भारत–पाकिस्तान संघर्ष: कारण, सैन्य अभियान और परिणाम, यहां जाने तब से अब तक क्या-क्या हुआ

India Pakistan Conflict Full Report: पाकिस्तान-स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के एक घटक संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली। भारत सरकार ने तुरंत पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि वह आतंकियों को समर्थन दे रहा है...

Yogesh Mishra
Published on: 18 May 2025 12:45 PM IST (Updated on: 18 May 2025 12:48 PM IST)
India Pakistan Conflict Full Report
X

India Pakistan Conflict Full Report

India Pakistan Conflict Full Report: 22 अप्रैल, 2025 को भारत-प्रशासित कश्मीर के पहलगाम के समीप स्थित बैसारन पर्यटन स्थल पर एक भयावह आतंकी हमला हुआ। आतंकियों ने पर्यटकों के एक समूह पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई — इनमें कई हिंदू तीर्थयात्री और एक नेपाली नागरिक भी शामिल था। दर्जनों लोग घायल हुए। यह जनसंहार भारत में 2008 के मुंबई हमलों के बाद से नागरिकों पर सबसे घातक हमला माना गया, जिसकी बर्बरता ने देश को झकझोर दिया — कई पीड़ितों को उनके परिजनों के सामने ही करीब से गोली मारी गई।

पाकिस्तान-स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के एक घटक संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली। भारत सरकार ने तुरंत पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि वह आतंकियों को समर्थन दे रहा है — भारत ने यह भी दावा किया कि हमले में शामिल कम से कम दो आतंकी पाकिस्तानी नागरिक थे और TRF की कड़ियाँ पाकिस्तान समर्थित आतंक नेटवर्क से जुड़ी हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ़ ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इस हमले की निंदा की और एक निष्पक्ष अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की।


यह हमला कश्मीर विवाद से जुड़ी पहले से जटिल स्थिति को और भड़काने वाला साबित हुआ। कुछ ही दिनों में भारत-पाकिस्तान के बीच राजनयिक संबंधों में तीव्र गिरावट आई।

भारत की प्रतिक्रिया

23 अप्रैल को भारत सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए एक के बाद एक कदम उठाए:


  1. सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया गया — यह संधि भारत और पाकिस्तान के बीच जल बंटवारे का मुख्य आधार रही है।
  2. द्विपक्षीय व्यापार, वीजा सुविधा और राजनयिक संपर्क पर अंकुश लगाया गया।
  3. हवाई क्षेत्र को एक-दूसरे के विमानों के लिए बंद कर दिया गया और रक्षा सलाहकारों को निष्कासित कर दिया गया।

इस बीच पाकिस्तान ने चेतावनी दी कि यदि भारत ने साझा नदियों के प्रवाह में कोई छेड़छाड़ की, तो उसे युद्ध की घोषणा माना जाएगा और पूरा बल प्रयोग किया जाएगा।

अप्रैल के अंतिम सप्ताह में नियंत्रण रेखा (LoC) पर गोलाबारी और झड़पें शुरू हो गईं। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों ने दावा किया कि भारत सैन्य हमला करने की तैयारी कर रहा है। भारत ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान ने दो सप्ताह बीत जाने के बावजूद हमलावरों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, जिससे भारत को सीधा कदम उठाने के लिए विवश होना पड़ा।

भारत का यह मानना था कि हमले के दो सप्ताह बाद भी पाकिस्तान ने दोषियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, जिससे उसे सीधे हस्तक्षेप करने को मजबूर होना पड़ा। भारतीय विदेश सचिव ने पाकिस्तान पर “इनकार और आरोप” लगाने का आरोप लगाया, जबकि उसे अपनी ज़मीन पर मौजूद आतंकी ढांचे पर कार्रवाई करनी चाहिए थी।

जन आक्रोश और कार्रवाई की मांग


भारत में इस हमले को लेकर पूरे राजनीतिक स्पेक्ट्रम में जबरदस्त आक्रोश था। चारों ओर से आतंकियों के खिलाफ सशक्त जवाबी कार्रवाई की मांग उठ रही थी। यही उबाल मई 2025 के पहले सप्ताह में हुए अचानक सैन्य टकराव का कारण बना।

7 मई 2025 – ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत

7 मई की सुबह तड़के, भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान के भीतर आतंकवादी ठिकानों पर एक समन्वित आश्चर्यजनक हमला किया। इस ऑपरेशन को कोडनेम “ऑपरेशन सिंदूर” दिया गया। इसमें लगभग 23 मिनट के भीतर पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर और पंजाब प्रांत के नौ ठिकानों पर 14 सटीक हमले किए गए। भारतीय वायुसेना के राफेल फाइटर जेट्स ने फ्रांस निर्मित SCALP क्रूज़ मिसाइलों और हैमर ग्लाइड बमों से आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों को निशाना बनाया—इनमें बहावलपुर और मुरिदके स्थित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने शामिल थे।


सरकार ने इन हमलों को “केवल आतंकवादी ढांचे” को निशाना बनाने वाला, “संतुलित और गैर-विस्तारित” ऑपरेशन बताया और जानबूझकर पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों से दूरी बनाए रखी। एक पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी ने स्वीकार किया कि भारतीय लड़ाकू विमान पाकिस्तानी वायुसीमा में नहीं घुसे और लंबी दूरी की मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया।

8 मई 2025 – ड्रोन और मिसाइल हमले

8 मई को तड़के पाकिस्तान ने दर्जनों सशस्त्र ड्रोन और मिसाइल भारत के कई शहरों (जैसे पंजाब के अमृतसर) की ओर दागे। भारत ने हाल ही में तैनात किए गए S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली से कई हमलों को नाकाम किया। यह पहला मौका था जब भारत ने S-400 का युद्ध में उपयोग किया। भारत ने इन हमलों को नागरिक केंद्रों को निशाना बनाने का प्रयास बताया और पलटवार को “मजबूरी” कहा।

भारत ने जवाबी कार्रवाई में लाहौर के आसपास पाकिस्तानी वायु रक्षा राडारों को निष्क्रिय करने के लिए SEAD (शत्रु वायु रक्षा को दबाने) अभियान चलाया। दर्जनों भारतीय ड्रोन और इजरायली Harop “लॉइटरिंग म्यूनिशन” पाकिस्तानी हवाई अड्डों और ढांचों को निशाना बनाने भेजे गए। पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने 12 भारतीय ड्रोन और बाद में 25 Harop ड्रोन गिराए, साथ ही इनके मलबे की तस्वीरें भी जारी कीं।


शाम को, पाकिस्तान ने भारत की ओर 8 बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जिनमें से एक लंबी दूरी की फतह-II मिसाइल दिल्ली के करीब उड़ान में ही इंटरसेप्ट की गई। जम्मू और यहां तक कि राजस्थान के जैसलमेर तक विस्फोटों की खबरें आईं। भारत ने दावा किया कि उसकी S-400 प्रणाली ने सभी मिसाइलों को रोक दिया, हालांकि कुछ स्थानों पर हल्का नुकसान हुआ। भारत ने बताया कि पाकिस्तान ने 300-400 ड्रोन (कुछ तुर्की मूल के बताए गए) उत्तर भारत के 36 ठिकानों पर समन्वित हमले के लिए भेजे—यह ड्रोन युद्ध का दक्षिण एशिया में पहला अभूतपूर्व उदाहरण था।

9 मई 2025 – झड़पें और आरोप-प्रत्यारोप जारी

8 मई की रात भीषण युद्ध के बाद, 9 मई की सुबह कुछ घंटे का विराम देखा गया—करीब 12–13 घंटे तक गोलीबारी नहीं हुई। लेकिन दोपहर तक संघर्ष फिर भड़क उठा। पाकिस्तान ने पुंछ, उरी, कुपवाड़ा और सांबा जैसे भारतीय कश्मीर के कई क्षेत्रों में ताजा तोपखाना हमले किए, जिनका भारतीय सेना ने जवाबी गोला-बारी से उत्तर दिया। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर नागरिक और धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने का आरोप लगाया।

पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया कि भारतीय मिसाइलों ने पाकिस्तान के ननकाना साहिब स्थित एक ऐतिहासिक सिख गुरुद्वारे को निशाना बनाया, जिसे भारत ने कड़े शब्दों में खारिज किया। दूसरी ओर भारत ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान ने कश्मीर के पुंछ जिले में एक सिख गुरुद्वारे पर ड्रोन हमला किया जिसमें एक धार्मिक नेता की मौत हुई। ये आरोप दोनों देशों की “प्रचार युद्ध” का हिस्सा बन गए।


पाकिस्तान की सेना ने फिर दोहराया कि उसने भारतीय शहरों पर कोई मिसाइल या ड्रोन हमला नहीं किया और भारत के आरोपों की निष्पक्ष जांच की मांग की। यहां तक कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने यह तक कह दिया कि भारत ने खुद अपने क्षेत्र में हमला किया ताकि झूठा बहाना बना सके—जिसे भारत ने “इस्लामाबाद की मानसिक कसरत” बताते हुए खारिज किया।

उसी दिन, भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने नई दिल्ली में प्रेस वार्ता में कहा कि भारत “गंभीरता से युद्ध बढ़ाना नहीं चाहता, बशर्ते पाकिस्तान भी हमले रोके”, जिससे पाकिस्तान को शांति की पहल का मौका दिया गया। लेकिन दोनों पक्षों के बीच अविश्वास कायम रहा। पाकिस्तान की सेना का दावा था कि अब तक उन्होंने 77 भारतीय ड्रोन मार गिराए, वहीं भारत ने अधिकतर पाकिस्तानी मिसाइलों और ड्रोन को मार गिराने का दावा किया।

इस बिंदु तक, हताहतों की संख्या बढ़ चुकी थी और युद्ध विराम की मांग तेज होने लगी थी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह चिंता बढ़ रही थी कि यह संघर्ष नियंत्रण से बाहर हो सकता है। दोनों देशों ने अपने परमाणु बलों को अलर्ट पर डाल दिया था और पाकिस्तान ने 10 मई को अपने नेशनल कमांड अथॉरिटी की बैठक बुलाई।

10 मई 2025 – चरम बिंदु और युद्धविराम

10 मई की आधी रात के बाद, पाकिस्तान ने “ऑपरेशन बुनेयन-उल-मरूसस” (अरबी में “अभेद्य किला”) नामक एक बड़ा जवाबी हमला शुरू किया। इस हमले में पाकिस्तान ने भारत के तीन वायुसेना ठिकानों (पंजाब और राजस्थान में) पर मिसाइलें दागीं। एक लंबी दूरी की मिसाइल को सिरसा वायुसेना स्टेशन के पास इंटरसेप्ट किया गया, जो संभावित रूप से दिल्ली की ओर जा रही थी।

रात 2–3 बजे के बीच, भारत ने जवाबी हमलों में पाकिस्तान के हवाई ठिकानों पर मिसाइलें दागीं। इस्लामाबाद के पास रावलपिंडी स्थित नूर खान एयरबेस पर भारतीय मिसाइलें गिरीं, जिससे क्षेत्र में आग और दहशत फैल गई। पाकिस्तान वायुसेना ने नूर खान (चकला), रफीकी (शोरकोट) और मुरिद जैसे बेसों पर हमलों की पुष्टि की, लेकिन दावा किया कि “ज्यादातर” भारतीय मिसाइलें इंटरसेप्ट कर ली गईं।


हालांकि उपग्रह चित्र और चश्मदीदों की रिपोर्ट से पुष्टि हुई कि भारत के इन हमलों ने पाकिस्तान के कई एयरबेस को नुकसान पहुंचा-जैसे रहीम यार खान एयरपोर्ट और सर्गोधा, जैकोबाबाद बेस।

दोपहर में संघर्षविराम

हालात के और बिगड़ने से पहले, 10 मई को दोपहर में दोनों देशों के डीजीएमओ (सेना संचालन महानिदेशक) के बीच हॉटलाइन पर बात हुई और 5:00 बजे भारतीय समयानुसार औपचारिक युद्धविराम घोषित किया गया। विशेष बात यह रही कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान से पहले सोशल मीडिया पर युद्धविराम की घोषणा कर दी थी। युद्धविराम के बावजूद उसी शाम कुछ गोलाबारी और ड्रोन गतिविधि देखी गई, लेकिन दोनों सरकारों ने रात भर कोई बड़ा हमला नहीं किया।

12 मई 2025 – संघर्ष के बाद की स्थिति

युद्धविराम के बाद दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी ‘जीत’ की घोषणा की। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई को राष्ट्र को संबोधित किया और “ऑपरेशन सिंदूर” की सफलता बताया। उन्होंने कहा कि भारत ने अभी केवल “प्रतिकार रोका है”, यदि पाकिस्तान ने फिर से आतंक का सहारा लिया तो भारत फिर हमला करेगा। पाकिस्तान की ओर से भी हताहतों की जानकारी दी गई और शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने शांति के लिए कूटनीतिक प्रयास तेज कर दिए। पाकिस्तान ने 11–12 मई को अपना वायु क्षेत्र फिर से खोल दिया और दोनों देशों के प्रतिनिधियों की एक संभावित बैठक की बात उठी। हालांकि संघर्ष शांत हुआ, लेकिन दोनों देशों की सेनाएं अलर्ट पर रहीं और स्थिति नाजुक बनी रही।

सैन्य अभियान और रणनीतिक स्थिति

ऑपरेशन सिंदूर (भारत का हवाई/मिसाइल हमला)

भारत द्वारा किए गये हमले को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया। इसे एक सीमित लेकिन निर्णायक आतंक-रोधी अभियान के रूप में डिजाइन किया गया था। 6–7 मई की रात को लॉन्च हुए इस ऑपरेशन में लंबी दूरी की मिसाइलों, गाइडेड बमों और क्रूज़ मिसाइलों की मदद से पाकिस्तान की धरती में गहरे छिपे आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया।

मुख्य लक्ष्य थे – जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के 9 प्रशिक्षण शिविर। बहावलपुर में जैश और मुरिदके (लाहौर के पास) में लश्कर का मुख्यालय प्रमुख निशाने पर थे। भारत ने इन ठिकानों को “वैश्विक आतंक की यूनिवर्सिटी” करार दिया।


‘सिंदूर’ नाम का चयन प्रतीकात्मक था – भारतीय संस्कृति में सिंदूर विवाह का प्रतीक है, और यह हमले पहलगाम में मारी गई महिलाओं के ‘विधवापन’ का बदला दर्शाते थे।

सैन्य दृष्टि से, ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की नई सैन्य क्षमताओं का प्रदर्शन किया। वायुसेना के राफेल जेट्स ने बिना सीमा पार किए फ्रांसीसी SCALP क्रूज़ मिसाइलें दागीं। जमीन से ब्रह्मोस मिसाइलें और इज़रायली स्काईस्ट्राइकर ड्रोन (कामिकाजे ड्रोन्स) से भी हमले किए गए। भारतीय नौसेना ने भी पश्चिमी सागर में INS विक्रांत के नेतृत्व में युद्धपोत तैनात किए।

सरकार ने इन हमलों को “गैर-उकसाने वाले, सीमित और केवल आतंक के खिलाफ” करार दिया। शुरूआती दो दिनों में केवल आतंकी शिविर ही निशाना बनाए गए, पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों से बचा गया। लेकिन जैसे-जैसे पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई तेज हुई, भारत ने ऑपरेशन सिंदूर का दायरा बढ़ा दिया और 10 मई को पाकिस्तानी वायु ठिकानों पर भी हमले किए।

पाकिस्तानी प्रतिक्रिया – ऑपरेशन ‘बुनयान-उल-मरूसस’

भारत के ऑपरेशन सिंदूर का जवाब पाकिस्तान ने 10 मई को ‘बुनयान-उल-मरूसस’ नामक अभियान से दिया। इसके तहत पाकिस्तानी सेना ने कई दिशाओं से हमले किए – छोटी दूरी की नासर और मध्यम दूरी की शाहीन मिसाइलें, J-10CE और F-16 लड़ाकू विमानों से हवाई हमले और भारी मात्रा में सशस्त्र ड्रोन से भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया।


पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने भारत के पंजाब, जम्मू और राजस्थान के वायुसेना ठिकानों को नुकसान पहुंचाया, मिसाइल भंडारण स्थल और S-400 जैसे रडार को नष्ट किया। हालांकि भारत ने इन दावों को “झूठा प्रचार” बताया और उपग्रह चित्रों के साथ साबित किया कि अधिकांश ठिकानों को कोई गंभीर नुकसान नहीं हुआ।

एक और उल्लेखनीय बिंदु यह था कि पाकिस्तानी हैकर्स ने भारतीय सैन्य उपग्रहों और सरकारी वेबसाइटों पर साइबर हमले करने का प्रयास किया।

ड्रोन युद्ध का युग

इस संघर्ष की सबसे बड़ी विशेषता थी – दोनों देशों द्वारा भारी मात्रा में ड्रोन और मिसाइलों का प्रयोग। विश्लेषकों ने इसे दक्षिण एशिया का पहला “ड्रोन युद्ध” कहा। पाकिस्तान को तुर्की से 350 से अधिक ड्रोन मिले थे। भारत की ओर से रूस से प्राप्त S-400 वायु रक्षा प्रणाली ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और कई ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराया।


हवाई संघर्ष भी दशक में सबसे अधिक तीव्र था। पाकिस्तान ने कुछ भारतीय विमान मार गिराने का दावा किया, जिनमें मिग-29 और एक राफेल शामिल थे। वहीं भारत ने एक पाकिस्तानी मिराज-V को मार गिराने का वीडियो जारी किया। यह टकराव 1971 युद्ध के बाद भारत–पाक का सबसे बड़ा हवाई संघर्ष माना गया।

मानवीय प्रभाव और हताहत

संक्षिप्त अवधि के बावजूद, इस संघर्ष ने दोनों देशों में मानव जीवन पर गहरा प्रभाव डाला।

• भारत:

पाकिस्तान की गोलाबारी और ड्रोन हमलों में 21 नागरिकों की मौत हुई, जिनमें 5 लोग जम्मू के एक मंदिर में ड्रोन हमले से मारे गए। कई गांवों में नुकसान, सैकड़ों लोग अस्थायी राहत शिविरों में भेजे गए। 5 भारतीय सैनिक शहीद हुए, जिनमें वायुसेना के दो पायलट शामिल हैं।

• पाकिस्तान:

भारत के हमलों में 40 पाकिस्तानी नागरिक मारे गए, जिनमें 7 महिलाएं और 15 बच्चे शामिल थे। 121 घायल हुए। नूर खान एयरबेस के पास स्थित आवासीय क्षेत्रों में दहशत फैली। 11 सैनिकों के मारे जाने की पुष्टि हुई और कई सैन्य उपकरणों को नुकसान पहुंचा।

आर्थिक व सामाजिक प्रभाव

  1. कश्मीर में पर्यटन उद्योग को गहरा झटका लगा। यात्राएं और तीर्थयात्राएं रद्द कर दी गईं।
  2. पंजाब में फसल कटाई प्रभावित हुई।
  3. पाकिस्तान में कुछ एयरपोर्ट व बंदरगाह बंद रहे, जिससे व्यापार प्रभावित हुआ।
  4. मानवाधिकार संगठनों ने नागरिकों पर हमले के लिए दोनों देशों की निंदा की।

क्षेत्रीय स्थिरता और भविष्य

1. पुराने संतुलनों का अंत

इस संकट ने भारत-पाक के बीच की वह “अनौपचारिक सीमाएं” तोड़ दीं जो अब तक सीमित जवाब और कम जोखिम की रणनीति का हिस्सा थीं। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के मुख्य भूभाग में सैन्य ठिकानों पर हमला किया।

2. परमाणु संकट की छाया

दोनों देशों ने अप्रत्यक्ष रूप से अपने परमाणु हथियारों की बात की। भारत ने स्पष्ट किया कि वह “परमाणु ब्लैकमेल” नहीं मानेगा और आतंकवाद का जवाब देगा। यह खतरनाक स्थिति है क्योंकि किसी भी दुर्घटना से हालात और बिगड़ सकते थे।

3. सैन्य होड़ का नया दौर

भारत ने दिखाया कि राफेल, एस-400, ब्रह्मोस जैसे हथियारों में उसकी बढ़त है। पाकिस्तान अब अधिक ड्रोन और आधुनिक रक्षा प्रणालियों की ओर बढ़ेगा। दोनों देश साइबर युद्ध के क्षेत्र में भी अधिक निवेश कर सकते हैं।

4. बातचीत की संभावना और ठोस परिणाम

वर्तमान में दोनों देशों के रिश्ते तनावपूर्ण बने रहेंगे। भारत अब आतंकवाद के खिलाफ “लक्ष्मण रेखा” खींच चुका है और भविष्य में फिर हमला कर सकता है। पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता की बात कर सकता है, जिसे भारत खारिज करता है।

5. युद्धविराम का भविष्य

2003 में हुआ LOC सीज़फायर (2021 में दोहराया गया) अब खतरे में है। हालाँकि 10 मई का युद्धविराम लागू है, पर ड्रोन की उड़ानें और गोलाबारी अब भी देखी गई हैं।

निष्कर्ष:

2025 का यह भारत-पाक संघर्ष भले ही छोटा रहा हो, लेकिन यह परमाणु संपन्न दो राष्ट्रों को युद्ध के कगार तक ले आया। “ऑपरेशन सिंदूर” और उसके प्रभाव आने वाले वर्षों में दक्षिण एशिया की सुरक्षा राजनीति को प्रभावित करते रहेंगे। दोनों देशों को इस संकट से सीख लेकर संवाद और समझदारी का मार्ग खोजना होगा, वरना अगली बार स्थिति और भयावह हो सकती है।

Start Quiz

This Quiz helps us to increase our knowledge

Admin 2

Admin 2

Next Story