सुप्रीम कोर्ट के नए CJI करेंगे वक्फ कानून पर सुनवाई, 15 मई तक टली डेट, जानें अचानक क्यों बदलने पड़े जज

Supreme Court: वक्फ कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।

Sonali kesarwani
Published on: 5 May 2025 2:17 PM IST (Updated on: 5 May 2025 2:58 PM IST)
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Supreme Court: वक्फ कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करने के लिए तीन जजों की बीच आज फिर से बैठी। लेकिन आज कोर्ट इसपर कुछ फैसला दे पाता उससे पहले ही सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अगले तक की सुनवाई टालने का आग्रह किया। जिसके बाद तीन जजों की बेंच ने सहमति जताते हुए यह मामला 15 मई यानी गुरूवार तक के लिए टाल दिया है। बता दें कि आज सुनवाई के लिए मुख्य न्यायधीश संजीव खन्ना, जस्टिस पीवी संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ बैठी थी।

आज सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायधीश संजीव खन्ना ने सरकार की तरफ से पेश की गई सारी दलीलों और जवाबों को पढ़ लिया। जिसके बाद अदालत ने कहा कि रजिस्ट्रेशन और कुछ आंकड़ों के आधार पर मुद्दे उठाये हैं जिसपर याचिककर्ता ने सवाल भी किया है। अदालत ने कहा कि क्योकि चीफ जस्टिस संजीव खन्ना के रिटायरमेंट के दिन नजदीक है इसीलिए वो अंतिम फैसला या आदेश सुरक्षित नहीं रखना चाहते। इसीलिए देश के अगले सीजेआई जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता में यह पीठ गुरूवार यानी 15 मई को सुनवाई करेगी। जानकारी के लिए बता दें कि वर्तमान चीफ जस्टिस संजीव खन्ना 13 मई को रिटायर हो रहे हैं। जिसके बाद अगले सीजेआई जस्टिस बीआर गवई होंगे।

देशभर में वक्फ कानून के खिलाफ हुआ था हंगामा

देश में वक्फ कानून 5 अप्रैल को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद लागू हो गया था। जिसे लेकर कई राज्यों में हिंसक प्रदर्शन देखने को मिला था। विपक्ष भी इस कानून के खिलाफ जगह जगह रैलियां की थी। बंगाल के मुर्शिदाबाद में तो प्रदर्शन इतना बढ़ गया था कि तीन लोगों की मौत हो भी हो गई थी। इस कानून को लेकर मुस्लिम समुदाय का कहना है कि सरकार इसके जरिये उनके जमीनों पर कब्ज़ा करना चाह रही है। इसीलिए मुस्लिम समुदाय ने इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 75 से ज्यादा याचिकाएं दायर की गई थी। जिसमें से कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लीमीन के सांसद असद्दुदीन ओवैसी का नाम सबसे ऊपर था।

इस कानून के खिलाफ पहली सुनवाई के दौरान सरकार ने अदालत को भरोसा दिया था कि कानून के विवादित प्रावधान जिनमें इस्तेमाल के आधार पर वक्फ मानी जाने वाली संपत्तियां, अदालत की तरफ से घोषित वक्फ संपत्ति और वक्फ बोर्ड या काउंसिल में गैर मुसलमानों की एंट्री पर फिलहाल कोई पहल न करने का वादा किया था।

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