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सियासत में 'इश्क' की दस्तक! अनुष्का बेबी की एंट्री, अब 'लव पॉलिटिक्स' NDA या RJD में से किसका बिगाड़ेगी खेल?
Bihar Politics: क्या तेज प्रताप यादव अपने नाम और रिश्तों के दम पर नया समीकरण गढ़ पाएंगे या यह एक और सियासी प्रयोग बनकर रह जाएगा?
Bihar Politics: बिहार की राजनीति एक बार फिर करवट लेने जा रही है इस बार केंद्र में हैं तेज प्रताप यादव। राजद (RJD) से निकाले जाने के बाद लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे आज नई पार्टी का ऐलान कर सकते हैं, लेकिन बात सिर्फ पार्टी तक सीमित नहीं है... चर्चा है कि इस नई सियासी शुरुआत में तेज प्रताप के साथ दिख सकती हैं अनुष्का यादव वही अनुष्का, जिनके साथ तेज प्रताप के रिश्ते ने पहले ही सियासी गलियारों में हलचल मचा रखी है।
क्या रिश्ते से राजनीति तक पहुंचेगा ये गठबंधन?
तेज प्रताप की निजी जिंदगी पहले भी विवादों से घिरी रही है, लेकिन इस बार मामला थोड़ा अलग है। सूत्रों का दावा है कि तेज प्रताप ने पिछले महीने अनुष्का यादव के घर कई घंटे बिताए थे, और वहां परिवार के सदस्यों की मौजूदगी भी दर्ज की गई थी। अब सवाल ये उठ रहे हैं क्या ये मुलाकात सिर्फ निजी थी या आने वाली राजनीतिक साझेदारी की नींव रखी जा रही थी?
नई पार्टी, नया चेहरा: 'टीम तेज प्रताप यादव' की सियासी रणनीति
सूत्रों के अनुसार तेज प्रताप की नई पार्टी का नाम ‘टीम तेज प्रताप यादव’ होगा और इसका फोकस युवा, छात्र और ग्रामीण वोट बैंक पर रहेगा। दिलचस्प बात यह है कि अनुष्का यादव की पार्टी में सक्रिय भूमिका को लेकर अटकलें जोरों पर हैं। माना जा रहा है कि वे न सिर्फ तेज प्रताप के साथ प्रचार करेंगी बल्कि पार्टी संगठन में भी अहम जिम्मेदारी संभाल सकती हैं। हालांकि अनुष्का के परिवार ने इस पर अब तक चुप्पी साध रखी है।
वायरल फोटो और कबूलनामा
तेज प्रताप और अनुष्का की एक तस्वीर 26 मई को वायरल हुई थी। दावा किया गया कि दोनों का 12 साल पुराना रिश्ता है। पहले तो तेज प्रताप ने कहा कि उनका फेसबुक अकाउंट हैक हुआ था, लेकिन बाद में खुद माना, “हां, वो पोस्ट मैंने ही डाली थी... अब वो बीती बातें हैं, मेरा फोकस चुनाव पर है।”
RJD को नुकसान, NDA को फायदा?
RJD से 6 साल के लिए बाहर किए गए तेज प्रताप अब अपने दम पर राजनीति करने की तैयारी में हैं। वे हसनपुर में सावन की पहली सोमवारी को पहुंचे और साफ किया कि वे जनता से सीधे जुड़ना चाहते हैं। महुआ या हसनपुर से अगला चुनाव लड़ने पर उन्होंने कहा, “अभी कुछ तय नहीं है।”
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेज प्रताप की यह नई बगावत RJD के पारंपरिक वोटबैंक में सेंध लगा सकती है, खासकर हसनपुर और महुआ जैसी सीटों पर। इसका सीधा फायदा NDA को मिल सकता है, जो पहले से ही ग्रामीण इलाकों में पैर पसार रहा है।
बिहार की राजनीति इस समय एक निर्णायक मोड़ पर खड़ी है। क्या तेज प्रताप यादव अपने नाम और रिश्तों के दम पर नया समीकरण गढ़ पाएंगे या यह एक और सियासी प्रयोग बनकर रह जाएगा? जवाब जल्द मिलेगा, लेकिन इतना तय है कि सियासी पारा अब चढ़ चुका है।
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