TRENDING TAGS :
चुनाव आयोग भाजपा का नौकर है! तेजस्वी का आरोप - बिहार में हो रहा लोकतंत्र का कत्ल, BJP लाएगी राष्ट्रपति शासन?
Bihar Politics: बिहार की सियासत में उबाल ला देने वाला ये बवाल छेड़ा है तेजस्वी यादव ने – जिनके मुताबिक चुनाव आयोग अब ‘संविधान का रक्षक’ नहीं, बल्कि सत्ता का चौकीदार बन गया है।
Bihar Politics: बिहार की राजनीति इन दिनों किसी ज्वालामुखी के मुहाने पर बैठी है। ऊपर से सब कुछ शांत दिखता है, लेकिन ज़मीनी सच्चाई कुछ और ही है। विधानसभा चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है, लेकिन जिस संस्था से निष्पक्षता की उम्मीद थी, अब उसी पर सवालों का तूफान उठ खड़ा हुआ है। बिहार की सियासत में उबाल ला देने वाला ये बवाल छेड़ा है तेजस्वी यादव ने – जिनके मुताबिक चुनाव आयोग अब ‘संविधान का रक्षक’ नहीं, बल्कि सत्ता का चौकीदार बन गया है।तेजस्वी ने जो कहा, वो केवल बयान नहीं है, बल्कि बिहार की लोकतांत्रिक आत्मा पर हमला बताया जा रहा है।
“भाजपा का चुनाव आयोग, मोदी का मिशन बिहार और लोकतंत्र की हत्या”
पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग को खुलेआम कठघरे में खड़ा करते हुए आरोप लगाया कि आयोग भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है।उन्होंने कहा, “हम बार-बार आयोग से मिलने का समय मांग रहे हैं, लेकिन हमें मिलने नहीं दिया जा रहा। ऐसा पहली बार हो रहा है कि जिन राज्यों में चुनाव होने हैं, वहां की विपक्षी पार्टियों को ही दरकिनार कर दिया गया है।” तेजस्वी के अनुसार यह कोई संयोग नहीं, बल्कि एक योजनाबद्ध राजनीतिक ‘मैन्युपुलेशन’ है। उनका दावा है कि मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण के नाम पर वोटरों को हटाया जा रहा है, और पूरा ऑपरेशन सत्तापक्ष के फायदे के लिए रचा गया है।
“चुनाव आयुक्त ‘मिस्टर इंडिया’ क्यों बन गए हैं?”
तेजस्वी ने कटाक्ष भरे लहजे में कहा, “जब एक राज्य में भी निष्पक्ष चुनाव नहीं करा पा रहे तो ‘एक देश, एक चुनाव’ की बात करना सिर्फ दिखावा है।” उन्होंने सवाल दागा – "चुनाव आयुक्त क्या भाजपा के एजेंट बन गए हैं? या फिर जानबूझकर गायब रहकर जनता की आंखों में धूल झोंक रहे हैं?" तेजस्वी के अनुसार, ये एक सोची-समझी स्क्रिप्ट है, जिसके अगले अध्याय में बिहार में राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और नीतीश कुमार दोनों की चुप्पी इस साज़िश को उजागर करती है।
"ये सिर्फ मतदाता सूची नहीं, वोट का जनाज़ा है!"
तेजस्वी यादव ने खुलकर कहा कि "वोटर लिस्ट से लोगों के नाम गायब करना, उन्हें लोकतांत्रिक अधिकार से वंचित करना – यह संविधान की हत्या है।" उनका आरोप है कि भाजपा और चुनाव आयोग मिलकर बिहार में जनादेश को 'प्रोग्राम' कर रहे हैं। तेजस्वी ने यह भी दावा किया कि जब उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव ने खुद आयोग को पत्र लिखा, तब भी कोई जवाब नहीं आया।
"इस बार सिर्फ वोट नहीं छीना जा रहा, लोकतंत्र की लाश पर चुनाव होगा"
राजनीतिक गलियारों में तेजस्वी के इस बयान ने हलचल मचा दी है। महागठबंधन की अन्य पार्टियों ने भी चुनाव आयोग के इस व्यवहार को तानाशाही बताया है। तेजस्वी ने चेतावनी दी है कि अगर आयोग का रवैया नहीं बदला, तो आने वाला चुनाव ‘जनता बनाम सरकारी मशीनरी’ की जंग में बदल जाएगा। उन्होंने कहा कि आज अगर विपक्ष की आवाज़ दबाई जा रही है, तो कल जनता की बारी आएगी – और फिर लोकतंत्र सिर्फ किताबों तक सिमट जाएगा। क्या सचमुच बिहार में लोकतंत्र खतरे में है? क्या चुनाव आयोग निष्पक्ष संस्था से 'राजनीतिक हथियार' बन गया है? या फिर ये तेजस्वी की रणनीतिक चाल है सत्ता पर वापसी की? जवाब छिपा है 2025 के बिहार चुनाव के हर वोट में – जहां तय होगा कि लोकतंत्र जीतेगा या ‘मैनेजमेंट’।
Start Quiz
This Quiz helps us to increase our knowledge