है। इस बार उन्हें 20 सीटें दी जा रही हैं। पिछली बार चिराग ने NDA से अलग होकर चुनावी मैदान में उतरे थे और JDU को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा था। अब चिराग को साथ लेकर बीजेपी और JDU यह संदेश देना चाहती हैं कि NDA एकत्रित होकर मैदान में उतरेगा।
मांझी और कुशवाहा को मिली बराबर सीटें
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी ‘हम’ और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा को बराबर 10-10 सीटों की हिस्सेदारी मिल सकती हैं। इन दोनों छोटे दलों को साथ लेकर NDA यह प्रयास कर रहा है कि विभिन्न जातीय समीकरणों को निशाना बनाया जा सके। मांझी की पकड़ दलित वोट बैंक पर है तो कुशवाहा समुदाय पर उपेंद्र कुशवाहा का बड़ा प्रभाव माना जाता है।
NDA का सियासी संदेश
NDA का यह सीट बंटवारा स्पष्ट रूप से राजनीतिक संदेश देता है। बीजेपी और JDU दोनों बराबर मजबूती के साथ चुनावी मैदान में उतरेंगी, लेकिन नीतीश कुमार की स्थिति मुख्यमंत्री पद पर डटे रहने की गारंटी देती नज़र आ रही है। साथ ही, चिराग पासवान को बड़ी भागीदारी देकर NDA ने उन्हें भी संतुष्ट करने का प्रयास किया है। वहीं, छोटे दलों को 10-10 सीटें देकर गठबंधन ने यह स्पष्ट किया जा रहा है कि कोई दल नाराज होकर अलग न हो।
अब आगे क्या?
अब सभी की नजरें जल्द होने वाली NDA की आधिकारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस पर हैं, जहां सीट बंटवारे की घोषणा औपचारिक रूप से की जाएगी। इस बीच, विपक्षी महागठबंधन भी अपनी रणनीति पर कार्य कर रहा है। NDA का यह बंटवारा न सिर्फ चुनावी गणित बल्कि सत्ता संतुलन की तस्वीर भी पेश करता है।
कुल मिलाकर, बिहार में NDA ने सीट बंटवारे का फार्मूला लगभग तय कर दिया है और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में इसका चुनावी मैदान पर क्या प्रभाव पड़ता है।
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