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अमित शाह ने पहली बार तोड़ी चुप्पी, बताया- धनखड़ ने क्यों दिया इस्तीफा
Amit Shah clarifies on Dhankhar Exit: अमित शाह ने यह भी जोड़ा कि यदि उस फैसले की दिशा अलग होती तो आज नक्सल प्रभावित इलाकों की स्थिति बहुत भिन्न होती।
Amit Shah on Vice President: देश के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अप्रत्याशित इस्तीफे को लेकर पहली बार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सार्वजनिक रूप से प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि धनखड़ ने अपने कार्यकाल के दौरान पूरी तरह से संविधान का पालन करते हुए कार्य किया और उनका इस्तीफा स्वास्थ्य संबंधी कारणों के चलते हुआ है।
अमित शाह ने एक न्यूज एजेंसी में बातचीत के दौरान कहा कि धनखड़ जी एक संवैधानिक पद पर थे और उन्होंने हमेशा मर्यादाओं का पालन किया। किसी तरह की साजिश या अटकलों की कोई गुंजाइश नहीं है। उनके इस्तीफे को लेकर अफवाहें फैलाना पूरी तरह अनुचित है। उन्होंने आगे कहा कि जगदीप धनखड़ ने प्रधानमंत्री, मंत्रिपरिषद और सांसदों का धन्यवाद व्यक्त करते हुए खुद को सौभाग्यशाली बताया कि उन्हें सेवा का अवसर मिला। धनखड़ के बारे में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि वे सत्ता परिवर्तन की कोशिश में लगे थे। इस पर अमित शाह ने सख्ती से कहा कि ऐसी बातें निराधार और भ्रामक हैं। न तो उन्होंने कभी ऐसी कोई मंशा जाहिर की और न ही कोई संकेत। बात का बतंगड़ बनाना गलत है।
नए उपराष्ट्रपति को लेकर बयान: दक्षिण भारत को मिला प्रतिनिधित्व
अमित शाह ने नए उपराष्ट्रपति उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को लेकर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि देश के पूर्व, पश्चिम और उत्तर क्षेत्रों से पहले ही उच्च पदों पर प्रतिनिधित्व मिल चुका है। ऐसे में अब दक्षिण भारत से उपराष्ट्रपति चुना जाना संतुलित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करता है।
रेड्डी के फैसलों ने नक्सलवाद को बढ़ाया
विपक्ष के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी पर अमित शाह ने कड़ा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि रेड्डी ने अपने फैसलों के जरिए वामपंथी विचारधारा को बढ़ावा दिया और नक्सलवाद को बढ़ने का मौका दिया। गृह मंत्री ने कहा कि जब छत्तीसगढ़ में सलवा जुडूम अभियान चलाया गया था, जिसे नक्सलियों से लड़ने के लिए लाया गया था, तब रेड्डी ने उसे रद्द कर दिया। इससे दो दशक तक देश को हिंसा झेलनी पड़ी। अमित शाह ने यह भी जोड़ा कि यदि उस फैसले की दिशा अलग होती तो आज नक्सल प्रभावित इलाकों की स्थिति बहुत भिन्न होती। गौरतलब है कि सुदर्शन रेड्डी ने पहले ही अमित शाह को जवाब देते हुए कहा है कि वे पहले उनका 40 पन्नों का जजमेंट पढ़ें, फिर टिप्पणी करें।
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